Made in India
નીકળ્યો છું હું સુખ ની શોધ માં
દેતવા નથી ઠરતા અંદર ના સાગર માં...
ગોતું છું ખુદ ને દિશા વગર ના રણ માં,
મળું છું એક મૃગજળ ના રૂપ માં...
ઊડવું છે મારે મન નાં આકાશ માં,
કેદ છું પોતાના જ પિંજરા માં..
જોયા છે મેં સાધુ ને ભગવા વસ્ત્ર…
ContinueAdded by Jayveersinh Aswar on August 30, 2020 at 12:28pm — No Comments
ज़िन्दगी को सुन्दर मानते थे हम,
उसके हर एक पल को जीना चाहते थे हम ,
जिंदगी की चाहत में जाने कितने अपनों से रुठ गए
जाने कितने दूर हो गए,
पर ज़िंदगी के आखरी पलो में ,
कितना कुछ कहने का मन करता है !
जिनसे जान बूझकर रूठ गए थे
उन्हें मानाने ,अनकही बाते सुनाने का मन करता है !
जिन्हे इंतज़ार करवाते रहने का एहसास तक न था
आज उन संग दो घड़ी बिताने का मन करता है !
इन आखरी पलों में एहसास हुआ जैसे
जिंदगी से सुन्दर तो मौत है ,
जब भी वो सामने आती है…
Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 1:05am — 1 Comment
"वो सूरज है दिन के उजाले में
और चाँद है मेरी रातो का!
झुलसती हु तपिश में जिसकी ,
सूरज बन वो, दिन रोशन कर जाता है !
वक़्त गुजरते, शाम ढले जब,
घनघोर अँधेरा छाता हैं,
रूप बदल वो, सावर्या
चाँद, मेरा बन जाता है!
रात डूबा कर, चांदनी में,
मुझे शीतल कर जाता है !
वो सूरज और चाँद है मेरा,
देखो कैसे बेहलाता है?
वो सूरज और चाँद हैं मेरा
कुछ ऐसे मुझे सताता है! "
@Geeta Negi…
Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 12:47am — No Comments
शौर में चीख,
सुनाई नहीं देती!
किसी के अंदर की आवाज़,
बाहर नहीं आती,
कोई देख के चीज़े,
अंदेखा करता है !
तो कोई बिन आँखों के,
सब देख लेता हैं!
कुछ हादसे,
यु घट जाते है,
भीतर से हमे,
हिल्ला जाते है !
मन केहता है,
कैसे अनदेखा कर दू इसे?
और धीमे हलक से
आवाज़ बहार आती है !
बाहर के शौर में,
वो दबी रह जाती है !
अंतर मन में ,
द्वंध मचा कर जाती है !
अजब - गजब की ये दुनिया है,
कोई…
Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 12:00am — No Comments
Added by Habib Rehman(mere_ankahe_alfaaz) on August 29, 2020 at 11:14pm — No Comments
ਬਚਪਨ
ਉਹ ਬਚਪਨ ਦਾ ਜਮਾਨਾ ਸੀ।
ਜਿਵੇ ਸੁਪਨਾ ਇੱਕ ਸੁਹਾਣਾ ਸੀ।
ਸ਼ਾਮੀ ਬਰਾਂਡੇ ਵਿੱਚ ਬੈਂਦੇ ਸੀ।
ਸਾਰੇ ਕੋਲ ਕੋਲ ਰਹਿੰਦੇ ਸੀ।
ਸੋਨੂੰ ਸਾਡਾ ਭਰਾ ਸੀ।
ਸਾਡੀ ਟੌਰ ਸਭ ਤੋ ਜੁਦਾ ਸੀ।
ਜਦੋਂ ਸੈਕਲਾ ਤੇ ਤੁਰਦੇ ਸੀ।
ਛੱਲੀ ਖਾ ਕੇ ਬੁੱਕਦੇ ਸੀ।
ਸਾਡੇ ਸੁਪਨੇ ਬਹੁਤ ਨਿੱਕੇ ਸੀ।
ਸਾਡੀ ਜੇਬਾ ਵਿੱਚ ਖਣੰਕਦੇ ਸਿੱਕੇ ਸੀ।
ਸ਼ਾਮੀ ਪਿੱਠੂ ਗ੍ਰਾਮ ਖੇਡ ਦੇ ਸੀ।
ਰੇਤ ਦੇ ਟਿਲੇ ਉੱਤੇ ਰੋੜਦੇ ਸੀ।
ਸਾਡਾ ਕ੍ਰਿਕਟ ਸਾਡੀ ਜਾਣ ਸੀ।
ਉਹ ਕਲੋਨੀ ਦੀ ਕੁੜੀ ਬੜੀ ਠਾ ਸੀ।
ਜੋ ਯਾਰ ਸਾਨੂੰ ਮਾਣਦਾ ਸੀ।
ਉਹ ਰਾਜ ਸਾਡੇ ਜਾਣਦਾ ਸੀ।…
Added by Jasmine Singh on August 29, 2020 at 8:25pm — 1 Comment
Added by Sakshi garg on August 29, 2020 at 8:07pm — No Comments
मिठाई खाने का मज़्ज़ा
बचपन में कुछ यु आता था
माँ देती थी पूरा लड्डू
जो टुकटो में खाया जाता था !
थोड़ा खा के ,
थोड़ा बचा के रखते थे
सब का ख़त्म हो जाने पे
जिससे निकल हम खाते थे !
वो थोड़ा थोड़ा टूकडा उस वक़्त
बेहद मीठा हो जाता था
जब खाते वक़्त उसको
चुपके से कोई खा जाता था !
अब वो मज़ा नहीं रहा खाने में
अब नहीं रही बात चुरा के खाने में
जो मज़ा आता था बाँट के खाने में
नहीं मिलता पुरा लड्डू खाने में…
Added by Geeta Negi on August 29, 2020 at 2:07pm — 1 Comment
जिन्हे इश्क़ है आज़ादी से,
अक्सर लम्बी उड़ान भरते है ;
सारा जहाँ जिसका हो,
वो परिंदो सा उड़ा करते है!
ना ख़्वाहिशे ज़ंजीरें बनती है ,
ना कदम डगमगाते हैं
ज़िंदगी में कोई भी मुश्किल आये
वो पल में हल कर जाते है !
जिन्हे इश्क़ है आज़ादी से,
वो कहाँ बंधन में बांधते हैं?
नील गगन पुकारे जिनको
ज़मी पे कहाँ रह पाते हैं?
@Geeta Negi…
Added by Geeta Negi on August 28, 2020 at 10:57pm — No Comments
वो बातें अधूरी ही रह गई...
वो कल जरूरी थी या नहीं,
आज जरूरी सी लग रही,
पर क्या करे,
वो बाते अधूरी ही रह गई...
सिर्फ लब्जो की ही नहीं,
जज्बातों की भी हो गई थी कमी,
पर क्या करे,
वो बाते अधूरी ही रह गई...
Added by Nagma Nigar on August 28, 2020 at 8:21pm — No Comments
ना जाने कैसी खुराफात ये दिल कर बैठा है,,
कि अपनी हर धड़कन पर तुम्हारा नाम मुकर्रर कर बैठा है,,
कहने को तो मेरा है पर मेरी सुनता कहां है,,
तुम्हारे हर खयाल पे ये खुद को बेइंतहा बेसब्र कर बैठा है ।।
Added by Sakshi garg on August 28, 2020 at 6:49pm — 1 Comment
શિલાલેખ
રહેવા દે તું,
શબ્દોનાં આ ત્રાજવા
ટૂંકા પડશે
મારી અશબ્દ વેદનાઓને
તોલમાપનું કોઈ ગણિત
નહિ પરવડે
શકુની પાસેથી
ઉધાર લીધેલા પાસાઓ
તેં અનેકવાર ફેંકી જોયા
પરંતુ
મેં તો મારા મનની મિરાંત
ક્યારનીય એમનેમ
દાવ પર લગાડી દીધેલ છે
હું પામું કે ગુમાવું
તું જીતે કે હારે
આ…
ContinueAdded by Nikhil Joshi on August 28, 2020 at 3:09pm — No Comments
साँसे-
कितनी बार उलझी हैं
ये तुम्हारी धड़कनों में
वो किस्सा याद है जब
तुम्हारी शर्ट की बटन
से ये उलझ के अटक
गई थी और साँसों को
सुलझाने के चक्कर में
टूट गई आज भी वो
सांसो में उलझी हुई
बटन मेरे पास है...
Added by Firdous on August 28, 2020 at 2:16pm — No Comments
चांद जितनी चाहत है,
जुगनू जितनी हैसियत है मेरी...
ख्वाहिशों की दुनिया में,
बस अधूरे ख्वाब ही मिल्कियत है मेरी..
मिल्कियत= 'जागीर', ' जायदाद '
Added by Sakshii Subhash Tiwari on August 28, 2020 at 12:08am — No Comments
2024
2023
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
2011
2010
2009
1999
1970
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
© 2025 Created by Facestorys.com Admin.
Powered by
Badges | Report an Issue | Privacy Policy | Terms of Service