Made in India
Posted on February 16, 2021 at 11:18pm 0 Comments 2 Likes
जब मुझे पता चला कि तुम पानी हो
तो मै भीग गया सिर से पांव तक ।
जब मुझे पता चला कि तुम हवा की सुगंध हो
तो मैंने एक श्वास में समेट लिया तुम्हे अपने भीतर।
जब मुझे पता चला कि तुम मिट्टी हो
तो मै जड़ें बनकर समा गया तुम्हारी आर्द्र गहराइयों में।
जब मुझे मालूम हुआ कि तुम आकाश हो
तो मै फैल गया शून्य बनकर।
अब मुझे बताया जा रहा है कि तुम आग भी हो•••
तो मैंने खूद को बचा कर रख है तुम्हारे लिए।
Posted on October 14, 2020 at 10:16am 1 Comment 2 Likes
अक्सर सिर की छत बन कर धूप और बारिश से बचा लेता है पिता...
यूं ही नहीं उसे आसमान से भी ऊंचा कहते ।
Posted on October 14, 2020 at 10:13am 0 Comments 2 Likes
कुछ बातें इन दो कारणों से भी तकलीफ दे देती हैं :
1• काश ! ये सब सच होता ।;
2• काश ! ये सब झूठ होता ।
Posted on October 10, 2020 at 9:02pm 0 Comments 3 Likes
मुझे रखा छांव में, खुद जलते रहे धूप में...
हां मैंने देखा है फरिश्ता अपने पिता के रूप में ।।
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 0 Comments 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
Posted by Sakshi garg on February 16, 2021 at 11:18pm 0 Comments 2 Likes
जब मुझे पता चला कि तुम पानी हो
तो मै भीग गया सिर से पांव तक ।
जब मुझे पता चला कि तुम हवा की सुगंध हो
तो मैंने एक श्वास में समेट लिया तुम्हे अपने भीतर।
जब मुझे पता चला कि तुम मिट्टी हो
तो मै जड़ें बनकर समा गया तुम्हारी आर्द्र गहराइयों में।
जब मुझे मालूम हुआ कि तुम आकाश हो
तो मै फैल गया शून्य बनकर।
अब मुझे बताया जा रहा है कि तुम आग भी हो•••
तो मैंने खूद को बचा कर रख है तुम्हारे लिए।
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