March 2015 Blog Posts (111)

MAhila Diwas

आज है, …
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Added by Sanyukta on March 7, 2015 at 10:23am — No Comments

ગોખણપટ્ટી:

ગોખણપટ્ટી:

રે એકડો ઘૂંટ્યા કરે તે માનવી, એમેય ,

જીવ્યા વિના મરતો રહે, તે માનવી, એમેય .

આદત રહી જે માનવીની જીદ કરવાની,

રે ક્યાં કશું શીખી શકે તે માનવી, એમેય .

હા! ‘આ ઘડી’ ને ‘તે ઘડી’…

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Added by Janak Desai on March 6, 2015 at 7:57am — No Comments

કાલ્પ્નીક દુનીયા...

 

સ્નેહ નીતરતી આંખનું મળવાનુ યાદ છે,
ઝીલવા કરેલ હાથ ને થામવાનુ યાદ છે....


પ્રણય ની ગોષ્ઠિ માં દોટ મુકીને મળવાનુ યાદ છે,

વિરહ…
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Added by Rekha M Shukla on March 5, 2015 at 7:49pm — No Comments

"ગગને પુનમનો ચાન્દ"

http://wwwgaganepoonamnochandcom-rekha.blogspot.com/ ગુજરાતી સાહિત્યપ્રેમીઓને મારો આ પ્રયાસ ગમશે અને નવી પેઢીમાંથી વિલુપ્ત થતી જતી માતૃભાષાને બળ મળશે. આ સાઈટ કેવી લાગી તે અંગેના આપના પ્રતિભાવોનો મને ઈંતજાર રહેશે

Added by Rekha M Shukla on March 5, 2015 at 7:46pm — No Comments

happy holi :)

बहुत देर से 
एक अनजानी सी 
पर मीठी सी धुन

होठों पर थिरक रही है 
विथ स्वीट स्माइल

और - - - 
कोई शब्द नहीं मिल रहा

जाने क्यों

बेवजह 
कुछ बातें

कुछ यादें 
कुछ ख़्वाहिशें

कुछ राहतें 
और कुछ शुकराने 
आज मिल बैठे हैं

आ जाओ तुम भी 
एक दुआ की तरह

आज बस खुशियों 
को निमंत्रण है 
=============

Added by gunjan shrivastava on March 5, 2015 at 10:45am — No Comments

लाजवाब तू : जनक म. देसाई


Added by Janak Desai on March 5, 2015 at 12:30am — No Comments

ભાવવિશ્વ-માદરપાટના તંબૂમાં રહેતી ઢાકાની મલમલ by Anil Joshi

                                                                                             

                                                                        

હરીન્દ્ર દવે પોતાની હયાતીમાં મારા હ્રદયની સહુથી વધારે નજીક હતા. આજે હરીન્દ્ર હયાત નથી ત્યારથી મારા હ્રદયનો એક ખૂણો સાવ ખાલી પડ્યો છે.હું ગોશાનશીન ( એટલે ખૂણે એકાંતમાં બેઠેલો માનવી ) છું. ઊંચો પડછંદ બાંધો, ભરાવદાર ચહેરો, ઊંઘમાં હોય એવી…
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Added by Lagani Vyas on March 4, 2015 at 4:00pm — No Comments

મૌન શબ્દ ....../ રીના

મૌને
કહ્યો હતો
એક શબ્દ ...
તેં
સાંભળ્યો નહીં
તો....
ટપ કરી પડ્યો
જમીન પર
અને
ઊગી નીકળ્યું
એક ઘટાદાર વૃક્ષ .....

Added by Rina Badiani Manek on March 4, 2015 at 1:14pm — 2 Comments

रिश्वत ख़ोर दहाई / मुहम्मद अलवी

पैंसठ ने रोका और पूछा
कौन हो कैसे आए हो
अच्छा आगे जाना है
ठीक है लेकिन यह तो कहो
मेरे लिये क्या लाये हो
मैंने कहा क्या चाहते हो
दाँत इकसठ ने मार लिये
बासठ, त्रेसठ और चौंसठ ने
सर के बाल उतार लिए
अब दो आँखें बाक़ी है
आगे रस्ता ठीक नहीं
तुम चाहो तो भाई मेरे
आधी बीनाई ले लो
66' का वीज़ा दे दो

Added by Rina Badiani Manek on March 4, 2015 at 12:42pm — No Comments

वो ढल रहा है / जावेद अख़्तर

वो ढल रहा है तो ये भी रंगत बदल रही है

ज़मीन सूरज की उँगलियों से फिसल रही है

जो मुझको ज़िंदा जला रहे हैं वो बेख़बर हैं

कि मेरी ज़ंजीर धीरे-धीरे पिघल रही है

मैं क़त्ल तो हो गया तुम्हारी गली में लेकिन

मिरे लहू से तुम्हारी दीवार गल रही है

न जलने पाते थे जिसके चूल्हे भी हर सवेरे

सुना है कल रात से वो बस्ती भी जल रही है

मैं जानता हूँ की ख़ामशी [1] में ही मस्लहत [2] है

मगर यही मस्लहत मिरे दिल को खल रही है

कभी तो इंसान ज़िंदगी की करेगा इज़्ज़त

ये एक… Continue

Added by Juee Gor on March 4, 2015 at 12:27pm — No Comments

ग़ज़ल / मुनीर नियाज़ी

ये बे सदा संग-ओ-दर अकेले
उजाड़ , सुनसान घर अकेले

चले जो पीके मस्तियों में
गए कहाँ बेखबर अकेले

मुहीब बन था चहार जानिब
कटा था सारा सफ़र अकेले

हवा सी रंगों में चल रही है
खड़े हैं वो बाम पर अकेले

है शाम की ज़र्द धूप सर पर
हों जैसे दिन में नगर अकेले

'मुनीर' घर से निकल के हम भी
बहुत फिरे दर-ब-दर अकेले

Added by Rina Badiani Manek on March 4, 2015 at 12:19pm — No Comments

मैं तो झोंका हूँ / कुमार विश्वास

मैं तो झोंका हूँ हवाओं का उड़ा ले जाऊँगा
जागती रहना, तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा
हो के क़दमों पर निछावर फूल ने बुत से कहा
ख़ाक में मिल कर भी मैं ख़ुश्बू बचा ले जाऊँगा
कौन-सी शै तुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तक
ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगा
क़ोशिशें मुझको मिटाने की मुबारक़ हों मगर
मिटते-मिटते भी मैं मिटने का मज़ा ले जाऊँगा
शोहरतें जिनकी वजह से दोस्त-दुश्मन हो गए
सब यहीं रह जाएंगी मैं साथ क्या ले जाऊँगा

Added by Juee Gor on March 4, 2015 at 12:18pm — No Comments

Phenomenal woman - Maya Angelou

Pretty women wonder where my secret lies.

I'm not cute or built to suit a fashion model's size

But when I start to tell them,

They think I'm telling lies.

I say,

It's in the reach of my arms

The span of my hips,

The stride of my step,

The curl of my lips.

I'm a woman

Phenomenally.

Phenomenal…

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Added by Noopur Shah on March 4, 2015 at 12:16pm — No Comments

Phenomenal woman - Maya Angelou

Pretty women wonder where my secret lies.

I'm not cute or built to suit a fashion model's size

But when I start to tell them,

They think I'm telling lies.

I say,

It's in the reach of my arms

The span of my hips,

The stride of my step,

The curl of my lips.

I'm a woman

Phenomenally.

Phenomenal…

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Added by Noopur Shah on March 4, 2015 at 12:16pm — No Comments

Love - Khalil Gibran



Then said Almitra, 'Speak to us of Love.' 



And he raised his head and looked upon the people, and there fell a stillness upon them. 



And with a great voice he said: 



When love beckons to you follow him, 



Though his ways are hard and steep. 



And when his wings enfold you yield to…

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Added by Noopur Shah on March 4, 2015 at 12:15pm — No Comments

वो ढल रहा है / जावेद अख़्तर

वो ढल रहा है तो ये भी रंगत बदल रही है

ज़मीन सूरज की उँगलियों से फिसल रही है

जो मुझको ज़िंदा जला रहे हैं वो बेख़बर हैं

कि मेरी ज़ंजीर धीरे-धीरे पिघल रही है

मैं क़त्ल तो हो गया तुम्हारी गली में लेकिन

मिरे लहू से तुम्हारी दीवार गल रही है

न जलने पाते थे जिसके चूल्हे भी हर सवेरे

सुना है कल रात से वो बस्ती भी जल रही है

मैं जानता हूँ की ख़ामशी [1] में ही मस्लहत [2] है

मगर यही मस्लहत मिरे दिल को खल रही है

कभी तो इंसान ज़िंदगी की करेगा इज़्ज़त

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Added by Juee Gor on March 4, 2015 at 12:14pm — No Comments

Clenched Soul- Pablo Neruda

We have lost even this twilight.

No one saw us this evening hand in hand

while the blue night dropped on the world.



I have seen from my window

the fiesta of sunset in the distant mountain tops.



Sometimes a piece of sun

burned like a coin in my hand.



I remembered you with my soul clenched

in that sadness of mine that you know.



Where were you then?

Who else was there?

Saying what?

Why will the whole of…

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Added by Noopur Shah on March 4, 2015 at 12:12pm — No Comments

एक बोसा / कैफ़ी आज़मी

जब भी चूम लेता हूँ उन हसीन आँखों को
सौ चराग अँधेरे में जगमगाने लगते हैं
फूल क्या शगूफे क्या चाँद क्या सितारे क्या
सब रकीब कदमों पर सर झुकाने लगते हैं
रक्स करने लगतीं हैं मूरतें अजन्ता की
मुद्दतों के लब-बस्ता ग़ार गाने लगते हैं
फूल खिलने लगते हैं उजड़े उजड़े गुलशन में
प्यासी प्यासी धरती पर अब्र छाने लगते हैं
लम्हें भर को ये दुनिया ज़ुल्म छोड़ देती है
लम्हें भर को सब पत्थर मुस्कुराने लगते हैं.

Added by Juee Gor on March 4, 2015 at 12:10pm — No Comments

ભાલચંદ્ર નેમાંડે એ સર્વકાલીન શ્રેષ્ઠ "કોસલા " નવલકથા

ભાલચંદ્ર નેમાંડે એ સર્વકાલીન શ્રેષ્ઠ "કોસલા " નવલકથા કેવા સંજોગોમાં લખી હતી એનું બયાન એનાજ શબ્દોમાં સાંભળો ઘરમાં મારી સાથે કોઈ બોલતું નહિ. કોઈની પાસે પૈસા માગવાની પણ સગવડ નહોતી મને ફિલ થતું હતું કે હું આ વયે કેટલો નિરૂપયોગી છું. મને જાત પર શરમ આવતી હતી. મારી આ દુર્દશા કેવી રીતે થઇ એનો કોઈ જવાબ મળતો નહોતો સવારે કુટુંબના…

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Added by Anil Joshi on March 4, 2015 at 11:40am — No Comments

વાજ !

છે ધીર કે ધીમી, કેમ કરીને ધારશો?
જે ચાલી રહી છે તે ચાલ છે ઉંમરની.

જનક મ દેસાઈ

Added by Janak Desai on March 3, 2015 at 9:05pm — No Comments

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परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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