Made in India
Added by Manisha joban desai on July 9, 2019 at 3:59am — No Comments
Added by Manisha joban desai on April 26, 2018 at 1:58am — No Comments
कहानी
अपने पराये
सुजीता दोपहर की चाय बना रही थी, की डोरबेल बजी।सोफे पर बेठी उसकी सासने उसके हस्बैंड का लेबोरेटरी से आया नया रिपोर्ट लिया और पढ़कर,
"हे भगवान,ये कैसी मुसीबत हमारे परिवार पर आ गिरी है?"
किचन में से भागती सुजीता आयी और जल्दी से रिपोर्ट देखा,साथ में डॉक्टर ने बंम्बई के किसी बड़े अस्पताल में जाकर इलाज कराने की चिट्ठी…
Added by Manisha joban desai on April 26, 2018 at 1:44am — No Comments
Fact of Life
"Hello doctor rituja, I am sister ninja from the 'personal care' center. There is a very serious case, if possible will you visit to check the patient? we all are very confused because reports are very critical. please give the right medicine for him"
"Ok,I will reach in 15-20 minutes and update every detail"
"Thanks, mem we are waiting for you"
Dr.rituja quickly fresh up and pick the car- keys. Her mom surprisingly ask,
”are…
ContinueAdded by Manisha joban desai on November 28, 2017 at 10:00pm — No Comments
Added by Manisha joban desai on October 12, 2017 at 4:52pm — No Comments
लघुकथा -ज़िन्दगी
रीवा ने डॉक्टरी पढ़ाई के बाद उस से ४ साल सीनियर डॉक्टर रुपेश ने नया नर्सिंग होम शुरू किया था, उस से पार्टनरशिप कर ली। अपने पापा की लाड़ली रीवा के खबर सुनाते ही प्रो.अमरीश की आँखों में आंसू आ गए।
पत्नी की मोत के बाद ११ साल की छोटी-सी रीवा को बड़े प्यार से पाला था। आज अपने सपनो की उड़ान भर रही बेटी रीवा रूपेश से अगले साल शादी भी कर रही है ,ये जानकार तो जैसे दिल एकदम हल्का-सा खुशियों से भर गया।नर्सिंग होम बहुत प्रगति कर रहा था। डॉ।रुपेश इतवार को भी काम करते…
ContinueAdded by Manisha joban desai on September 26, 2017 at 11:15pm — No Comments
यात्रा वृतांत-मनिषा जोबन देसाई
मुझे छू गयी ये संवेदनशील बात ...
मित्रो, २००६ से २००९ के दरम्यान मेरा बेटा और बेटी लन्दन के छोटे से टाउन चिचेस्टर में पढ़ते थे ।में उन दोनों से मिलने गयी थी । मेरा बेटा प्रथम मार्टिना बहन नामकी एक रिटायर्ड ब्रिटिश महिला के यहाँ और बेटी युग्मा रैशल डोव नामक ब्रिटिश २४-२५ सालकी लड़की ,जो की एक लड़के एडंन की मम्मी भी थी, वहा पेइंग गेस्ट रहते थे ।दोनों अपने-अपने अनुभव बताते और हमने काफी दिन साथ में रहकर शहर घुमां और वहाँ के रहन…
Added by Manisha joban desai on August 31, 2017 at 11:40pm — No Comments
Added by Manisha joban desai on August 28, 2017 at 10:27pm — No Comments
कटते वन ....उजड़ते जंगल
हो रहा,
कुदरत संग खिलवाड़ !
माँ धरती की
छाती पर
होते वार !.....
देते छाया
और
श्र्वास सभी को
ये वृक्ष तो
फिर भी सहेते वार .......
मीट्टी बन जायेगी
रण समान ,
होंगे वन प्राणी
सब बेहाल ......
सृष्टि पुकारे होकर
त्राहिमाम,
ये कोन्क्रिट के
जंगलों
से हो रहा..
मनुष्य जीवन बेजार .....
लायेंगे कहाँ से
जडीबूटीयां
जीने की,
कुठाराघात है
ये…
Added by Manisha joban desai on August 28, 2017 at 10:23pm — No Comments
विषय:सुहाने पल...
याद है
मासूम बचपन
पापा मम्मी के
संग
झूमना...
खेल खेलमें
दोस्तों से
जित-हारके
लड़ना ...
शिक्षक के दिए
कार्य कॉपी
मारकर
चुराना...
कॉलेज से
भागकर फ़िल्मे
देखना ...
भीगी बरसात में
हाथ में हाथ लिए
वो आँखों से
मुस्काना ...
जागी जागी
रातो में
ख्वाहिशो की नाव में
बहेना...
प्यार भरे पलों से
वो घर
बसाना ...
राह देखते
हुए वह…
Added by Manisha joban desai on August 28, 2017 at 10:19pm — No Comments
Added by Manisha joban desai on August 1, 2017 at 5:03am — No Comments
Added by Manisha joban desai on June 30, 2017 at 8:50pm — No Comments
Added by Manisha joban desai on May 7, 2017 at 7:42pm — No Comments
Added by Manisha joban desai on May 3, 2017 at 2:04pm — No Comments
My haiku no .2 in haiku master of the month out of 22 finalist 1-2-3 from world submitted resultHaiku masters ,nhk world tv Tokyo, japan ,english haiku episode 12 (choose your own theme)
March 2017 .submitted from all over world 5,303 haiku, from india 407and goes to select 22 and my this haiku in 22 contestant no 1 in choose your own theme…
ContinueAdded by Manisha joban desai on April 4, 2017 at 6:09pm — No Comments
હેપ્પી વિશ્ર્વ કવિતા દિવસ 2017...
આંખથી જે રંગ છલ્કયા યાદ છે?
ને,પછી જે રંગ બદલ્યા યાદ છે?
લાલ લીલો વાદળી ને જાંબલી,
દિલમા જે મેઘ વરસ્યા યાદ છે?
કાન-રાધા ગાઇ સંગે રાગ જે,
લોક હૈયે એ જ ધબક્યા યાદ છે?
ભૂલવાને. વેરભાવો સંગમા,
છે ઉત્સવો આ ઉગ્યા એ યાદ છે?
સાંજનું એ આભ ઉગતું આગવું ,
રંગના મેધધનુષો છાયા યાદ છે?
-મનિષા જોબન દેસાઇ
Added by Manisha joban desai on March 21, 2017 at 9:26pm — No Comments
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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