Made in India
यात्रा वृतांत-मनिषा जोबन देसाई
मुझे छू गयी ये संवेदनशील बात ...
मित्रो, २००६ से २००९ के दरम्यान मेरा बेटा और बेटी लन्दन के छोटे से टाउन चिचेस्टर में पढ़ते थे ।में उन दोनों से मिलने गयी थी । मेरा बेटा प्रथम मार्टिना बहन नामकी एक रिटायर्ड ब्रिटिश महिला के यहाँ और बेटी युग्मा रैशल डोव नामक ब्रिटिश २४-२५ सालकी लड़की ,जो की एक लड़के एडंन की मम्मी भी थी, वहा पेइंग गेस्ट रहते थे ।दोनों अपने-अपने अनुभव बताते और हमने काफी दिन साथ में रहकर शहर घुमां और वहाँ के रहन सहन वगैरा के बारे में जाना।मार्टिना बेन को हम कोई गिफ्ट देना चाहते थे तो मेरे बेटे ने बताया, "मम्मी, आंटी के किचन में एक पुराना-सा फ़ूड का वजन काँटा है, क्यों ना हम आंटी को नया डिजिटल वजन काँटा दे?"
मुझे भी ये विचार बहोत अच्छा लगा ।मार्टिना बेन से काफी बाते हुई, वो भी इंडिया के बारे में काफी जानकारी रहती थी और वहाँ की सक्रीय सीनियर सभा की सदस्या भी थी ,जो शहर के डेवलोपमेन्ट में अपने विचार प्रस्तुत करते रहते ।घर में घूमते हुए किचेन में मुझे दो तीन बार उस पुराने फ़ूड वजनकांटे पर नजर डालते देख मा्टिॅना बहन अचानक से बोली, "आपको आश्चर्य लग रहा होगा की इतने बढ़िया तरिके से सजाये हुए घर में ये पुराना-सा पित्तल का वजन काँटा कैसा लग रहा है? लेकिन ये मेरे मम्मी-पाप्पा के घर की निशानी है ।जब पापा मम्मी नहीं रहे तो घर में से हमारे परिवार के भाई बहन ने कोई न कोई यादगार चीजे अपने पास रख ली थी ।और सच मानिये आज तक मतलब की ६०-७० साल पुराना ये वजनकांटे से मेरी संवेदनायें जुडी हुई है"
और मैंने उन आँखों में एक प्यारभरी पारिवारिक संवेदनाओ की झलक तैरती हुई पायी ।जैसे जैसे लोगो से मिलते जाते है अपने प्रवास में, हमारे जहन में काफी नयी बातें उतरती जाती है ।
और ,अब सुनिए हमारे रेशल और महाशरारती एडन के बारे में ।अपनी सिंगल मधर रैशल को तंग करने में एडंन ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी, उसके पापा विक में एकबार मिलने आते और साथ में उसकी एक बिल्ली जो हर सुख दुःख में उसके इर्दगिर्द घूमती रहती ।एडन ५ साल का और मेरी बेटी युग्मा १६ साल की ।दोनों में बहोत दोस्ती और स्कुल से आकर काफी धमाल मस्ती चलती रहती ।लाड प्यार की वजह से एडन को सबको मारने की आदत पड़ गयी थी तो वह बारबार युग्मा को भी फटाफट लगाता रहता ।और इनसब से तंग आकर रैशल ने एडन के लिए "नोटि स्टेप्स" नामकी सजा तैय कर रखी थी ।उस सजा में ऐडन को घर के अंदर ही सीढ़ियों पर बैठे रहना और कोई भी उससे बात नहीं करे।जब भी वह स्टेप्स पर बैठे रहता और आते जाते मम्मी ...युग्मा ...युग्मा ...पुकारता रहता ।और ये सब देखकर उसकी प्यारी बिल्ली स्टेप्स पर ऊपर- नीचे होती रहती ।उस मूक प्राणी को भी ख्याल आ जाता की उसका दोस्त एडन तकलीफ में है ।युग्मा ने ये देखा तो उसको भी अंदर ही अंदर बहोत बुरा लगा ।और फिर उसने कभी अपने दोस्त एडन के विरुद्ध उस की मम्मी रैशल को कम्प्लेन नहीं की ।बच्चा पार्टी एक हो जाते थे ।
फेसबुक से जुडे होने की वजह से मेरे दोनो बच्चोने बताया की रैश ल के जीवन में परिवतँन आ गया है ,अब वो अपने पती के साथ रहती है और उसे दूसरा बेटा भी हूआ है।
माटीँना बेन अब कोइ ओर घर में रहते है और उ नका बेटा फ्रान्स में आकिॅटेकट है और उन की बेटी भी अपने दो बच्चे-पति के साथ खुशहाल है।
बस ऐसे ही सब संस्मरण से भरा हुआ मन ...कभी ख़ुशी कभी गम।
-मनीषा जोबन देसाई
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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