लघुकथा
अब क्या कहे ?
“जितवन …..क्या कर रहे हो बाहर ? देखो ये कोन आया है ?” माँ की आवाज़ सुनकर अपने स्कूटर की लाइट ठीक कर रहा जित जल्दी से घर के अंदर आया ।
“ओह ,कब आये आप बिजलभैया ?”
“बस अभी अभी… मेरी मुंबई की पढाई ख़त्म हुई और सब सामान लेकर घर वापस आ गया और आप सब से मिलने चला आया.”
उतने में मम्मी बोली ,
“कैसा हो गया है ? कुछ ठीक से खाता है की नहीं ?”
“अब क्या बतलाऊ बुआ ,हॉस्टल की लाइफ कितनी कठिन है ”
“चलो अब सब ठीक हो जाएगा ,घरपर सब कैसे है ?कितने दिनो से मिलना भी नहीं हूआ.”
और ,सब काफी देरतक नास्ते के साथ बातें करते हुए बैठे रहे।
फिर एकाद घंटे के बाद जितवन अपनी कॉलेज जाने निकल रहा था ,
“जितवन,नास्ता लिया थोड़ा साथ में ? ”
“हाँ,कॉलेज से सीधा ही ट्यूशन चला जाऊंगा और शाम को किरण भैया भी आ जाएंगे ऑफिस से ,तो आपका जन्मदिवस अपना फेवरिट आइसक्रीम खाकर मनायेंगे ,भाभी को भी कहे देना.”
“अब क्या मेरा जन्मदिवस? तेरे पप्पा तो तीन-चार दिन बाद बहारगांव से आनेवाले है,”कहकर मम्मी हॅसने लगी।
“पापा आयेंगे तब वापस आईसक्रीम खायेंगे”
“ठीक है, संभलकर जाना बेटा”
कॉलेज से निकलकर सीधा ट्यूशन चला गया ,ओर ज्यादा देर हो गयी थी आज , कॉलेज में भी एन्युअल फंक्शन की तैयारी चल रही थी। सर ने थोड़ा काम सोंपा था वो सब नॉट करने में आधा घंटा ओर निकल गया ।ओह ,ये शहर का ट्रेफिक ।
ट्यूशनसर से बात कर रहे थे सब ,
“सर ,आज मेरी मम्मी का बर्थड़े है ,तो जल्दी निकल रहा हूँ .”कहते हुए जितवन ने स्कूटर स्टार्ट किया ।अपना ट्यूशन क्लास ख़तम होने के बाद वैसे तो सर और बाकी फ्रेंड्स के साथ बैठ काफी बातें किया करता था ,लेकिन आज घरपर सबने मिलकर इस एरिया में मिलनेवाला स्पेशिअल आइसक्रीम खाने का प्रोग्राम जो बनाया था ,तो आइसक्रीम लेकर वापस घर की और निकल लिया। थोड़े दूर जाते ही ब्रिज के ऊपर ट्रैफिक कम था और थोड़ी पब्लिक सर्कल बनाकर खड़ी हूई थी ।तभी किसीने बोला, “पुल से कूदकर किसीने आत्महत्या की है”जितवन स्कूटरपार्क कर जल्दी से वहाँ जाकर मदद करने की सोच रहा था तो बाजू में से किसी ने आवाज़ दी ,
“अरे ,ये स्कूटर तो हटाओ अभी पुलिस आकर संभालेगी सब ,हम कहाँ उस झमेले मे पड़ेंगे !”और साथ में एक ऒर स्कूटरवाला था उसके साथ बातें करता हुआ चला गया ।ये सुनकर जितवन के पाँव भी थम गये और हाथ में पिघलती हुई आइसक्रीम देख वापस स्कूटर फ़ास्ट भगाते हुए घर पहुंच गया ।
“मम्मी,जल्दी से आइसक्रीम निकालो “और डाइनिंग टेबल पर बैठ गया।मम्मी बाजु में बैठकर कुछ सब्जी काट रही थी, उन्हें गले लगकर हैप्पी बर्थ-डे विश किया।भाभी ने काँच के बॉल में सब की आइसक्रीम रखी ,
“अभी वो भी रुमसे आ रहे है आप खाना शुरू करो ” भाभी बोली,
“भैया को आ जाने दीजिये. फिर साथ में ही सब खाते है” उतने में जितवन के भैया सीडी से उतर रहे थे की ,उनके मोबाईल पर रिंग बजी और वो किसी से बातें करने लगे। जितवन ने चियर्स करने के लिए आइसक्रीम बॉल हाथ में उठा लिया ,
“भाभी ,आप भी लेलो ये आईसक्रीम……”,
और भैया की घबराई हुई आवाज़ सुनकर सब उधर देखने लगे,
“मम्मी ये सब बाद में, हमें अभी जाना पडेगा अस्पताल … अपने मामा के लड़के बिजल ने पुल से कूदकर ख़ुदकुशी की है ,पुलिस काफी देर से आयी तो अस्पताल ले जाते रास्ते में ही एक्सपायर हो गया ,अगर किसी ने हेल्प की होती,तो शायद बच जाता ,मुंबई से आया तब से कुछ डिप्रेस था” भैया बोले,
“अरे ,आज सुब्हे ही तो …..” और मम्मी जोर से रोने लगी ।
ये सुनते ही जितवन के हाथ का आइसक्रीम बाउल उल्ट गया ।….पिघलती हुई आइसक्रीम हाथ पर बह रही थी और आंखो से अनगिनत आंसुओ का सैलाब ।
अब क्या कहे जितवन ?
– मनिषा जोबन देसाई
You need to be a member of Facestorys.com to add comments!
Join Facestorys.com