Kavyendu Bhachech's Blog (8)

Feeling of Missing of the country by the Immigrants.

 

એક પ્રશ્ન છે, 
દેશની બહાર રહેનાર વ્યક્તિઓમાં દેશને Miss કરવાની જે લાગણી થાય છે એને માટે કોઈ શબ્દ ખરો? વિરહ કે વિયોગ અર્થમાં કશે બેસતા નથી, આ miss કરવાની લાગણી છે, જેમાં દુખ કે શોકની આગની નથી, ફક્ત યાદો અને સંસ્મરણો, મિત્રો વ, ના સંપર્કનો અભાવ જ છે, મારા જાણવા પ્રમાણે અંગ્રેજીમાં પણ કોઈ શબ્દ નથી, મેં સુશ્રી આરતીબેનને પણ પૂછ્યું, તેઓએ online પણ તપાસ કરી પરંતુ યોગ્ય  ભાવ  એક શબ્દ મળ્યો  નહિ, આપ શું આ વાત પર કોઈ પ્રકાશ પાડી શકશો? 
આને લાગતો કોઈ શબ્દ…
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Added by Kavyendu Bhachech on May 22, 2013 at 9:17am — 9 Comments

Footsteps in the Sand.

“Footsteps In The Sand”

One night a man had a dream.He dreamed he was walking along the beach with the Lord.

Across the dark sky flashed scenes from his life. For each scene, he noticed two sets of footprints in the sand, one belonging to him and the other to the Lord.

When the last scene of his life flashed before him,he looked back at the footprints in the sand. He noticed that many times along…

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Added by Kavyendu Bhachech on May 7, 2013 at 6:46pm — No Comments

એક થનારી પત્નીની ખ્વાઇશ---

चाँद तारोंको वह तोड़कर लानेवाला हो 

थोडासा हेंडसम और जोरुका गुलाम, साला हो 
में सुबह देरसे उठकर आँख खोलू तो 
उसके होंठोपे गुडमोर्निंग और 
हाथमे चायका प्याला हो,
मेरे नखरे उठाएगा मुजे शोपिंग करवायेगा 
कभी सोनेका तो कभी हीरोका नेकलेस दिलाएगा 
चाहे उसके पास खुदके बनियान के पैसे न हो 
मगर मेरे लिए रोज बनारसी साडी लाएगा,
हाथ पैर भी कुछ दबाना आता हो 
मिज़ाज से हो शायर…
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Added by Kavyendu Bhachech on May 2, 2013 at 5:51am — No Comments

घर के बड़ों को भी सिखाएँ कम्प्यूटर

घर के बड़ों को भी सिखाएँ कम्प्यूटर

प्रो. सरन घई, संस्थापक, विश्व हिंदी संस्थान, कनाडा

इन दिनों मेरी बहुत से कवियों, साहित्यकारों और रचनाकारों से बात होती रहती है। इनमें बहुत से बुजुर्ग उम्र के भी होते हैं। बड़ी खुशी होती है जब वे लोग कहते हैं कि घई साहब, आप दो मिनट दीजिये, हम अभी आप को कविता ई-मेल कर देते हैं। मन में एक खुशी का अहसास होता है कि इन्होंने बुजुर्गियत को कंबल की तरह ओढ़ कर नहीं रखा है बल्कि जमाने के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहे हैं। यदि…

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Added by Kavyendu Bhachech on May 2, 2013 at 4:36am — No Comments

दिल्ली में हुए छोटी बच्ची के साथ हादसे को मन ने बहुत व्यथित किया .हम कुछ न कर सके,सिवाय चंद शब्दों के .....

जन्म पर न बजी बधाई - मेरे
बेटे को जन्म दे दिया - मैने
नगाड़े बज उठे अंगना मैरे
भेद तो ये अपनो ने ही करे
सरेआम खुद को शर्मसार कर
कोख को लजा दिया मेरी
अब क्या बजना बाकी है???????????
इस घिनौनी हरकत पर तेरी
नारी हूँ ,नारी ही ना समझ
बिगड़ी तो काल बनूंगी तेरी
तू अदना सा आदम क्या जाने
ऋषि, देवो ने की स्तुति मेरी
जब श्रापित होओगे पीड़ा से मैरी
किसी…
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Added by Kavyendu Bhachech on May 1, 2013 at 6:07pm — No Comments

Maun by Mrs. Narayani Maya.

मौन 

अधर खुले, कुछ कहने के लिए 

नयनो ने नीचे देखा, अधरों ने समझ लिया 

नयन मुझे कुछ न कहने को कह रहे, 



तभी ह्रदय ने उपर अधरों को देखा 

तुम क्यों हो मौन, कुछ कहो ना. 



नयन कह रहे हैं, न बोलो तुम, 

कोई तुम पर बहुत विश्वास करता हे 

ह्रदय मानता नही, कह दो ना सब कुछ 

विश्वास है तो, फिर मौन क्यों. 



ह्रदय और नयन के बीच 

अधरों का सम्बन्ध अहसास…
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Added by Kavyendu Bhachech on May 1, 2013 at 3:33am — No Comments

Rahat Indori Saab ki rachna.

अब ना मै वो हूँ ,ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं ,शहरो में फ़साने मेरे ...................
जिंदगी है तो नए ज़ख़्म भी लग जायेंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे ..........
 
आपसे रोज़ मुलाकात की उम्मीद नहीं ,
अब कहाँ शहर मई रहते हैं ठिकाने मेरे  ............
 
उम्ररा…
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Added by Kavyendu Bhachech on April 27, 2013 at 10:00am — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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