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चन्दन की महक के जैसे
तेरी आहट पाकर मैंने
कितनी रातें लुटा दीं
कितने दिन ही बिता दिए ।।
सूरत देख के तेरी चाँद शरमाया
तेरी इस सुन्दर छवि के मद में मैंने
कितनी सुबहें गवां दी
कितनी शामें पिला दिए ।।
जीवन पथ का मैं राही अकेला
तेरा प्यार पाने को मैंने
कितने मंदिर घूम रहा
कितने चादर चदा दिए…
Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 4:00pm — No Comments
रात के काले पन्नो पर
कई कलमें दौड़ती है
लगातार मीलों तक
बिना थके बिना रुके
कुछ दौलत के लिए
कुछ सोहरत के लिए
और दौड़ती रहती है
ऐसा वक़्त भी आता है
कलमें तो दौड़ती रहती है
लेकिन वो कुछ लिखती नहीं
और एक दम से शांत हो जाती है ॥
Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:55pm — No Comments
ख़ुशी कहीं दुबक के सोयी है
ग़म को आज सुलाए कौन
अफवाहें फैली है सच नहीं
आज इनको झूंठलाये कौन
मन तो है उसे भुलाने का
पर उस बेवफा भुलाये कौन
जो अपना था रूठ गया अब
उस पराये को मनाये कौन
दिल तो चाहता नशे में डूबना
उसे आज नशेडी बनाये कौन ॥
Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:49pm — 1 Comment
पहले तो दिल की रज़ा जान जाईये
फिर जो दीवाने यार कहे मान जाइये
दिल को धडकनों को झूंठला रहे हो
अब तो मोहब्बत को मान जाइये
इनकार न करिए उनकी निगाहों को
नज़रों में खुद को पहचान जाइये
Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:49pm — No Comments
रात की परछाई पर आजकल शायद रोशनी हावी है
तभी शहरों में व्यस्त बाशिंदों के लिए रातें नहीं होती
Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:48pm — No Comments
इतना न सताओ
तुम सब उसे वो
शांत है चुप है
ग़म ,गाली
सुनाता,सहता है
झेलता है, मौन रह कर
उस समन्दर की तरह
जो शहरों की गन्दगी
नदियों का प्यार समा कर
शांत रहता है ऊपर से
लेकिन मेरे दोस्त ये न भूलो
कि जब समंदर जुम्बिश
भी लेता है तो शहर के
शहर बर्बाद…
Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:45pm — No Comments
जिंदगी में करने को
कुछ न रह जाये तो
इश्क कर लेना या
मुकदमा दायर करना
वादा है मेरा तुझसे
सांस लेने की भी
फुरसत नहीं मिलेगी
और जिंदगी कट जाएगी ॥
Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:44pm — No Comments
शोर यूँ ही नहीं आज इन चिड़ियों ने मचाया होगा
कोई इंसान फिर इनका घर कब्जाने आया होगा
बड़ी मेहनत से युगल ने घोसले को बनाया होगा
और इंसानों ने एक झटके में उसे दफनाया होगा
जंगल भी न रहे इन मासूम परिंदों के लिए अब
कुछ दिनों में झरोखा घर का भी पराया होगा
हर रोज़ सुबह भूखे उड़े खाने की तलाश में वो
फिर रात उनका चूज़ा भूख से चिल्लाया…
Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:42pm — No Comments
झूंठी ख़बरें उड़ रही है फिजाओं में
पर उनका सच होना अभी बाकी है॥
रो रही है खबरों में लुटने के बाद
सरे बाजार नीलम होना अभी बाकी है ॥
अभी तक साँस तो ले रही है वो
उसे जिंदा लाश बनाना अभी बाकी है।।
बोली में तो बहुत आ सकते उसके साथ
पर उनका साथ आना अभी बाकी है ॥
Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:39pm — 2 Comments
આ સફર કંઈક એવી છે,
ગીત થી ગગન સુધી,
કવિતાથી કફન સુધી,
આ સફર કંઈક એવી છે..
શબ્દ થી અર્થ સુધી,
સુર થી લય સુધી,
આ સફર કંઈક એવી છે,
શ્વાસ થી ઉચ્છવાસ સુધી,
ને તારી યાદથી ફરિયાદ સુધી ,
આ સફર કંઈક એવી છે,
જન્મથી મૃત્યુ સુધી ,
શરુઆત થી અંત સુધી,
આ સફર કંઈક એવી છે,
નથી સમજતું કે આ સફર કેવી છે,
પણ અંતે એ જ સમજાય છે કે ,,
આ સફર કંઈક એવી છે .............
આ સફર કંઈક એવી છે................!!!!!!!!
Added by Bharat Modi on March 30, 2013 at 3:30pm — No Comments
Added by ajaan jindagi on March 30, 2013 at 1:32pm — No Comments
Added by ajaan jindagi on March 30, 2013 at 1:31pm — No Comments
Added by ajaan jindagi on March 30, 2013 at 1:30pm — No Comments
Added by ajaan jindagi on March 30, 2013 at 1:23pm — No Comments
Added by ajaan jindagi on March 30, 2013 at 1:22pm — No Comments
હૃદય વ્યથા માં છે,
મન નશામાં છે,
તન ની તો ખબર જ નથી...
પણ આત્મા તમારામાં છે...
Added by Bharat Modi on March 30, 2013 at 1:21pm — No Comments
Added by ajaan jindagi on March 30, 2013 at 1:18pm — 1 Comment
જિંદગી ની આ કથાની,
વ્યથા કંઈક એવી છે,
મન હસે છે,
અને હૃદય રડે છે,
અમારી દશા કંઈક એવી છે.
(ભરત)
Added by Bharat Modi on March 30, 2013 at 1:05pm — No Comments
મઝધાર મળે !!!
સ્વપ્ન વિશ્વમાં ભલે ધૂંધળો વિચાર મળે
જો આંખ ખોલું તો સામે જ ચિતાર મળે
છાલ કપટ પ્રપંચ તરત જ જાવ ઓળખી
દગાખોર દોસ્ત જો તારો એક દીદાર મળે
જાળીએ બાંધેલા લાખો ચીથરાની ગાંઠોને
ખોલી શકે એવો કોઈ પરવર દિગાર મળે
ડાબો જમણો બેય છે પાક્કું એકમેકના ભેરુ
ખુદથી સંતાડાય એવો કોઈ વ્યવહાર મળે
દફન છે જે સઘળા એ રાઝ કહીને જ જવાનો
જો છેક સુધી સંઘરે એવો કોઈ રાઝદાર મળે
ખુશી ખુશી સઢને સંકેલી છું ડૂબવાને…
ContinueAdded by Ajay Upadhyay on March 30, 2013 at 11:35am — No Comments
હું તો માનું છું કે હું છું શાયર
કિન્તુ ડાર્લિંગ કહે છે : લાયર
સ્હેજ અડતાં જ શૉક લાગે છે
લાગણી હોય છે લાઈવવાયર
અર્થનો રોડ છે ખાબડખૂબડ
ને વળી ફ્લૅટ શબ્દનું ટાયર
દૂર સહેજે નહિ તો દાઝી જઈશ
ધૅટ ગર્લ ઈઝ સ્પિટિંગ ફાયર
ફાસ્ટ ફૂડ જેવી ગઝલ વેચું છું
કિન્તુ ક્યાં કોઈ છે અહીંયા બાયર?
Added by Gitesh Mehta on March 30, 2013 at 9:42am — No Comments
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Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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