Made in India
Added by Manisha joban desai on January 22, 2017 at 9:11pm — No Comments
ज़िंदगी तो है पर यहाँ साथ में ही ये गम क्यो है ,
हरपल यहाँ खुश,तो आँख उसकी नम क्यों है।
हार जाता है अक्सर यहाँ सच रहेता तन्हा यूँ
जूठ के ही पाँव में इस तरहा संग दम क्यों है।
जिसने भी यूँ कभी जो यूं निभाई ता-उम्र वफ़ा,
और उससे ही रहेता दूर उसका सनम क्यों है।
भूल जाते है अगर वो ही हमसे दूर जा कर,
तो यहाँ गमे -इंतज़ार में ही खड़े हम क्यों है।
सोच तो वो भी कुछ अलग रहा है हम से,
दिल फिर उसी शख्स का हूँआ हमदम…
Added by Manisha joban desai on January 22, 2017 at 9:02pm — No Comments
क्यों ऐसा ?
विश्वा जल्दी से अपनी कंपनी की बस से उतरती हूँई घर के कम्पाउंड में दाखिल हूँई ।बाहर ही उस की सर्वेंट मिली ,
"भाभीजी ,आपके ननंद और नंदोईजी आये हुए है और माजी बारबार घडी देख रही है,मुझे तो आज जल्दी जाना है। "
"हां ,मुझे फोन आया था लेकिन मुझे भी दफ्तर में आज का काम ख़तम करके देना था। "
घर में दाखिल होते ही सबसे…
Added by Manisha joban desai on January 18, 2017 at 7:30am — No Comments
खुशबु रिश्ते की
बाबूजी एकदम गुस्सा होकर चिल्ला रहे थे ,"कभी ऐसा हूँआ ही नहीं के में भूल गया हूँ।"
और सर्वेंट वगैराह कांपने लगे। ८०० रुपये गायब हुए थे उससे ज्यादा तो घर के उसूलो को तोड़ा उसका ज्यादा गुस्सा था।घर के सभी सदस्य भी जमा हो गए।बड़ी भाभी कुछ बोलनें जा रहे थे तभी, सिनव ने कुछ इशारा किया तो वो तुरंत समज़ गयी की कुछ गड़बड़ हुई है।तुरंत रुम में जाकर वापस आयी और बाबूजी को ८०० रुपये देते हूँए ,
"माफ़ कीजिये बाबूजी,भूलसे आपकी ड्रेस…
Added by Manisha joban desai on January 18, 2017 at 7:00am — No Comments
Added by Manisha joban desai on January 15, 2017 at 5:08pm — No Comments
ये मेरा दोष है?
अपने वार्डरोब से जल्दी से साड़ी निकालकर पहन ली और पर्स के साथ हॉस्पीटल चेकअप की फ़ाइल लिए हुए सुविधा ने रूम लोक किया ।इतने में नीचे के रूम से आवाज़ आयी "कितनी देर लगाती हो महारानी ?अभी तक मेकअप कर रही हो क्या ? " उस की सास जानकीदेवी आवाज़ लगा रही थी । ये सुनकर जल्दी से "हां,आई " जवाब दिया और एक गहरी सांस ली ।ये तो रोज़ का हे, अब क्या ज्यादा बोले ?सीडी उतर रही थी की मोबाईल की घंटी बजी ।
"हां बस हम लोग अभी डॉक्टर को दिखाने के लिए निकल ही रहे है ।आप जरा निकलते समय…
Added by Manisha joban desai on January 9, 2017 at 3:53pm — No Comments
વાત નવલાં આ વરસની છે ફરી,
નોટબંધી ને તરસની છે ફરી.
રાખવી ના આશ કોઇ ચમત્કારની,
સમજ તો આ અરસપરસ જ છે ફરી,
હોય લાંબો પથ ભલે નેે આજનો,
સુખનો આ સૂરજ સરસ છે ફરી.
દેશમાં તો ખબર અંધાધૂંધ છે,
લોકને અસમંજસ જ તો છે ફરી.
આપણાં સૌની મહેનત કામની,
એ બધાને સ્વ-રસજ તો છે ફરી.
-મનીષા જોબન દેસાઇ
Added by Manisha joban desai on January 9, 2017 at 2:40am — No Comments
પ્રવાસ વર્ણન- યુગ્મા જોબન દેસાઇ નો એક પ્રયત્ન પ્રેરણાદાયી - 10 નેશન બાઈકિંગ રાઇડ
આટીઁકલ by-મનીષા જોબન દેસાઈ
આકીઁ.ઇન્ટી.ડીઝાઇનર
સુરત-ગુજરાત-ઇન્ડીયા
યુગ્મા જોબન દેસાઇ નો એક પ્રયત્ન પ્રેરણાદાયી - 10 નેશન બાઈકિંગ રાઇડ -મનીષા જોબન દેસાઈ
મમ્મી પપ્પા મમ્મી…
Added by Manisha joban desai on January 9, 2017 at 2:30am — 1 Comment
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
© 2024 Created by Facestorys.com Admin. Powered by
Badges | Report an Issue | Privacy Policy | Terms of Service