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ये मेरा दोष है?
अपने वार्डरोब से जल्दी से साड़ी निकालकर पहन ली और पर्स के साथ हॉस्पीटल चेकअप की फ़ाइल लिए हुए सुविधा ने रूम लोक किया ।इतने में नीचे के रूम से आवाज़ आयी "कितनी देर लगाती हो महारानी ?अभी तक मेकअप कर रही हो क्या ? " उस की सास जानकीदेवी आवाज़ लगा रही थी । ये सुनकर जल्दी से "हां,आई " जवाब दिया और एक गहरी सांस ली ।ये तो रोज़ का हे, अब क्या ज्यादा बोले ?सीडी उतर रही थी की मोबाईल की घंटी बजी ।
"हां बस हम लोग अभी डॉक्टर को दिखाने के लिए निकल ही रहे है ।आप जरा निकलते समय रिजिता को कीडसक्लब से लेते आना उसका प्रोग्राम जल्दी ख़त्म हो जाएगा।हमें शायद देर हो जाएगी ।मम्मीजी किसी ज्योतिष को भी दिखाने के लिए जाने का कह रहे थे ."
सुविधा अपने हसबेंड सजीत से बात करते हुए लिविंग रूम में आयी और जल्दी से सर्वेंट को दरवाजा लोक करने की सूचना देते हुए पार्किंग में पहुँची। जानकीजी पहले से कार में बैठकर मोबाइल से बातें कर रही थी ।ड्राइवर को क।र स्टार्ट करने की सुचना देकर सुविधा अपनी डॉक्टर की फ़ाइल के पेपर चेक करने लगी ।फोन पर बात ख़त्म करते ही वापस जानकी जी ने एक सरसरी नज़र सुविधा पर डाली और मुँह फेरकर विंडो के बहार देखने लगी।सुविधा समज गयी जानकी जी अपनी बेटी विरजा ,जो शहर में ही अपने ससुराल में थी उससे बातें कर रहे थे । वैसे भी शादी की शुरुआत से ही सुविधा को अहेसास करा दिया गया था की,वो खुद सम्पूर्ण परफेक्ट स्त्री है और बाकी सब, मतलब सुविधा और उसके घरवालों की कोई हस्ती नहीं।लेकिन अपने पति की समझदारी और प्यार की वजह से कड़वे घूंट पीकर रह जाती ।कइ बार अपना छोटा सा घर बनाकर रहनें के विचार आ जाते ।देवर उसका अमरिका में रहता था । लेकिन जॉइंट बिज़नेस और उसके ससुर का भला नेचर देखकर चुप रहे जाती ।पहली बेटी हुई उसके बाद तो सुविधा की सास का व्यवहार ओर उसके साथ बिगड़ गया था । जानकीजी किटी- क्लब की मीटिंग घर पर होती तब भी अपनी सहेलियों के सामने सुविधा से तुच्छ सा वर्तन करते ।अच्छे स्वभाववाली सहेलियाँ उसे सहानुभूति से देखती रहती और बाकी सब अपनी बहुओं की खामियाँ निकालकर बातों का मज़ा लेती । जब की घर की जिम्मेदारी सुविधा बहुत अच्छेसे निभा रही थी । बेटी ४ साल की हो गयी और फिर से सुविधा प्रेग्नेंट थी । बेटी के जन्म के २ साल बाद वापस जानकी जी दूसरे बच्चे के बारे मे पूछती रहती लेकिन सुविधा ने कहा था,
"मम्मीजी ,अब वीरजा की डेढ़ साल में तो शादी है और वही समय पर में इस में बीज़ी रही तो आप को सब अकेले हेंडल करना पडेगा ,हम लोग दो साल के बाद दूसरा बच्चा प्लान कर रहे है ।और पता नहीं किसी भी आरग्यु बगैर जानकीजी "वो भी ठीक बात है "कहकर चुप हो गई और अपनी बेटी की शादी के प्लानिंग में रच गयी थी। सुविधा की ननंद विरजा भी अब प्रेग्नेंट थी ।रातदिन जानकीजी उसी की चिंता में रहते थे । डॉक्टर के वहाॅं चेकअप के दौरान सुविधा के रिपोर्ट में ख़ास इम्प्रूवमेनट नहीं था तो ज्यादा केर लेने की सूचना दी तब एकदम से जानकी जी अपनी तरफ से " कितनी केर ले रहे है मगर ये तो सुनती ही नहीं" का राग आलापने लगे । थोड़ी दवाई और ज्यादा पोषक खाना डॉक्टर ने सजेस्ट किया और तभी जानकी जी ने अपनी बेटी विरजा की रिपोर्ट के तारीफो के पुल बाँध दीये। और विरजा ट्वीन्स बच्चे कंसीव कर रही है फिर भी बहोत अच्छा ग्रोथ है ।लेकिन डॉक्टर ने फिर कहा ,
"हरेक प्रेग्नेंसी में कुछ अलग डेवलोपमेन्ट रहते हे ,सुविधा को उल्टियां ज्यादा आ रही हे तो खाने का मन भी नहीं होता वगैराह.... वगैराह.....। फिर वहाँ से निकलते ही जैसे कुछ जानती ही नहीं और दूसरी ही बातें करनी लगी । ज्योतिषी के वहाँ काफी देर बातें करते रहे लेकिन वो तो एक ही बात बोले जा रहे थे, "सब कुछ अच्छा ही होगा,आप ये पूजा करवा लो वगैराह...वगैराह"
घरपर आते ही पापा और सजित रिपोर्ट के बारे में पूछने लगे तो जानकी जी ने लंबा सा भाषण सुनाते हुए सुविधा की कमियां निकालनी शुरू कर दी। फिर सुविधा ने जल्दी से डाइनिंग टेबल पर खाना लगाया और सब खाना खाने बैठ गए ।सजित ने रिजिता को किड्स क्लब के प्रोग्राम के बारे में पूछना शुरू किया और सब रिजिता की प्यारी बातों में खो गए । सोने के समय सजित ने उसे बड़े प्यार से अच्छा खाने की और खुश रहने की सलाह दी और कहने लगा ,
"लड़का होगा या लड़की उस बात की टेंशन कभी रखना ही नहीं ,मेरे लिए तो दोनों एक समान है और मम्मी का स्वभाव तो तू जानती है ज़रा तीखा सा बोल देते है वैसे दिल में कुछ नहीं " लेकिन सुविधा जानती थी ...और एक लंबी सांस लेकर आँखे मूंदे सजित के कंधे पर सर रखकर भविष्य के सपनों में खो गयी। दूसरे दिन से वापस डॉक्टर की सब इन्सट्रक्सन को फॉलो करते हुए काम में लग गयी ।कभी अपनी ननंद और सब सहेलियाँ और पापा- मम्मी ,भाई वगैरह से फोन पर बातें करती रहती।समय निकलता जा रहा था की अचानक एक दिन रात में फोन आया और विरजा को हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था और कोम्प्लिकेशन के कारन सिजर का निणॅय लेना पड़ा ।सब जल्दी से अस्पताल पहुॅंच गए और विरजा ने सुन्दर ट्विवन्स बेटियों को जन्म दिया लेकिन डॉक्टर ने बाद में बताया की,
"अब वो वापस माँ नहीं बन सकती ,काफी रिस्की रहेगा जान भी जा सकती है " ... और ये सुनकर जानकी जी खूब रो। लेकिन सबने इतनी सुंदर बेटियाँ और विरजा का अच्छा स्वास्थ्य देख उन्हें बहोत समजाया ।इन सब दौरान सुविधा चुपचाप भगवान् को प्रार्थना करते हुए बैठी रही,अगर कुछ बोलने जाती तो जानकीजी उस पर ही टूट पड़ती । और फ़ीर अपनी ननंद को गले लगाकर कोंग्रेच्युलेट किया ।
थोड़े दिनों घर का माहौल एकदम से जानकीजी ने सुन्न कर दिया डेढ़ महीने बाद सुविधा ने प्यारे से बेटे को जनम दिया तो भी कोई ख़ास खुशी नहीं दिखाई।वहीं उसके ससुर जी और सजित ने तो जबरदस्त दोनों का फंक्शन साथ में रखने का अनाउन्स कर दिया ।लेकिन सुविधा ने सजित को मम्मीजी का मुड़ ठीक नहीं अभी ये फंक्शन न करते हुए पहली बर्थडे ही मनाएंगे कहकर टाल दिया। घर में थोड़ा नार्मल वातावरण हो रहा था और एक दिन किटी क्लब की फ्रेंड्स आयी और बातें चली तो एकदम से अपने ओपिनियन बदलते हुए जानकीजी ने बेटा और बेटियों में कोई फर्क नहीं कहते लंबा लेक्चर चलाया ।उनकी एक सहेली ने तो मुॅंह पर कह दिया,
" हां ,जानकी तू हंमेशा कहती थी मेरे तो दो बेटे है ,भगवान् की कृपा तो किसी किसी पर उतरती है और देखो तुम्हारी बहु पर भी भगवान की कृपा उत्तर गयी " सब एक दूसरे के सामने देखने लगे और घूमकर जानकीजी बात बदलते हुऐ किसी से मोबाईल से बातें करने लगी ।उस सहेलीने प्यार से सुविधा की ओर आंखे ज़पका दी और सुविधा ने दोनों हाथ जोड़कर अांखो से "थेन्क यॅू" कहा और बेटे को गोदमें उठाये अपने रुम में चली गयी ।
-मनीषा जोबन देसाई
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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