આથમતી સાંજે એક જૂની ખાતાવહી લાગી હાથ. એકલતાનો હિસાબ કાઢતાં મળ્યાં ફેરા સાત. સંબંધો બધા જ ઉધાર, જમા માત્ર ઉઝરડા ! આંસુનું ચક્રવૃધ્ધિ વ્યાજ ને, વાયદા બધા માંડી વાળેલા, સપનાં વિશે વિગત નથી ખાસ. આટલું જ…

આથમતી સાંજે
એક
જૂની ખાતાવહી લાગી હાથ.
એકલતાનો હિસાબ
કાઢતાં મળ્યાં ફેરા સાત.

સંબંધો બધા જ ઉધાર,
જમા માત્ર ઉઝરડા !
આંસુનું ચક્રવૃધ્ધિ વ્યાજ
ને,
વાયદા બધા માંડી વાળેલા,
સપનાં વિશે વિગત નથી ખાસ.
આટલું જોયું માંડ,
ત્યાં ખૂટવા આવ્યો ઉજાસ.

ઝળઝળિયાં આવીને પાંપણે ટિંગાયા,
કહે છે, અમે તો કાયમના માગણ.
વિતેલાં વષો પણ ડોકાવા લાગ્યાં,
ને
ભીંજાયા ચોપડાના કાગળ.

અંધારૂં હળવેથી ઓરડામાં ઊતર્યું
ને સાચવી રહીને બધું લૂછ્યું -

આખીય રાત પછી આંખો મીંચાય કંઈ ?

પડખાં બદલતાં મેં પૂંછ્યું -
…કોણે લખેલી આ કોરી કિતાબ છે ?
…કેટલા જન્મોનો આ બાકી હિસાબ છે ?

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Comment

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Comment by kalpesh kandoriya on March 10, 2015 at 3:44pm

આપના શબ્દો વાંચી શમણું આવી ગયું,

જન્મોના હિસાબો નોંધવા ઊંઘ ઉડાવી ગયું,

ઝઘડાઓની બાદબાકી ને યાદોનો સરવાળો કરવો રહ્યો,

હવે તો સંબંધોનો ક્યાસ કાઢવો રહ્યો.

Comment by Ansuya Nalin Desai on February 7, 2015 at 7:28pm

કોણે લખેલી આ કોરી કિતાબ છે ?
…કેટલા જન્મોનો આ બાકી હિસાબ છે ?

wah wah khub sundar rachana

Comment by Shamma on November 11, 2014 at 9:10am
Your krushnayan...... Excellent......excellent.....excellent.....teen baar padhi.....thank you medam.
Comment by DiNkarRay on August 22, 2014 at 5:36pm

આથમતી સાંજે એક જૂની ખાતાવહી લાગી હાથ. એકલતાનો હિસાબ કાઢતાં મળ્યાં ફેરા સાત. સંબંધો બધા જ ઉધાર, જમા માત્ર ઉઝરડા ! આંસુનું ચક્રવૃધ્ધિ વ્યાજ ને, વાયદા બધા માંડી વાળેલા, સપનાં વિશે વિગત નથી ખાસ.

Comment by VISHNU DESAI "shreepati" on November 24, 2013 at 4:20pm

nice poem medam.

Comment by jacks4u on November 23, 2013 at 7:59pm

nice one dear..

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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