D!sha Joshi's Blog (9)

કોઈ નથી જાણતું

મારી ગલી માં રખડતા

પેલા કુતરા ની હાલત

કોઈ નથી જાણતું...

એની અણીદાર આંખો ,

આંખો માં કેટલી વ્યથા

કેટલી વ્યાકુળતા છુપાયેલી હશે,

કોઈ નથી જાણતું ..

ને રસ્તા પર ક્યાંક કોઈ પ્રેમ થી

પીઠ પર હાથ ફેરવશે

જે શાંતિ,પ્રેમ ને હૂંફ મળતી હશે

કોઈ નથી જાણતું ..

એનું હાંફવું,

રાતો માં આકાશ સામે જોઈ બૂમો પાડી

કૈક માંગવું

એ માંગણી એ વ્યાકુળતા

કોઈ નથી જાણતું .

પગ પણ ચાટવા…

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Added by D!sha Joshi on July 9, 2013 at 9:03pm — No Comments

Let him be..

Let him be
the king of this game,
let yourself
be away from this fame.
Let him rule your world
as per his desire,
let yourself burn
in this love,
in this fire.!
let him be free,
let him be he,
let him be whatever
he wants to be.
let him be far from you,
let him be close,
let him decide
to make you win? or
to make him lose..! :)
- D!sha Joshi.

Added by D!sha Joshi on June 11, 2013 at 10:44pm — No Comments

તારી યાદો

હજી હમણાં જ તો

આ નાખ કાપ્યા હતા,

ફરી આવી ગયા,

પેલી ઘરના દરવાજા પર

લટકાતી વેલ ની જેમ,

ગમે તેટલો આકાર આપું,

પણ આકાર માં બેસવું

જાણે એનો સ્વભાવ નથી,

ઉગી નીકળશે આમ તેમ,

આડી અવળી,

ગમે ત્યારે, ગમે ત્યાં,

આ પવન ની લેહેરખી જો ને?

diary નું એ જ પાનું ખોલશે,

કેટલી વાર બંધ કરી,

પણ ફરી નજર પડે ત્યારે

એ જ પાનું ખૂલેલું હશે,

જાણે પીછો છોડવા નથી માંગતી,

તારી યાદો .…

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Added by D!sha Joshi on May 8, 2013 at 10:58am — 3 Comments

કવિતા

પંખો fast કર્યો

સુવા પથારી પર આડી પડી,

આંખો બંધ કરી પણ

ઊંઘ નથી આવતી,

આમથી તેમ પડખા ફરું,

થોડી વાર આમ ચાલ્યું,

Mobile માં સમય જોયો

12:45AM

સવારે જલ્દી ઊઠવાનું છે

પણ આ ઊંઘ ખબર નહીં

કયા સપના ની શોધ માં ભાગી ગયી .

વરસાદ પેહેલા આકાશ ને હોય

એવી બેચેની છે અંદર,

ને વીજળી ની માફક

ખળભળાટ મચાવતા આ વિચારો,

મન ની ધરતી ને અશાંત કરી મૂકી છે .

ઉલટી જેવું છે કશુક,

બહાર નીકળવા માંગે છે

પણ નીકળી નથી શકતું ,

ગભારમણ પેદા કરી રહ્યું…

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Added by D!sha Joshi on April 14, 2013 at 1:26am — 2 Comments

लोरियां.

अपनी आवाज़ में वो

चाँद-तारो को बहाती होगी,



उसकी बाहों की गर्मी में

बेख़ौफ़ आग भी ठंड पाती होगी ,



उसे करीब पाके दिन रात दौडती

ये धड़कन भी चेन पाती होगी ,



जिस्म को कबर में मिलता आराम

उसकी एक छुअन दिलाती होगी,



प्यार के दरिये को खुदमे समेटे

वो जब भी कुछ गुनगुनाती होगी ,



खुद रात को भी नींद आती होगी,

किसी घर में

माँ जब भी लोरियां…
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Added by D!sha Joshi on April 13, 2013 at 5:38pm — 2 Comments

Story Of a Tree.

                     इतने सालों से दिन रात भाग दौड़ करती ये सड़क पे मैं अकेला पेड़ यहाँ खड़ा था, रोज़ कितने लोग आते जाते रहेते है पर मेरे सामने देखने के लिए किसीके पास वक़्त नहीं था। हररोज़ सबको देखता कोई खुद में खोया तो कोई दूसरो में, कई सारे लोग मेरी छाँव में आके बैठके आराम करके निकल जाते। मैं उन्हें देखता उनके दिल-ओ-दिमाग में दुनिया के कई सारे कचरे भरे पड़े होते थे सब महेसुस करता। ये पंछी भी मेरे हाथों पे बैठके आराम करने आते, कभी बातें करते तो कभी दुसरे पंछी का इंतज़ार। कभी लम्बी उड़ान भरके आये…

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Added by D!sha Joshi on April 13, 2013 at 5:31pm — No Comments

तेरी यादें

काले घने बादलो सी वो

आज मुझपे बरसने वाली है,

चारो और बिखरी पड़ी है

हवा की तराह ,

साँसों की तराह,

मेरे अन्दर बहार

आ जा रही है,

तेरी यादें,

वो पुराने किस्से,

वो हसी वो ख़ुशी,

बिजली सा रगों में

कडकडा ने लगा,

कितने दिनों बाद आज

फिरसे मेरे ऊपर,

तेरी यादों का साया

मंडराने लगा।

बादलों सी दबे पाँव

एक के बाद एक,

मुझसे नज़दीकियाँ

बढ़ाती जा रही है,

कुछ कहूँ, सोचूं,

या जताऊं उसके पहेले,

कमरे में हसी की आवाज़ गूंज…

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Added by D!sha Joshi on April 4, 2013 at 8:01pm — No Comments

खामोशियाँ

नीला सा आसमान,

चन्दा की चांदनी,

कहीं संभलते  तो कहीं

टूट के गिरते ये तारे,

इन हसीन वादियों में-

नजाने कौन सी ख्वाहिशों में

बेह रही हूँ मैं,

एक हवा झोका करीब आके

मेरे कानों में कुछ केह गया,

नींद से जागी देखूं

हर तरफ खामोशी सा रेह गया,

अँधेरा ही अँधेरा,

सुनाई दे रही है तो बस

कुछ अनकही कहानिया,

अनगिनत ये ख्वाब,

अनगिनत ख्वाहिशें,

सोचु कभी तो…

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Added by D!sha Joshi on March 15, 2013 at 9:44am — 3 Comments

आहटें

दुपहर को देखा न जाने

फर्श  पर ये परछाई है किसकी,

वो बंध दरवाज़ा,

खुली हुई खिड़की,

फर्श पर लेटी धुप ,

धुप में बदन को सेकती ये परछाई,

खिड़की से आती हवा,

कुछ बातें करते रहेते है,

आहटों सा देते रहेते है,

कुदरत की आहटें है या खुद कुदरत?

नासमझ मैं ये आहटों को

लफ्जों में बुनती रहेती हूँ,

वो फर्श पे लेटी परछाई में अपनी

गेहेराई को ढूँढती रहेती हूँ।

(C) D!sha…

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Added by D!sha Joshi on February 10, 2013 at 9:30am — 1 Comment

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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