Made in India
सफर-ए-इश्क कि महेरबानियों से हुआ ऐसा ,
कि दुश्मनों से दोस्ती करने को जी चाहता है |
जनक म. देसाई
Added by Janak Desai on January 4, 2015 at 9:04am — No Comments
सलीका-ए-इश्क ने सिखाया है ढंग जीने का
कि बागे-उल्फत मे तु कांटो से न कर गिला
… जनक म. देसाई
Added by Janak Desai on January 4, 2015 at 9:00am — 1 Comment
journey:
‘ve travelled far, you and i…
Added by Janak Desai on January 4, 2015 at 1:30am — No Comments
Added by Juee Gor on January 3, 2015 at 9:49pm — No Comments
એક પ્યાસી ક્ષણ વિશે લખજો ગઝલ,
ઓસના કામણ વિશે લખજો ગઝલ.
સ્થાન એનું વિશ્વમાં નહિવત હશે,
ધરતીના કણકણ વિશે લખજો ગઝલ.
સાગરોના તટ વિશે તો શું લખો !
ભીતરી કો રણ વિશે લખજો ગઝલ.
આમ તો છે જિન્દગી ઘટના ભરી,
શૂન્યતાની ક્ષણ વિશે લખજો ગઝલ.
પ્રેમ તો છે વેદની ઋચા સમો,
આપણી સમજણ વિશે લખજો ગઝલ.
આપણા સંબંધ તૂટે રોજ અહીં,
કાયમી સગપણ વિશે લખજો ગઝલ.
- પ્રવિણ શાહ
Added by Pravin Shah on January 3, 2015 at 3:34pm — No Comments
हर वक्त आसान नही होता चले आना समजा करो
कभी कभी तस्सवुरमे भी दिलको बेहलाया करो
ताजा रखो हर गुजरे हुए पलको सिने के अंदर
याद जब हमारी आये उसे प्यारसे सेहलाया करो
हर वक्त तस्सवुरसे काम चलाया ना करो जाना
कभी कभी हकिकतमे भी आप दिदार दिखलाया करो
आओ तो वक्त लेके ही आया करो मिलने जनाब
युं आके लौट जानेकी जीदसे ना दिलको देहलाया करो
नये रिश्ते है नई चाहते है नये जजबात है जानम
तूम अपने दिलको भी हर हालमे जरा समजाया…
Added by sapana vijapura on January 3, 2015 at 3:12pm — No Comments
हर वक्त आसान नही होता चले आना समजा करो
कभी कभी तस्सवुरमे भी दिलको बेहलाया करो
ताजा रखो हर गुजरे हुए पलको सिने के अंदर
याद जब हमारी आये उसे प्यारसे सेहलाया करो
हर वक्त तस्सवुरसे काम चलाया ना करो जाना
कभी कभी हकिकतमे भी आप दिदार दिखलाया करो
आओ तो वक्त लेके ही आया करो मिलने जनाब
युं आके लौट जानेकी जीदसे ना दिलको देहलाया करो
नये रिश्ते है नई चाहते है नये जजबात है जानम
तूम अपने दिलको भी हर हालमे जरा समजाया करो
सपने तो आखिर सपने ही होते…
ContinueAdded by sapana vijapura on January 3, 2015 at 3:11pm — No Comments
फ़ितरत से कहाँ? यह सब हम ने ही तो बनाई है ,
सज़ा-ए-दीवारों की भीड़, खुद की ही तो सजाई है ।
~ जनक 'चाचू' पालनपुरी
Added by Janak Desai on January 2, 2015 at 9:22am — No Comments
નખ તો ક્યારનાય ઘસાઈ ગયાં,
અને બે હાથમાં છાલા માત્ર રહ્યાં,
તેથી જ કદી મૂર્તિઓ મુકીને હવે,
મનમંદિર…
Added by Janak Desai on January 2, 2015 at 8:59am — No Comments
Added by Juee Gor on January 1, 2015 at 4:53pm — No Comments
2024
2023
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
2012
2011
2010
2009
1999
1970
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
© 2024 Created by Facestorys.com Admin. Powered by
Badges | Report an Issue | Privacy Policy | Terms of Service