দিনের শেষে আঁধার মাখে আকাশ-
কালো রঙ এ ভরে যায় প্রকৃতি।
আরো কিছুটা রাত হতে,অভ্যাস বসত ঘুমিয়ে পড়ে শহর,
মনের গোপনে চেপে রাখা ভাবনা-স্মৃতি কে সঙ্গে করে সে পাড়ি দেয় স্বপ্নের দেশে।
সে দেশে আকাশ,বাতাস,বায়ু,পথ সবই যে স্বপ্নে ভরা-
সে পথ দিয়ে হেঁটেই মানুষ খুঁজে নেয় তার নিজের স্বপ্নকে।
মনের অভ্যন্তরে লুকিয়ে রাখা কোনো অসম্পূর্ণ আকাঙ্ক্ষা----

এদিকে বাস্তবের রাত আরো গভীর হয়ে ওঠে-
স্বপ্নের দেশে তখনও প্রকট দিন,
সেখানে ছেলে-মেয়ে,বুড়ো-বুড়ি সবাই মিলে স্বপ্ন কুড়োতে ব্যস্ত।
কেও বা স্বপ্নের ঝুলিতে হাতড়ে বেড়াচ্ছে তার মনের স্বপ্নকে-
কিছুতেই খুঁজে পাচ্ছে না সেটা---

বাস্তবে ঘুমের আড়ালেই মানুষ অবাস্তবের স্বপ্ন দেখে-
হয়ত কিছু হতে চাওয়া,কিছু হতে না পারা,কাউকে খোঁজা,
কিছু আক্ষেপ,কিছু ফিরে পাওয়া----
এসব স্বপ্ন দিয়েই ভরা সে দেশ।
সেই দেশে যে বারো মাস দিন-
আঁধার চেনে না কেও সেখানে,
অবাস্তবের সূর্য সেখানে বারো মাস বিদ্যমান।
যেখানে স্বপ্নপরি রা ঘুরে বেড়ায় স্বপ্নসন্ধানীর অপেক্ষায়,
তাদের ডানা ঝাঁপাটানোয় শেষ রাতে হঠাত্ হাওয়া দেয়।

এদিকে বাস্তবে তখন রাতের পালা শেষ,
আলো ফুটতে বেশি দেরি নেই-
ক্রমে,বাস্তবের আকাশে সূর্যের দেখা মেলে।
তার ঔজ্জ্বল্যে ধুয়ে মুছে যায় অবাস্তবের সব কিছু-
স্বপ্নপুরীর দরজাও বন্ধ হয়ে যায় ধীরে ধীরে।
দিনের আলোর স্বচ্ছতায় স্বপ্নরা সব রঙ হারিয়ে ফ্যাকাসে হয়ে যায়-
চোখের পলক পড়তেই সব স্বপ্নসন্ধানীরা জেগে ওঠে বাস্তবের লড়াইয়ে॥

Views: 111

Comment

You need to be a member of Facestorys.com to add comments!

Join Facestorys.com

Comment by Anil Joshi on July 21, 2016 at 7:22am

Wonderful.. look forward to many such blogs..

Comment by Lagani Vyas on July 21, 2016 at 6:25am
The title of this poem is swopno or dreams.it is about the dreams that we see in our subconscious mind while we r in light sleep.amidst the real world, the unreal circulations of our brain continues which have been termed as dreams.the dreams are of some unfulfilled desires,some aims some aspirations.
When people go to sleep,they actually leave this real world temporarily and visit the dream country where they search for their desired dreams packed up in different bags.in that strange country,the sun never sets.the people over there has never witnessed darkness.the unreal sun in that dreamland seems to shine thruout the day and night.the dream fairies fly over happily thruout the land.then as the night seems to end,as the first ray of the sun hits the planet,the door to the dream country shuts by.all the sleepy people return to their own lands and wake up with the reality of the new day...and the dreams fade away with the brightness of the sun...and thus a new day begins.
Translation : Aditi Dam

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

© 2024   Created by Facestorys.com Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Privacy Policy  |  Terms of Service