Aditi Dam's Blog (9)

RAPED

That night,the storm seized the ocean-

The waves whirled and swirled in numbers,

Ravage was caused to the water around-

The almighity storm played in form.



The storm took the calmness away,

The tiny waves vanished-

A frightening look was left behind,

The ocean lost its glory.



The blue waters appeared horrifying,

Darkened as the storm ravaged-

The ocean tore apart unable to bear-

But the nature failed to protest!



There… Continue

Added by Aditi Dam on January 18, 2017 at 10:45am — No Comments

NIGHTMARE

Like a sand storm the memories flow away-
Of the bygone days,of the got-rid-of past,
Few minutes or so,
The mind retraces the forgotten path.
And then atleast as the pages end,
The mind returns to its tranquil state-
The storm soothes away,the breeze comes to play;
The eyes get closed with sleep reigning away!!!

Added by Aditi Dam on January 13, 2017 at 11:39pm — No Comments

PINK

PINK,PINK-ed,PINK-ed
Colony,roads and alleys-
Facebook,Twitter,Google overflowed
With praise,appreciation of it.

Laws still remain the same,
Safety measures unwritten,
Harassment,molestations are still being carried
In the shadowy part of the lane.

Added by Aditi Dam on September 29, 2016 at 7:10pm — No Comments

IN HONOUR OF P V SINDHU

Like a tormenting sun across the field

Wresting and reigning like a wild shield-

In the tempest of the final end,

Enduring the pain-

Storming with the best of all

With equal pace and strain!



A mighty warrior,a saviour in disguise-

Somewhere in the foreign land-

The racket snatched the points away

In a daring stand.

The shuttle in the rally rose too high,

With the nation's hopes,wishes and pride!



The girl in saffron fought… Continue

Added by Aditi Dam on August 20, 2016 at 1:19pm — 2 Comments

THE BEGGAR

As the last rays of the sunshine envelop the earth

Leaving a shadowy effect-

Soothened,swallowed by the hungry beggar

Along the riverside belt!



Day long,a sultry day,

Warm sun has been through-

Tired enough,he was roaming about

Morning till sunshine late!



Worn out body,torn rags-

Has saved him for the day,

Chilled night,cold enough-

Would surely keep him awake.



Winds are fast swirling round,

Canopy of dust clouds… Continue

Added by Aditi Dam on August 18, 2016 at 11:17am — 3 Comments

'IN'- DEPENDENT or INDEPENDENCE???

As the parade began to salute our freedom fighters and to commemorate the day,the martyr from inside his grave sighed-
He still mourn for the day when the nation was brutally murdered.
It's two hands were being cut off.

Bangladesh and Pakistan got(were) seperated.

Added by Aditi Dam on August 14, 2016 at 3:24pm — No Comments

LONGING

It's been long we havn't met,

We havn't talked for a while,

We forgot to smile,the world behind-

We forgot to live a life.



Days got passed with PCs infront,

With projects,clients,ppts around-

Stooped shoulders,tiring body,

Frowned forehead and forgotten hobby!



Distance was our only foe-

Separated us for months away,

Lonely,fatigued,stress in head-

I grew,I grew,I got matured on the way.



Skype connected the cities… Continue

Added by Aditi Dam on August 13, 2016 at 6:30pm — No Comments

অনুভূতি

আকাশ ভরা মেঘ।ঝড়ের প্রকোপ।এক পশলা বৃষ্টির ছোঁয়া-

ভেজা পিচ,ভেজা ছাঁদ,আজ চোখটা যে ধোঁয়াশা-

ফাঁকা রাস্তা।দোকানের ঝাপ টানা।দেদার হাওয়া বয়-

একলা মন আলাপ-প্রলাপ,আজ তোমারে সঙ্গে চায়।



জানলা খোলা।মেঠো বাতাস আজ ডুকলো পড়ে ঘরে-

মনটা আমার বড়ো উদাসীন আজ তোমারই অবর্তমানে।

সঙ্গীতপ্রেমী মানুষ বিভোর আজ রবিঠাকুরের গানে-

লেখক-কবির কাগজ-কলম আজি মাতলো প্রলাপে।



সাদা ক্যানভাস-রঙিন হল প্রেমেরই রঙ মেখে,

বৃষ্টি দিল আলতো ছোঁয়া---- অনুভূতির আকাশে।

শুকনো চোখ আজ… Continue

Added by Aditi Dam on July 21, 2016 at 1:45pm — No Comments

স্বপ্ন

দিনের শেষে আঁধার মাখে আকাশ-

কালো রঙ এ ভরে যায় প্রকৃতি।

আরো কিছুটা রাত হতে,অভ্যাস বসত ঘুমিয়ে পড়ে শহর,

মনের গোপনে চেপে রাখা ভাবনা-স্মৃতি কে সঙ্গে করে সে পাড়ি দেয় স্বপ্নের দেশে।

সে দেশে আকাশ,বাতাস,বায়ু,পথ সবই যে স্বপ্নে ভরা-

সে পথ দিয়ে হেঁটেই মানুষ খুঁজে নেয় তার নিজের স্বপ্নকে।

মনের অভ্যন্তরে লুকিয়ে রাখা কোনো অসম্পূর্ণ আকাঙ্ক্ষা----



এদিকে বাস্তবের রাত আরো গভীর হয়ে ওঠে-

স্বপ্নের দেশে তখনও প্রকট দিন,

সেখানে ছেলে-মেয়ে,বুড়ো-বুড়ি সবাই মিলে স্বপ্ন… Continue

Added by Aditi Dam on July 20, 2016 at 6:58pm — 2 Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

© 2024   Created by Facestorys.com Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Privacy Policy  |  Terms of Service