• अच्छे पुस्तकों का संग करना और उसे अपने पास रखना, शुरू में भले लगे कि वो किसी काम के नहीं मगर स्वार्थ के संबंध छूट जायेंगे तब यही पुस्तक तुम्हें साथ देगा.
• हर बात में उत्तम करने का आग्रह र
खना और उसकी कीमत चुकानो को तैयार रहना.
• तंदुरस्ती अपनेआप सही रहेगी ऐसा कही मत सोचना.
• तुम्हारी आँखों के सामने निरंतर कोई सुंदर चीज रखना, क्यूँ न वो पानी भरे हुए काँच के गिलास में फूल ही हों.
• तुम्हारी क्षमता के अनुसार थोडा सा कर पाओगे ये जानते हुए कुछ भी नहीं करने की सोच मत रखना.
• संपूर्णता के लिए नहीं, श्रेष्ठता के लिए कार्य करते रहना.
• जो बुराई है उसे परखना सीखो और उसे नज़रअंदाज़ करना भी सीखो.
• अपने आप को संघर्षों की तपिश में पिघलने देना मगर खुद को जंग लगने न देना.
• हार में भी अपनी उदारता दिखाना और जीत में संयम रखना. किसी की प्रशंसा लोगों के सामने करना और आलोचना अकेले में करना
• लोगों में जो अच्छाई है उसे ढूँढते रहना.
• अपने परीवार को कितना चाहता है उसे अपने शब्द, स्पर्श और विचारों से अभिव्यक्त करते रहना.
• खुद के अंदर परिवर्तन की जो शक्ति है उसे कम मत समझना, दूसरों में परिवर्तन लाने की हमारी शक्ति को कभी ज्यादा मत समझना.
• कब चुप रहना उसका ख्याल रखना और कब चुप नहीं रहना उसका स्व-विवेक भी रखना.
• अन्याय के खिलाफ लड़ाई छेडना.
• दूसरों की सफलता में अपना उत्साह दिखाना, दूसरे लोगों को उनका ही महत्त्व समझना.
• अपनी ज़िंदगी अच्छे से बसर करने के लिए जो मेहनत करता है उसके साथ सम्मान से पेश आना, उनका कार्य छोटा ही क्यूँ न हों !
• अपनी ज़िंदगी इस तरह जीना जब तुम्हारे ही बच्चे ईमानदारी, निष्ठा, प्रामाणिकता के बारे में सोचें तब तुम्हारा चेहरा नज़र आएं.
• जिसको कभी उस बात की जानकारी भी न मिलने वाली हों, उसके लिए हमेशा कुछ अच्छा करने का प्रयास करना.
• विचार बड़े होने चाहिए मगर आनंद छोटी बातों में भी प्राप्त करना.
• फूलों की महक को पाने के लिए अपना समय जरूर देना.
• दिमाग मजबूत रखना और दिल कोमल रखना.
• कौन सही है उसकी चिंता में समय कम व्यतीत करना मगर क्या सच है उसको जानने में समय पूरा देना.
• महायुद्ध में जीतने के लिए छोटी छोटी लड़ाईयों में हारना भी सीखना होगा.
• किसी के प्रति मन में कटुता की गठरी बंध जाएँ तो उसे छोडने का प्रयास करना, काटने का नहीं.
• कोई भी चीज जिस स्थिति में हमें मिली हों, उसे और अच्छी स्थिति में किसी को देना.
• तुम्हें समय नहीं ऐसा कभी मत कहना, एक दिन में तुम्हें भी उतने ही घंटे मिलते हैं जो दुनिया के महा मानवों को मिलता था.
• सुख का आधार धन-मिलकत या प्रतिष्ठा पर नहीं मगर हम जिसे चाहते या आदर-सम्मान देते हैं उसके साथ हमारे सम्बन्धों पर ज्यादा आधारित हैं.
• अपने बच्चों को नियमित कोई अच्छी किताबों से प्रेरित बातें करना, अच्छे गीत सुनाना.
• ‘मुझे समझ नहीं’ ऐसा कहने से डरना नहीं, ‘मुझसे भूल हो गई’ ऐसा कहने में संकोच मत रखना और ‘मैं माफ़ी चाहता हूँ’ कहने में हीचाकिचाहट मत दिखाना.
• कभी निष्फलता की आदत डालना भी सीखते रहना.
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