Rekha Shukla's Blog (74)

पेहचान निखरा हुआ चेहरा वो अपनोकी पेहचान हैहसरत है कि दिदार करुं अपनोकी पेहचान हैमासुम इन्तजार वो झुलेपे झुलना पेहचान हैडर है ये बुंदे कही तोड ना दे आइना पेहचान है---रेखा शुक्ल

पेहचान

निखरा हुआ चेहरा वो अपनोकी पेहचान है
हसरत है कि दिदार करुं अपनोकी पेहचान है
मासुम इन्तजार वो झुलेपे झुलना पेहचान है
डर है ये बुंदे कही तोड ना दे आइना पेहचान है
---रेखा शुक्ल
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Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 7:01pm — 1 Comment

હીર દાબડી

ફુટે રોમ-રોમ ઝીણી પાંદડી

ઉગી ઉઠે રૂડી વસંત રાતડી

મીઠી મઘ-મઘ થૈ વાતડી

ચીટકી લાગણી હીર દાબડી

----રેખા શુક્લ

Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 6:58pm — No Comments

તૄષ્ણાપંખી.....!!!

હું સ્વદેશી વિદેશીએ તૄષ્ણાપંખી.....!!!

વેદનાનું વિચારબિંદુ લુંટવાનું તૄષ્ણાપંખી
માનવતાની ચિઠ્ઠીએ ઉડવાનું તૃષ્ણાપંખી
હરખે દિલદાર ફુલોમાં જડવાનું તૄષ્ણાપંખી
માસુમ મૌસમે ઝુલાવી હસવાનું તૄષ્ણાપંખી
----રેખા શુક્લ

Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 6:56pm — No Comments

નદીએ પેહરયું પાનેતર...

નેપરવીલની નદીએ પેહરયું પાનેતર

ઇમોશનલ ને અમેઝીંગ તેનું ચણત
હોટ ને હોંશીલી હરદમ હસતી હુંફાળી
નણંદબા ને સાસુમા માં…
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Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 6:53pm — No Comments

-છાંટણાં

કથળી ધીરજ ચુપ ના રહે

સ્વપ્ન ઓસડ છુપતા રહે...

રેખા શુક્લ…

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Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 6:49pm — No Comments

આર્યા

કંચનવર્ણી કોરીકટ કુમળી કાયા આર્યા
પુર્વપશ્ચિમે સિંદુરી બની એક ગઝલ
મેહફીલ ના લીલાછમ મેદાને ક્રિકેટ આર્યા
છક્કો-અઠ્ઠો પંક્તિમાં બની એક ગઝલ
પ્રેમની હેલી ને શબ્દો નું ટોળુ આર્યા
ગમતીલા મિત્રોનો પરિવારે બની એક ગઝલ
ટહુક્યા જ કરે મયુર પંખીણી આર્યા
ટોડ્લે બેસી હસ્તિમાં બની એક ગઝલ..

Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 6:33pm — No Comments

છટકણાં

કંકુમાં પાણી પડે ને અસ્તિત્વ ને શોભાવે તેટલે પ્રેમ

જગત અને માનવ જીવે ચિત્તની અનોખી વ્રૂત્તિ …

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Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 6:29pm — No Comments

કવિ...

ક્ષણમાં જીવે માનવી ક્ષણને જીવાડે કવિ

હ્ર્દયગમ્ય સત્યના આલાપે કાવ્ય…

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Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 6:28pm — No Comments

કવિતાનો કેકારવ.. ને હ્રદયના લેખ .....!!

ધબકતું મૌન મળે ને કવિતાનો કેકારવ અહીં

વિચાર મંથને ઉપજ્યું કાવ્ય ગુંજન છે અહીં


કવિના હસ્તાક્ષરે કાવ્યની પગલીઓ અહીં
ગુજરાતી સાહિત્ય ભંડોળનું રસપાન છે અહીં

શબ્દોનો "વિકાસ" મેહકાવે ઉપવન અહીં
માતૄવંદન સભર કલમે હ્રદયના લેખ અહીં

ચાલો સૌ મળી સહિયારૂં સર્જન કરીએ અહીં
અંતરની વાતો ને કલમે લૈ ભરીએ અહીં
---રેખાશુક્લ ૧/૨૬/૧૩

Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 6:20pm — 1 Comment

કવિતા ધેલા....ને..!

ઘર બેઠે ગંગા-જળ મળે તો, 

મરવાનું મને પસંદ છે...

કવિતાઓનું રસ-પાન મળે તો,

કવિ-સંબેલન મને પસંદ છે...…

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Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 6:15pm — 1 Comment

रिश्तें सजा ये मौत...........

हरेक मोड पर ह्म गमोको सजा दे

चलो जिंदगी को ही मुहब्बत बनादे

--- अकेला अजनबी----

फरिश्तों के कींडे फैलते रहे

झजबात में मौन चुप रोते रहे  

---अकेला अजनबी ....

जिस मोड पे जाते हैं मुहब्बत सजा दे...

कमब्ख्ख्त ये रिश्तें सजा ये मौत फर्मा दे...

--- अकेला अजनबी .....

सजा दे सिलाह दे बनादे मिटा दे

परिंदे मगर कोई फेंसला तो सुना दे

---Rekha Shukla 

Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 6:11pm — No Comments

પટપટ.. થોરે

પટપટ.. થોરે

 

લખ લખ લખોટીયું દડદડ અડીને

મધ મધ રાતડીયું તડતડ પડીને

 

રખ રખ લાગણીયું પટપટ રડીને

વખ વખ જિંદગીયું ઝટ્પટ ચડીને

--રેખા શુકલ

Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 12:59am — No Comments

कहानी

एक था बुल और एक थी बुलबुल, दोनो चमनमें रेहते थे

ये तो कहानी बिल्कुल सच्ची मेरे नाना केहते थे...

बुलबुल……!!

घने बादलके पीछे जब चांद जा छुपे, 

क्युं बंध आंखो के तारे रुठे ?

गुलशन फिर है बहारो से तो, 

क्युं नजांरा युं गुलिश्तां से रुठे ?

लिफाफे रखके एकदम खाली, 

क्युं अब इल्जाम से रुठे?

नजांरा इश्क का तो बदलके, 

क्युं अब पैगाम से रुठे?

मंजिले बदले…

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Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 12:52am — No Comments

ખુદથી ખુદા થૈ

ખુદથી ખુદા થૈ

 

પીગળી ચંદરવે ચાંદ મુંઝાઈ રહ્યો છે;

 

આગળ પાછળ પડછાયે સંધાઈ રહ્યો છે...

 

સડી રહ્યો છે માણસ થૈ ગંધાઈ રહ્યો છે;

 

દોડ્યો દુર ખુદથી ખુદા થૈ કંતાઈ રહ્યો છે....

---રેખા શુક્લ ૧૨/૨૭/૧૨

Added by Rekha Shukla on March 12, 2013 at 12:50am — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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