Made in India
जब कोई इन्बोक्स में Hiiii करता है , मुझे लगता है सामने वाला अभिवादन नहीं बलात्कार कर रहा हो हमारे संस्कृति का ! गुड मोर्निंग तक तो चलो फिर भी ठीक था , पर ये हांईईईईईइ तो मेरा दिमाग हजम ही नहीं कर पता !
अभिवादन के कई तरीके है :-
नमस्कार !
जय…
Added by Nihal Singh on June 1, 2013 at 4:24pm — No Comments
1) "दूसरो की गलतियों से सीखो अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी."
2)"किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना चाहिए ---सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं."
3)"अगर कोई सर्प जहरीला नहीं है तब भी उसे जहरीला दिखना चाहिए वैसे दंश भले ही न दो पर दंश दे सकने की क्षमता का दूसरों को अहसास करवाते रहना चाहिए. "
4)"हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है --यह कडुआ सच है."
5)"कोई…
Added by Nihal Singh on May 1, 2013 at 12:35pm — No Comments
बेटी बोली - माँ मैं क्रिकेटर बनूँगी, सचिन की तरह रिकॉर्ड तोडूंगी !
माँ बोली - आहिस्ता बोल सब हसेंगे, और फिर चार लोग क्या कहेंगे !!
बेटी बोली - माँ मैं बाबा का व्यापार चलाऊँगी, छोटी सी दुकान से बड़ा दफ्तर बनाउंगी !
माँ बोली - आहिस्ता बोल बाबा गुस्सा करेंगे, और फिर चार लोग क्या कहेंगे !!
बेटी बोली - तो माँ मैं नेता बन जाऊंगी, देश की हालत में कुछ तो सुधार लाऊंगी !
माँ बोली - कुर्सी तक…
Added by Nihal Singh on May 1, 2013 at 12:32pm — No Comments
अजनबी शहर के अजनबी रास्ते, मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे
मैं बहुत देर तक यूं ही चलता रहा, तुम बहुत देर तक याद आते रहे
ज़ह्र मिलता रहा ज़ह्र पीते रहे, रोज़ मरते रहे रोज़ जीते रहे
ज़िंदगी भी हमें आज़माती रही, और हम भी उसे आज़माते रहे
ज़ख़्म जब भी कोई ज़ेह्नो-दिल पे लगा, ज़िंदगी की तरफ़ एक दरीचा खुला
हम भी गोया किसी साज़ के तार हैं, चोट खाते रहे गुनगुनाते रहे
कल कुछ ऐसा हुआ मैं बहुत थक गया, इसलिये…
Added by Nihal Singh on April 30, 2013 at 12:00pm — No Comments
एक संत दो शिष्यों के साथ चले जा रहे थे, किसी श्रद्धालु ने राह में खाने के लिए उनके कमंडल में आठ रोटियाँ रख दी, तीनों एक सरोवर के किनारे स्नान के लिए रुके.
संत एक शिष्य के साथ स्नान करने गए . मौका देख कर दूसरे शिष्य ने दो रोटियाँ खा लीं. कुछ देर में संत लौटे. तीनों खाना खाने बैठे. संत ने देखा - आठ रोटियाँ थीं, अब छ: ही बची हैं. संत ने दोनों शिष्यों से पूछा - " दो रोटियाँ किसने खाई हैं ?" दोनों शिष्यों ने इन्कार कर दिया. तीनों ने…
Added by Nihal Singh on April 30, 2013 at 11:50am — No Comments
कोई चाहत है न जरुरत है
मौत क्या इतनी खूबसूरत है
मौत की गोद मिल रही हो अगर
जागे रहने की क्या जरुरत है
जिंदगी गढ़ के देख ली हमने
मिटटी गारे की एक मूरत है
सारे चेहरे जमा हैं माजी के
मौत क्या दुल्हिनों की सूरत है…
Continue
Added by Nihal Singh on April 30, 2013 at 11:38am — No Comments
Added by Nihal Singh on April 29, 2013 at 4:35pm — No Comments
1. I Miss You As Much As You Missed The Air....
2.Distance may keep us apart but i will not stop loving you
3.The moments when i look in your eyes, are the best. Because I know, I definitely love you More than any other
4.When i see you…
Added by Nihal Singh on April 29, 2013 at 12:21pm — No Comments
एक राजा ने अपने मंत्री को सोने का एक डंडा देकर कहा, 'जो व्यक्ति तुम्हें मूर्ख दिखाई दे, उसे यह थमा देना।' मंत्री डंडा लेकर चल पड़ा। बहुत तलाश के बाद उसे एक भोला-भाला व्यक्ति दिखाई पड़ा, जिसे मूर्ख समझकर मंत्री ने वह डंडा पकड़ा दिया।
मंत्री ने उससे कहा, 'यदि तुम्हें कोई अपने से ज्यादा मूर्ख मिले, तो उसे यह डंडा दे देना।' वह व्यक्ति भी अपने से ज्यादा मूर्ख की तलाश में स्थान-स्थान पर घूमता रहा पर उसे ऐसा कोई व्यक्ति न मिला। इस प्रकार…
Added by Nihal Singh on April 29, 2013 at 11:08am — No Comments
कभी कभी ज़िन्दगी से मुलाकात करता हूँ,
कभी कभी आइने मैं कभी पानी मैं...कभी आग मैं ज़िन्दगी को दूंदता हूँ,
कभी अंजन चेहरों मैं कभी अन्जान राहों पर और
कभी अपने अक्स मैं ज़िन्दगी से मिलता हूँ,…
ContinueAdded by Nihal Singh on April 29, 2013 at 10:59am — No Comments
हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो
ये ज़िन्दगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो
न जाने कौन सी मज़बूरियों का क़ैदी हो
वो साथ छोड़ गया है तो बेवफ़ा न कहो
तमाम शहर ने नेज़ों पे क्यूँ उछाला मुझे
ये इत्तेफ़ाक़ था तुम इस को हादसा न कहो
ये और बात कि दुश्मन हुआ है आज मगर
वो मेरा दोस्त था कल तक उसे बुरा न कहो
हमारे ऐब हमें उँगलियों पे गिनवाओ
हमारी पीठ के पीछे…
Added by Nihal Singh on April 28, 2013 at 1:15pm — No Comments
कितनी मासूम थी जिंदगी, जब हम छोटे थे
ना दिल में मैल, न चेहरे पे मुखौटे थे...
कितनी मासूम थी जिंदगी जब हम छोटे थे
सुन ले कोई मेरे दिल की थोड़ी सी दास्तान...
वक़्त किसी के पास इतना भी कहाँ आज,
सीने पे लगा लेते थे दौड़ के लोग सभी,
पहले कभी जब हम छोटी सी बातों पे रोते थे...
कितनी मासूम थी जिंदगी, जब हम छोटे थे
सुन ले कोई मेरे दिल की थोड़ी सी दास्तान...
अब तो प्यार देके भी…
Added by Nihal Singh on April 28, 2013 at 12:59pm — No Comments
फासलों का फैसला कैसे करे फासले तो अभी बाकी है,
रात का चाँद अभी सोया नहीं और सुबह का सूरज कुहासे मैं है,
रोशनी होना अभी बाकी है...…
Continue
Added by Nihal Singh on April 28, 2013 at 12:58pm — No Comments
१-अपने बच्चियों को किसी के घर खेलने न जाने दे खासकर उनलोगों के पास जो अकेले रहते है..चाहे उनकी उम्र कितनी भी क्यों न हो
२- अपने बच्चियों को सजग रखे और उन्हें उंच नीच के बारे में सजग करे ..
३- किसी भी रिश्तेदार पर भी भरोसा रखना ठीक नही है क्योकि रेप के…
Added by Nihal Singh on April 27, 2013 at 5:38pm — No Comments
'' घर का रहे न घाट का.. जिसे आदत इसकी पड़ जाती '' ,
'' दिन कब चले, रात कब ढले.. पता ही न चल पाए '' ,
'' नशे से बढकर नशा है ये.. जो ''फेसबुक'' कहलाये '' ,
'' सुबह सवेरे उठकर पहले ''स्टेटस'' लिखने की पड़ जाये '' ,
'' बुरी हो गयी हालत अब तो ''कमेन्ट'' और ''लाईक'' ही नजर आये '' ,
'' कितनो को किया है टैग.. किस किस ने किया है लाईक '' ,
'' घरवाले परेशान बहुत हैं.. और परेशान है अब तो…
Added by Nihal Singh on April 27, 2013 at 5:21pm — No Comments
बाल श्रम कराना कानूनी अपराध है ..... ये कानून बने हुए काफ़ी अरसा बीत चुका है ...लेकिन बाल श्रम को कितना कम कर पाये हैं ये सभी जानते हैं ....आख़िर वो बच्चे श्रम करते क्यों हैं ? क्योंकि वो और उनका परिवार गरीब है ...उनके पास बाल श्रम करने के आलावा और कोई रास्ता नही बचता ....हाँ जानता हूँ सरकार कुछ कर रही है ...ऐसे बच्चो के लिए ...लेकिन वो सरकार की कोशिशें कितनी उन बच्चो तक पहुँच पाती हैं इस बात से कोई भी अनजान नही....शायद इसके पीछे गरीबी,…
ContinueAdded by Nihal Singh on April 27, 2013 at 3:06pm — No Comments
एक आँगन में दो आँगन हो जाते हैं
मत पूछा कर किस कारन हो जाते हैं
हुस्न की दौलत मत बाँटा कर लोगों में
ऐसे वैसे लोग महाजन हो जाते हैं
ख़ुशहाली में सब होते हैं ऊँची ज़ात
भूखे-नंगे लोग हरिजन हो जाते हैं
राम की बस्ती में जब दंगा होता है
हिन्दू-मुस्लिम सब रावन हो जाते हैं!!
Added by Nihal Singh on April 27, 2013 at 2:18pm — No Comments
Added by Nihal Singh on April 27, 2013 at 1:31pm — No Comments
Added by Nihal Singh on April 27, 2013 at 1:28pm — No Comments
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
© 2024 Created by Facestorys.com Admin. Powered by
Badges | Report an Issue | Privacy Policy | Terms of Service