Sakshi garg's Blog (35)

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Added by Sakshi garg on August 29, 2020 at 8:10pm — 1 Comment

तुम में जीना है

तुम्हारे साथ नहीं जीना मुझे,,

मुझे तुम में

तुम बन कर

तुम्हे जीना है ।।

Added by Sakshi garg on August 29, 2020 at 8:07pm — No Comments

तुम

ना जाने कैसी खुराफात ये दिल कर बैठा है,,
कि अपनी हर धड़कन पर तुम्हारा नाम मुकर्रर कर बैठा है,,
कहने को तो मेरा है पर मेरी सुनता कहां है,,
तुम्हारे हर खयाल पे ये खुद को बेइंतहा बेसब्र कर बैठा है ।।

Added by Sakshi garg on August 28, 2020 at 6:49pm — 1 Comment

पता

आज सुबह से गुम सी हूं,, 

किसी को ढूंढू तो पता देना ।।

Added by Sakshi garg on August 26, 2020 at 6:50pm — 3 Comments

अल्फाज़

बेशक !!

अनजान तो तुम भी नहीं हो मेरे दिल के हाल से,, 

पर फिर भी कभी कभी एहसासों को भी अल्फाज़ दे देने चाहिएं ।।

Added by Sakshi garg on August 26, 2020 at 2:28pm — 1 Comment

चाहत की चुस्की

काली चाय सी ज़िन्दगी में तुम्हारी ही कमी थी,,

तुम दूध बनकर घुल गए तो स्वाद से इश्क़ सा हो गया ।।

Added by Sakshi garg on August 24, 2020 at 5:30pm — No Comments

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Added by Sakshi garg on August 24, 2020 at 5:25pm — No Comments

याद

ना जाने कैसे लोग इश्क के जाम भरते हैं,,

घड़ी के हर पल हम तुमको याद करते हैं,,

कैसे बताएं किस तरह रह रह के मरते हैं,,

तेरी यादों के दरिया किनारे अपनी आंखें नम करते हैं,,

घड़ी के हर लम्हे में हम तुमको याद करते हैं ।।…

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Added by Sakshi garg on August 21, 2020 at 4:02pm — No Comments

सुकून

Added by Sakshi garg on August 20, 2020 at 4:19pm — No Comments

Love birds

Added by Sakshi garg on August 19, 2020 at 5:27pm — No Comments

मैं तुम में ही रहूं•••

तुम्हे पाने की चाहत नहीं है मुझे,,

तुममें खो जाने की तमन्ना है,,

तुम में खुद को इस तरह गुम कर दूं,,

कि शाम ढले तुममें सो जाऊं और सुबह को धूप सी तुममें खिलू ।।…

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Added by Sakshi garg on August 19, 2020 at 5:24pm — No Comments

किताब

अपनी ज़िन्दगी की किताब का हर पन्ना मैं तुम्हारे साथ ही शुरू करना चाहती हूं...

उस हर पन्ने की कहानी में तुम्हारा हाथ पकड़ के साथ चलना चाहती हूं...

उस कहानी को बेहिसाब जी कर तुम्हारे साथ तुम्हारे कांधे पे खत्म करना चाहती हूं...

मैं तो बस तुम्हे और तुम्हारा प्यार भरा साथ चाहती हूं !!

- साक्षी गर्ग…

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Added by Sakshi garg on August 18, 2020 at 5:19pm — No Comments

गीली मिट्टी

ये गीली मिट्टी की खुशबू जो आ रही है••

तुम्हारी सौंधी सौंधी यादों का काफिला ला रही है ।।   …

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Added by Sakshi garg on August 17, 2020 at 5:54pm — No Comments

चाय

      तुम्हारी चाय की प्याली भी कितनी नसीब वाली है,,

    जो रोज़ तेरे होंठों कि शगुफ्ता से गुफ्तगू फरमाती है ।।

Added by Sakshi garg on August 16, 2020 at 2:43pm — No Comments

Shiv Shakti

Added by Sakshi garg on August 15, 2020 at 10:48pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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