Rina Badiani Manek's Blog – April 2015 Archive (9)

ચીસ / શ્યામ સાધુ

કોઈપણ
ચીસનો અવાજ
અનન્ય હોય છે,
અન્યથા
દુઃખ એ દુઃખ જ છે;
વળી
પીડા
રેશમી શ્વાસો વચ્ચે પણ
પીડા જ છે
અને એટલે
દરેક વાર 'બોર' થયેલી સાંજે
આપણે કંઈ પતંગિયા જેવા
લોકોનેય 'પાર્ટનર' બનાવી લઈએ છીએ
બે-હીચક !
અને આ પછી
આપણે આપણી પેલી
અનન્ય ચીસને
ભરપૂર ભરપૂર ચીસતી બનાવી
જીવી લઈએ છીએ
ચૂપચાપ !

Added by Rina Badiani Manek on April 29, 2015 at 5:38pm — No Comments

ख़ार-ओ-ख़स तो उठे / क़ैफ़ी आज़मी

ख़ार-ओ-ख़स तो उठे , रास्ता तो चले
मैं अगर थक गया , क़ाफ़िला तो चले

चाँद-सूरज बुजुर्गों के नक़्शे-क़दम
ख़ैर बुझने दो उनको हवा तो चले

हाकिम-ए-शहर, ये भी कोई शहर है
मस्जिदें बंद है, मयक़दा तो चले

उसको मज़हब कहो या सियासत कहो
ख़ुदकुशी का हुनर तुम सिखा तो चले

इतनी लाशें मैं कैसे उठा पाऊँगा
आप ईँटों की हुरमत बचा तो चले

बेलचे लाओ, खोलो ज़मीं की तहें
मैं कहाँ दफ़्न हूँ कुछ पता तो चले

Added by Rina Badiani Manek on April 28, 2015 at 11:18am — No Comments

निदा फ़ाज़ली/ अब के ख़फ़ा हुआ है

अब के ख़फ़ा हुआ है तो इतना ख़फ़ा भी हो
तू भी हो और तुझमें कोई दूसरा भी हो

यूँ तो हर एक बीज की फितरत दरख़्त है
खिलते हैं जिसमें फूल वो आब-ओ-हवा भी हो

आँखें न छीन मेरी नक़ाबें बदलता चल
यूँ हो कि तू क़रीब भी हो और जुदा भी हो

रिश्तों के रेज़गार में कर सर पे धूप है
हर पाँव में सफ़र है मगर रास्ता भी हो

दुनिया के कहने सुनने पे इन्सानियत न छोड़
इन्सान है जो साथ में कोई ख़ता भी हो

Added by Rina Badiani Manek on April 27, 2015 at 9:24am — No Comments

यह बात तो ग़लत है / निदा फ़ाज़ली

कोई किसी से खुश हो और वो भी बारहा हो

यह बात तो गलत है

रिश्ता लिबास बन कर मैला नहीं हुआ हो

यह बात तो गलत है



वो चाँद रहगुज़र का, साथी जो था सफ़र का

था मौजिज़ा नज़र का

हर बार की नज़र से रोशन वह मौजिज़ा हो

यह बात तो गलत है



है बात उसकी अच्छी, लगती है दिल को सच्ची

फिर भी है थोड़ी कच्ची

जो उसका हादसा है मेरा भी तजुर्बा हो

यह बात तो गलत है



दरिया है बहता पानी, हर मौज है रवानी

रुकती नहीं कहानी

जितना लिखा गया है उतना… Continue

Added by Rina Badiani Manek on April 25, 2015 at 9:49am — No Comments

आओ कि कोई ख़्वाब बुनें / साहिर लुधियानवी

आओ कि कोई ख़्वाब बुनें कल के वास्ते

वरना ये रात आज के संगीन दौर की

डस लेगी जान-ओ-दिल को कुछ ऐसे कि जान-ओ-दिल

ता-उम्र फिर न कोई हसीं ख़्वाब बुन सकें



गो हम से भागती रही ये तेज़-गाम उम्र

ख़्वाबों के आसरे पे कटी है तमाम उम्र



ज़ुल्फ़ों के ख़्वाब, होंठों के ख़्वाब, और बदन के ख़्वाब

मेराज-ए-फ़न के ख़्वाब, कमाल-ए-सुख़न के ख़्वाब



तहज़ीब-ए-ज़िन्दगी के, फ़रोग़-ए-वतन के ख़्वाब

ज़िन्दाँ के ख़्वाब, कूचा-ए-दार-ओ-रसन के ख़्वाब



ये ख़्वाब… Continue

Added by Rina Badiani Manek on April 17, 2015 at 5:03pm — No Comments

.........../ રીના

મુંગુ બારણું
બહેરી દીવાલો
આંધળી બારીઓ
સ્પર્શીનેય ન સ્પર્શતી
કેટલીયે ચીજો

અને ..??!!

અને ....આ બધાને
બોલતા
સાંભળતા
દેખતા
અડકતા
અને એમાં
જિંદગીની સુગંધ
શોધતા
મારા શ્વાસ અને હું...

Added by Rina Badiani Manek on April 14, 2015 at 5:44pm — 2 Comments

अकारण प्यार से / अरुणा राय

स्वप्न में

मन के सादे कागज पर

एक रात किसी ने

ईशारों से लिख दिया अ....

और अकारण

शुरू हो गया वह

और एक अनमनापन बना रहने लगा

फिर उस अनमनेपन को दूर करने को

एक दिन आई खुशी

और आजू-बाजू कई कारण

खडें कर दिए

कारणों ने इस अनमनेपन को पांव दे दिए

और वह लगा डग भरने , चलने और

और अखीर में उड़ने

अब वह उड़ता चला जाता वहां कहीं भी

जिधर का ईशारा करता अ...

और पाता कि यह दुनिया तो

इसी अकारण प्यार से चल रही है

और उसे पहली बार… Continue

Added by Rina Badiani Manek on April 12, 2015 at 9:20am — No Comments

उम्मीद से आगे / अशोक वाजपेयी

रोशनी उम्मीद से आगे निकल गई है

उसकी चकाचौंध में

न उम्मीद दिखायी देती है, न नाउम्मीदीः

उनकी इबारतें धुल-पुँछकर मिट गई है ।

पत्तियों की काँपती हरीतिमा से

चिड़िया कुछ चाहती होगी

यह कहना कठिन है :

उनका काँपते हुए होना सुंदर है,

चिड़िया देखे, न देखे

उन्हें धारे हुए वृक्ष जाने , न जाने ।

बच्चे की आँखें धूप से चौंधिया कर मुँदी हैं

और उसे पता तक नहीं है कि

कितनी दूर तक फैल गया है धूप का संसार ।

रोशनी ने सबकुछ ढकेल दिया है

सिवाय इस… Continue

Added by Rina Badiani Manek on April 7, 2015 at 2:54pm — No Comments

Alone With Everybody /Charles Bukowski

the flesh covers the bone

and they put a mind

in there and

sometimes a soul,

and the women break

vases against the walls

and the men drink too

much

and nobody finds the

one

but keep

looking

crawling in and out

of beds.

flesh covers

the bone and the

flesh searches

for more than

flesh.



there's no chance

at all:

we are all trapped

by a singular

fate.



nobody ever… Continue

Added by Rina Badiani Manek on April 6, 2015 at 8:46am — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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