Made in India
Added by Jasmine Singh on January 12, 2021 at 9:06am — No Comments
ज़िंदगी एक अंधेरे बंद कमरे सी लगने लगी है !
यहां से बाहर जाने का दरवाज़ा तो है,
पर पता नहीं किस तरफ कितनी दूर,
और उसकी चाबी का भी कुछ पता नहीं !
वो भी मेरी तरह इस अंधेरे में गुम पड़ी है कहीं !
रोशनी का एक कतरा भी अंदर आ पाता नहीं !
इसलिए वक़्त का कुछ अंदाज़ा हो पाता नहीं !
कायम रहता है तो बस अंधेरा बस खामोशी ,
और मेरी हर पल तेज होती धड़कन ,
जैसे जैसे धड़कन बढ़ती है ये घबराहट भी और बढ़ती है,
और ये अंधेरा जैसे और काला हुआ जाता है ,
जैसे…
Added by Jasmine Singh on December 2, 2020 at 11:02pm — No Comments
तुझे लिखती रहूंगी मैं
तेरे प्यार की स्याही में
अपनी कलम को डुबो कर
इस ज़िंदगी के पन्नों पे
तेरे साथ जिये लम्हों को
कविताओं में बुनकर
तुझको लिखती रहूंगी मैं
तुझको जीती रहूंगी मैं
तू वो है जो मेरे साथ है
और मेरे बाद भी रहेगा
कभी किसी के होठों में हंसेगा
किसी की आंखों से बहेगा
किसी अलमारी के पुराने
दराज की खुशबु में महकेगा
किसी की आंखों की गहराई
जब जब मेरे शब्दों में उतरेगी
तब तब मेरे बाद तुझे पढ़ने वालों के…
Added by Jasmine Singh on December 2, 2020 at 9:41am — No Comments
Your absence always silenced the distance
Perhaps it was your presence in the distance
I wonder how will I cover this distance
May be this distance is not the distance
Actually responsibilities are the distance
One day we will swim across this distance
We will float on love and mock this distance
Hail and hearty we stay away from the distance
I pray no one gets to experience the distance
©Reserved by Jasmine Singh
Added by Jasmine Singh on November 28, 2020 at 10:36pm — No Comments
कुछ इस तरह लिपटी हैं
तेरी पलकें मेरे दिल के तारों से
मज़ार के धागों से
कोई मन्नत लिपटी हो जैसे
©Reserved by Jasmine Singh
Added by Jasmine Singh on November 13, 2020 at 9:32am — No Comments
तुझे लिखती रहूंगी मैं
तेरे प्यार की स्याही में
अपनी कलम को डुबो कर
इस ज़िंदगी के पन्नों पे
तेरे साथ जिये लम्हों को
कविताओं में बुनकर
तुझको लिखती रहूंगी मैं
तुझको जीती रहूंगी मैं
तू वो है जो मेरे साथ है
और मेरे बाद भी रहेगा
कभी किसी के होठों में हंसेगा
किसी की आंखों से बहेगा
किसी अलमारी के पुराने
दराज की खुशबु में महकेगा
किसी की आंखों की गहराई
जब जब मेरे शब्दों में उतरेगी
तब तब मेरे बाद तुझे पढ़ने वालों के…
Added by Jasmine Singh on October 15, 2020 at 1:22am — No Comments
चेहरा नहीं किताब हैं वो,
आम होकर भी बहुत नायाब हैं वो,
रोज़ करती हूं कोशिश,
उन हसरतों को पढ़ने की,
जिन्हे छुपाने में बहुत उस्ताद हैं वो !
© Reserved by Jasmine Singh
Added by Jasmine Singh on September 18, 2020 at 12:01pm — No Comments
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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