Made in India
साँसे-
कितनी बार उलझी हैं
ये तुम्हारी धड़कनों में
वो किस्सा याद है जब
तुम्हारी शर्ट की बटन
से ये उलझ के अटक
गई थी और साँसों को
सुलझाने के चक्कर में
टूट गई आज भी वो
सांसो में उलझी हुई
बटन मेरे पास है...
Added by Firdous on August 28, 2020 at 2:16pm — No Comments
रोटी-
थाली में रोटी और
आसमान में चाँद
एक जैसे ही दीखते
हैं, दोनों गोल हैं,धब्बे
भी दोनों पर हैं, रोटी
हर रोज़ थाली में उगती है
और चाँद आसमान पर,
फ़र्क़ बस इतना है रोटी
पेट का अँधेरा
बुझाती है और चाँद
रात का ...
सुसाइड-
आज वो सब कुछ देख रहा
था, घर की दीवारें खिड़की
पर पड़ा पर्दा, दरवाज़े की
दरार से आती धुप किताबों
पर जमी धुल, वाज़ में सूख रहे
फूल, टेबल पर रखी फैमिली
फोटो, अपने सुख चुके मन
पे, वो यादों के छींटे बार
बार मार रहा था, पर उसका
चंचल मन पिछले कई महीनों
से,पार्थिव शरीर में बदल रहा था,
अंदर से वो कबका सब कुछ त्याग
चूका था, केवल शरीर ही बचा था,
वो यह देख सकते में आ गया, और
बौखलाकर अपनी आत्मा को ढूंढ़ने लगा,
जब हताशा…
Added by Firdous on August 23, 2020 at 10:35am — No Comments
चाय-
पहले कोई खास दिल्लगी
नहीं थी इनसे, पर आज कल
अकेलेपन को भर रही है,
जब कोई दिल की
सुनने वाला नहीं होता,
तो सोचते हैं कुछ चुस्कियों
से ही गप कर ली जाए,
जब बैठे-बैठे मन उकता
जाता है, एक दम से इसका
ख्याल आता है, मैं किसी
आशिक़ सा छटपटा जाता
हूँ, इसे पाने की फ़िराक़ लिए
कदम बढ़ाता हूँ, और जैसे
ही ये मेरे सामने आती है,
मैं होंठों पे मुस्कान लिए
जैसे शर्मा जाता हूँ, मेरे लब
इन्हें देखते हैं, और ये मेरी
तलब,…
Added by Firdous on August 21, 2020 at 2:50pm — No Comments
उमस-
कितने दिनों से तुम्हारे
ख्यालों के बादल मन
को घेरे हुए हैं, न बरस
रहे हैं, न छट रहे हैं,
खामखां मेरे दिल में उमस बढ़ा रहे हैं
Added by Firdous on August 20, 2020 at 1:09pm — No Comments
घर-
मर चूका है,सिर्फ ढांचा
बचा है जिसमे अधमरे से रिश्ते
आखिरी सांस भर रहे हैं उनकी
आँखें बंद है,वो सच को
पुतलियों से छिपा रहे
हैं वो कमरा जिसमे बाप रहा
करता था वहां उसकी
गालियां अभी भी गूँज रही हैं
माँ का कमरा सहमा सा है
उसी की तरह,पर उसकी दिवार
पर लटकी घड़ी ने अपने टिक-टिक में
सब कुछ कैद कर लिया है घर में
लगे जाले वहां के रिश्तों जैसे
खोखले और उलझे
से है, ढहता हुआ घर
सब पर ज़ोर-ज़ोर
से ठहाके लगा रहा…
Added by Firdous on August 19, 2020 at 12:12pm — No Comments
Added by Firdous on August 18, 2020 at 3:01pm — No Comments
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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