Firdous's Blog (7)

साँसे

साँसे-

कितनी बार उलझी हैं

ये तुम्हारी धड़कनों में

वो किस्सा याद है जब

तुम्हारी शर्ट की बटन

से ये उलझ के अटक

गई थी और साँसों को

सुलझाने के चक्कर में

टूट गई आज भी वो

सांसो में उलझी हुई

बटन मेरे पास है...

Added by Firdous on August 28, 2020 at 2:16pm — No Comments

रोटी

रोटी-

थाली में रोटी और

आसमान में चाँद

एक जैसे ही दीखते

हैं, दोनों गोल हैं,धब्बे

भी दोनों पर हैं, रोटी 

हर रोज़ थाली में उगती है

और चाँद आसमान पर,

फ़र्क़ बस इतना है रोटी

पेट का अँधेरा 

बुझाती है और चाँद

रात का ...

Added by Firdous on August 27, 2020 at 11:44am — 1 Comment

सुसाइड

सुसाइड-

आज वो सब कुछ देख रहा

था, घर की दीवारें खिड़की

पर पड़ा पर्दा, दरवाज़े की

दरार से आती धुप किताबों

पर जमी धुल, वाज़ में सूख रहे

फूल, टेबल पर रखी फैमिली

फोटो, अपने सुख चुके मन

पे, वो यादों के छींटे बार

बार मार रहा था, पर उसका

चंचल मन पिछले कई महीनों

से,पार्थिव शरीर में बदल रहा था,

अंदर से वो कबका सब कुछ त्याग

चूका था, केवल शरीर ही बचा था,

वो यह देख सकते में आ गया, और

बौखलाकर अपनी आत्मा को ढूंढ़ने लगा,

जब हताशा…

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Added by Firdous on August 23, 2020 at 10:35am — No Comments

चाय

चाय-

पहले कोई खास दिल्लगी

नहीं थी इनसे, पर आज कल

अकेलेपन को भर रही है,

जब कोई दिल की

सुनने वाला नहीं होता,

तो सोचते हैं कुछ चुस्कियों

से ही गप कर ली जाए,

जब बैठे-बैठे मन उकता

जाता है, एक दम से इसका 

ख्याल आता है, मैं किसी

आशिक़ सा छटपटा जाता

हूँ, इसे पाने की फ़िराक़ लिए

कदम बढ़ाता हूँ, और जैसे

ही ये मेरे सामने आती है,

मैं होंठों पे मुस्कान लिए

जैसे शर्मा जाता हूँ, मेरे लब

इन्हें देखते हैं, और ये मेरी

तलब,…

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Added by Firdous on August 21, 2020 at 2:50pm — No Comments

उमस

उमस-
कितने दिनों से तुम्हारे
ख्यालों के बादल मन
को घेरे हुए हैं, न बरस
रहे हैं, न छट रहे हैं,
खामखां मेरे दिल में उमस बढ़ा रहे हैं

Added by Firdous on August 20, 2020 at 1:09pm — No Comments

घर

घर-

मर चूका है,सिर्फ ढांचा

बचा है जिसमे अधमरे से रिश्ते

आखिरी सांस भर रहे हैं उनकी

आँखें बंद है,वो सच को

पुतलियों से छिपा रहे

हैं वो कमरा जिसमे बाप रहा

करता था वहां उसकी

गालियां अभी भी गूँज रही हैं

माँ का कमरा सहमा सा है

उसी की तरह,पर उसकी दिवार

पर लटकी घड़ी ने अपने टिक-टिक में

सब कुछ कैद कर लिया है घर में

लगे जाले वहां के रिश्तों जैसे

खोखले और उलझे

से है, ढहता हुआ घर

सब पर ज़ोर-ज़ोर

से ठहाके लगा रहा…

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Added by Firdous on August 19, 2020 at 12:12pm — No Comments

आई.लव.यू-

आई.लव.यू-
सुनो आई.लव.यू
कबसे बोलना चाह
रही थी तुम मुझे
कितने अच्छे लगते हो
जितना सुरमई रात
में चाँद,जितनी बारिश
की पहली बूँद, माँ
के माथे की बिंदी
रोते हुए बच्चे के
चेहरे पर अचानक से
आई हुई मुस्कान
जितनी शीत लहर की गुलाबी धुप
जितनी मिटटी की सोंधी खुशबू
कितनी बार तुम्हें
मैसेज करने की कोशिश
की पर हर बार झिझक
में उलझ के रह गई
फिर सोचा क्यों न आज
बोल ही दूँ

Added by Firdous on August 18, 2020 at 3:01pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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