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બધાંય દોડે છે અહીં, તુંય દોડ ઉંદરડા! (Part 1)

- આપણું મન બરડ બની ગયું છે - નાના એવા ધક્કાથી પણ તૂટી જાય એવું. આની પાછળ જવાબદાર છે, સતત દોડતાં રહેવા અને જીતતા રહેવા માટેની હરીફાઇનો સ્ટ્રેસ.

- કોઇ પણ ભોગે જીતવા માટે સતત દોડતા લોકો ઉંદરડા જેવા બની જાય છે. તેઓ ભૂલી જાય છે કે પોતે કેમ દોડી રહ્યાં છે?



૧૯ વર્ષની એક છોકરી કાઉન્સેલરની સામે બેઠી છે. એણે ત્રીજી વાર આત્મહત્યાનો પ્રયાસ કર્યો છે. નેટ પર આવેલી સ્યુસાઇડની વેબસાઇટ એ સતત ફંફોસ્યા કરે છે. ઊંઘની ગોળીઓ અને બ્લેડ એના રૂમમાં સતત એના…

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Added by Kaajal Oza Vaidya on October 17, 2013 at 10:07pm — 3 Comments

SYAHEE.COM is the official Online Media Partner of Sparkle International 2014

Another feather in #syahee's cap..!!!!



We are very happy to announce that SYAHEE.COM is the official Online Media Partner of Sparkle International 2014, the Gem and Jewellery Festival is Organized from 3-6 January 2014 this will be the 7th edition of #Sparkle organized by the Southern Gujarat Chamber of…

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Added by Sonya Shah on November 14, 2013 at 2:44pm — 2 Comments

અંગત અંગત..

લીટા બધા લૂછી નાખું.
કોરો કડકડતો કાગળ લઈએ,
એક-બીજાની સાથે રહીને,
નવી જ કોઈ રચના કરીએ.

તૂટેલા-ફૂટેલા ટુકડા,
કોઈક કાળા-કોઈક ઊજળા
એક પેટીમાં મૂકી દઈને
ઊંડી ઊંડી નામ વિનાની એક નદીમાં વહેવા દઈએ.
સાંજને ઉંબર આવ,
આપણે રમીએ થોડું અંગત અંગત…..

Added by Kaajal Oza Vaidya on August 27, 2013 at 2:18pm — 6 Comments

Do unto others as you would like them to do to you

When I was about 22 years I started reading a book on the French Revolution. I could never finish it and finished it after 20 years. The reason I mention this is because of one quote in the book, "Each and every people gets the government that they deserve"



Living in Mumbai today makes me doubly aware and wary of this quote - and fearful that the daily events make it all the more apparent that we are getting the government we deserve. Consider:



1) We spare no effort to hit… Continue

Added by Ashvini Chopra on April 15, 2013 at 7:41pm — 5 Comments

"Modi-vation" for syahee.com !!!!

Syahee.com was honoured and humbled by the special visit and words of encouragement by Mr. Narendra Modi at the AMC National Book Fair, 2013

Added by Sonya Shah on May 1, 2013 at 7:38am — No Comments

syahee.com - official media partner of AMC National Book Fair 2013

Added by Sonya Shah on May 1, 2013 at 7:43am — No Comments

SISTER ACT

few years i am elder to you, 

i may not have shared my toys with u, 

u may have thought me as hitler sometime,

but i always felt u as a part of mine.

i think of u when i buy me a new shirt,

i think of u when i visit a new place,

u may think i am busy with my lifetime,

but i always felt u as a…
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Added by Chital manish Gandhi on April 30, 2013 at 3:51pm — 1 Comment

शरीक ए हयात

मुख्यालय पर नुक्कड़ नाटक के दौरान पहली बार हुई मुलाक़ात के समय हमें बड़े बाप की बिगड़ी औलाद समझकर हंसने वाली को कब हम रातों को जगाने और अकेले में गुदगुदाने लगे, उसे पता ही नहीं चला। कोएजुकेशन के अनुभव से अनजान उसके चेहरे पर छाई सांझ की उदासी सूर्योदय की लाली में बदल चुकी थी। विभांशु जैसा दुर्लभ नाम आज की तारीख में आउटडेटेड हो चुके बाबू और सोनू में बदल गया। चुनावों के दौरान सिर्फ हुडदंग करने के लिए कॉलेज आने वाला टपोरी, दिल किताब को पढने के लिए अब विद्यापीठ का नियमित छात्र बन चुका था। कॉलेज…

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Added by विभांशु दिव्याल on April 23, 2013 at 1:49pm — No Comments

"संतान" -

मैं तकरीबन २० साल के बाद विदेश से अपने शहर लौटा था !

बाज़ार में घुमते हुए सहसा मेरी नज़रें सब्जी का ठेला लगाये एक बूढे पर जा टिकीं, बहुत कोशिश के बावजूद भी मैं उसको पहचान नहीं पा रहा था ! लेकिन न जाने बार बार ऐसा क्यों लग रहा था की मैं उसे बड़ी अच्छी तरह से जनता हूँ !

मेरी उत्सुकता उस बूढ़ेसे भी छुपी न रही , उसके चेहरे…

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Added by Nihal Singh on April 23, 2013 at 2:25pm — No Comments

WHY WOMEN CRY?

Why Women Cry 

Watch her eyes

"A little boy asked his mother, "Why are you crying?" "Because I'm a woman , " she told him.

"I don't understand , " he said. His Mom just hugged him and said , "And you never will."

Later the little boy asked his father , "Why does mother seem to cry for no reason?"

"All women cry for no reason , " was all his dad could say.

The little boy grew up and…

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Added by Disha Jain on April 22, 2013 at 10:30pm — 2 Comments

अल्मोरा तू एक जिदगी है "

"मै और मेरा अल्मोरा ,वैसे ये अकेला मेरा अल्मोरा नही है फिर भी मै मानता हूँ ,ये सिर्फ मेरा अल्मोरा है ,अब ऐसा क्यों है ,तमाम कारन है ,मै और अल्मोरा दोनों का मिजाज एक सा है ,फितरत एक सी है ,खामोशी भी एक सी है ,आत्मीय भावो की समझ भी एक सी है तक़रीबन ,अब जब इतना कुछ मिलता जुलता हो तो भला अल्मोरा मेरा ही है, मेरा ही है ..."

अब आज की ही यहाँ की शालीन ,साफ़ सुथरी प्रक्रति का मिजाज देखे एकदम शांत ,खोया हुवा सा ,बहुत कुछ अपनी भुजाओ मै समेटा हुवा सा ,एकदम से यहाँ की फितरत शाम होते होते फिर अपने…

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Added by mayank singh negi on April 23, 2013 at 12:02am — No Comments

Nida fazli

गरज बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला 

चिड़ियों को दाना, बच्चों को गुड़धानी दे मौला 



दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है 

सोच समझवालों को थोड़ी नादानी दे मौला 



फिर रोशन कर ज़हर का प्याला चमका नई सलीबें 

झूठों की दुनिया में सच को ताबानी दे मौला 



फिर मूरत से बाहर आकर चारों ओर बिखर जा 

फिर मंदिर को कोई मीरा दीवानी दे मौला 



तेरे…

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Added by Anil Joshi on March 23, 2013 at 9:26am — No Comments

I must dream

I shall dream of dreams,

I shall live my dreams, and 

I am living one of them now,

A dream that I have longed for;



I shall cherish the moments,

I shall share the moments,

I am sharing the one I am cherishing now,

A dream that I am living now.....



I wrote this poem for a family friend who had dreamed of becoming a…

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Added by Janak Desai on March 15, 2013 at 6:26am — No Comments

फेस-बुक दोरी.....!!

दिल की किताब बस कोरी-कोरी

फेस-बुक  मे भाये सब छोरी-गोरी
भागे मिसके पीछे जो तोरी
बोले फिर वो सोरी-सोरी
घरकी दिवाले तो फेस-बुक  सी घेरी
पहेलियां बुझाती फोरी- फोरी
बैठा देख  कहा रख्खीं हैं दोरी
सबकी सबसे…
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Added by Rekha Shukla on March 15, 2013 at 7:49am — No Comments

दर्द - पंकज त्रिवेदी

एक अरसे पहले

दर्द ने मेरी चौखट पर आकर

मेरे दिल में जगह बना ली ऐसे

जैसे कोई अपने प्यार के लिए..

अब मेरा दिल मेरे बस में नहीं

वोही है जो उस पर अधिकार से

मनमानी कर लेता है और मैं उसे

कुछ भी नहीं कह पाता..

 

पता नहीं कोई सुबह या शाम को

आपके दरवाजे पर दस्तक देकर

खबर सूना भी दें कि मेरे दिल पर

जिसने अधिकार जमाया था

वो दर्द इतना हावी हो गया कि

मेरी साँसें थम गई है और आप

ताज्जुब से या थोड़े से…

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Added by pankaj trivedi on April 20, 2013 at 6:51pm — No Comments

आहटें

दुपहर को देखा न जाने

फर्श  पर ये परछाई है किसकी,

वो बंध दरवाज़ा,

खुली हुई खिड़की,

फर्श पर लेटी धुप ,

धुप में बदन को सेकती ये परछाई,

खिड़की से आती हवा,

कुछ बातें करते रहेते है,

आहटों सा देते रहेते है,

कुदरत की आहटें है या खुद कुदरत?

नासमझ मैं ये आहटों को

लफ्जों में बुनती रहेती हूँ,

वो फर्श पे लेटी परछाई में अपनी

गेहेराई को ढूँढती रहेती हूँ।

(C) D!sha…

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Added by D!sha Joshi on February 10, 2013 at 9:30am — 1 Comment

DEVELOPMENT HAS NO MODEL... AND SO WORK EVERYWHERE...

So called intellectuals key argument is "Can Gujarat development model work for India?"

I really doubt there intellectual level or my be by any means they want oppose modi...

Gujarat govt machinery was same with or without Modi... Modi energise the govt machinery for better and efficient way of working...

The same can be done for all India also... Its only matter of will to do the things... Thats what Modi shows such vision and sure if get chance to serve at centre stage will…

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Added by Bipin Trivedi on April 21, 2013 at 7:44pm — No Comments

अजन्मी...

कोसती रही जो इतने साल

अपनी माँ को ...



के जो देश खुद माता के नामसे

सन्मानित है ...

जहां हर दूसरे मंदीर में

एक माँ स्थापित है ...



उस देशमें उसे पैदा कयूं

नहीं होने दीया ?

गर्व से उसे जीने का मोका

कयूं नहीं दीया गया ?



आज यहां मरते मरते जीती  हुई

बेटीओ की हालत देखकर..

एक अजन्मी बेटी ने

अपनी माँ से माफी मांग ली !!! …

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Added by Dhruti Sanjiv on April 22, 2013 at 8:00am — No Comments

एक बार पूरा जरूर पढ़े........

1.सवाल : एक बार हाथ से जो चला गया वह क्या है ?

जवाब : समय, जीवन का वो पल जो अभी चल रहा है वह वापस कभी नही आता.!



2.सवाल : क्या खाने से इन्सान सुधरता है.?

जवाब : ठोकर खाने से.!



3.सवाल : ईश्वर अपने ह्रदय मेँ किस तरह छिपा है.?

जवाब : जिस तरह लकडी मेँ आग.!



4.सवाल : सुख के शत्रु कौन.?



जवाब : असंतोष, वहम और शंका.!



5.सवाल : कौन सी चीज खत्म नही होती.?

जवाब : आशा, त्ष्णा और…

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Added by Nihal Singh on April 22, 2013 at 11:51am — 2 Comments

kavyvishv

નિકારાગુઆના એક જાણીતા કવિ અરનેસ્તો કાર્દેનાલ છે. આ કવિએ મેરિલીન મનરો માટે પ્રભુને પ્રાર્થના કરતું એક સંવેદનશીલ કાવ્ય લખ્યું છે. કાવ્યનું શીર્ષક છે : ‘મેરિલીન મનરો માટે પ્રભુને પ્રાર્થના’. પ્રાર્થના વિશે એવું કહેવાય છે કે પ્રાર્થનાથી ઇશ્વર બદલાતો નથી, પણ પ્રાર્થના કરનાર બદલાય છે. બનૉડ શો તો એટલી હદ સુધી કહે છે કે ‘Most people do not pray, They only beg.’ મોટા ભાગના લોકો પ્રભુ પાસે ભિખારીની જેમ ઊભા રહે છે, પણ એક કવિ કોઇ બીજા માટે પ્રાર્થના કરે એ વધારે પવિત્ર હોય છે. આ કવિએ મેરિલીન મનરો…

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Added by Anil Joshi on April 17, 2013 at 9:16pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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