Featured Blog Posts (841)

ડાળ પરનું પહેલું સુમન !

https://akshitarak.wordpress.com/2015/03/11/daal-par-nu-pahelu-suman/

ડાળ પરનું પહેલું સુમન !

phoolchhab newspaper > navrash ni pal column > 11-03-2015

1

શક્યતાનાં દ્વાર ખુલ્લાં હોય તેથી…

Continue

Added by sneha h.patel - akshitarak on March 11, 2015 at 8:58am — 2 Comments

પ્રેમલિપિ લાવશે

વરસાદ ભીંજવે આવી વસંત ફરીને આવશે
પુષ્પલટે ઝુકી વ્યાકરણ પ્રેમલિપિ લાવશે

ટહુકી ટહુકી પગરવ પાની કંકુવર્ણી થાશે
સૂકાસૂકા ભીંજીને શમણાં પ્રણયગીત ગાશે

ફાળ ભરી ઓરડા છૂટી તરબોળ ભીંજી જાશે
થરથર ભીંજી ભાન સાન સોળ કળે નાચશે
----રેખા શુક્લ

Added by Rekha M Shukla on March 11, 2015 at 9:04am — No Comments

good morning

જયારે પોતાની જાત ઉપર અભિમાન થવા લાગે ત્યારે,

એક આંટો સ્મશાન માં મારી લેવો ...

Added by vishal chokshi bjp on March 11, 2015 at 9:40am — No Comments

सपने देखता समुद्र / रति सक्सेना

समुद्र के सपनों में मछलियाँ नहीं
सीप घौंघे, जलीय जीव जन्तु नहीं
किश्तियाँ और जहाज नहीं
जहाजों की मस्तूल नहीं
लहरों के उठना ,सिर पटकना नही
नदियाँ नहीं , उनकी मस्तियाँ नहीं
समुद्र सपने देखता है
जमीन का, उस पर चढे पहाडों का
उन सबका जिन्हें नदियाँ छोड
चलीं आईं थीं उस के पास
समुद्र के सपने में पानी नहीं होता

Added by Juee Gor on March 10, 2015 at 11:01pm — No Comments

साहित्यनिबंध ' साहित्यिक पत्रिका

साहित्यनिबंध ' साहित्यिक पत्रिका मे शामिल होने के लिये  अपने मौलिक कविताएँ , कहानियां  लघुकथाएं, संवाद, कथा, मुद्दा, आलेख, समसामयिक,नोबेल पुरस्कार, रंगमंच, फ़िल्म,  समीक्षाए (स्वयं की लिखी है इस प्रमाण पत्र के साथ, कम्प्यूटराइज टंकित), 2 फोटो, साहित्यिक परिचय साथ इस पते पर भेज सकते है :संपादकीय सम्पर्क : साहित्यनिबंध फ्लॅट 101 योगीसेवा2,  12-ए सेवाश्रम सोसाइटी, आनंद विध्या विहार के पीछे,  एल्लोरा पार्क बरोडा 390023 Mobile 9898783519, 9879064586, 0265-6530641 Email:…

Continue

Added by Rajat Sanyal on March 10, 2015 at 5:42pm — No Comments

શુભ શરૂઆત

સાહિત્યીક એફબીમાં પહેલો દિવસ છે, માટે આજે મૌન રહી વિનવું છું...
અનિલભાઈનો આભાર.

Added by kalpesh kandoriya on March 10, 2015 at 3:30pm — No Comments

जैसे एक दरख़्त जिसकी जड़ें मजबूती से थामें हैं उसे जिसके पत्ते हरे सुन्दर चमकदार जिसकी शाखें फल - फूल से भरी वैसे ही मैं मेरे बच्चे , मेरे दोस्त ,मेरे अपने कोई हमसफ़र ,कोई मेहरबाँ बड़ी आसान है ज़िंदगी बड़ी…

जैसे एक दरख़्त



जिसकी जड़ें

मजबूती से थामें हैं उसे



जिसके पत्ते

हरे सुन्दर चमकदार



जिसकी शाखें

फल - फूल से भरी



वैसे ही मैं



मेरे बच्चे , मेरे दोस्त ,मेरे अपने

कोई हमसफ़र ,कोई मेहरबाँ



बड़ी आसान है ज़िंदगी

बड़ी ख़ुशग़वार

तुम्हारे सहारे



मेरा कुछ भी नहीं

पर सब मेरा है



यूँ तो कोई वजूद नहीं

पर जज़्ब हो गयी हूँ

सबके वजूद में



हार जाती हूँ सबसे

और - - -…

Continue

Added by gunjan shrivastava on March 10, 2015 at 9:14am — No Comments

KALAM KI TAKAT

सब कुछ बिक गया है इंसानी बाज़ार मे.... जाने पहचाने नामी कवि और लेखकोने अब तो बेच दीया है कलम की ताकत को । olx - twitter के साथ के साथ साथ इंसान अपनी भावनाओ को जुबान देने वाली कलम को भी बेच रहा है। कितने आधुनिक हो गए है हम आज कल.... के सब कुछ बेच रहे है । कलम की स्याही को भी नहीं बक्शा गया है । भूल चुके है कलम की ताकत को, वो लोग जिन्होंने इनका व्यापार कर के रूपये पैसो के तराजू में तोला है । माँ सरस्वती ने जो सोच और भावनाओ को शब्द रूप देने की शक्ति दी है, उस शक्ति का अब उपयोग इंसान- लेखक और कवि…

Continue

Added by SANGITA on March 9, 2015 at 12:59pm — No Comments

love in the future

I want to love
but it's impassable to love her
cuz she belongs to someone else
I'm late now I can't tell her that I love her
if I can tell that she would break my heart into pieces and I can't handle my heart with pieces so I'm not going to tell her now but may be she would realize about me and she will come back at me!! one day so I will wait for her till my last breath it's not my time to ask her but I will wait for another girl to love in the future .....!!

Added by Ranjit Damor on March 9, 2015 at 12:08pm — No Comments

કારણ કે હું નારી છું...

ખુશી છું જોશ છું ઉભરાતી લાગણી ઉમંગ છું 

કારણ કે હું નારી છું...

મા છું પત્નિ છું લોહીમાં ભળેલો પ્રેમ છું 

કારણ કે હું નારી છું...

અરમાન ભરેલા હ્રદયનો ધબકાર છું ને અસ્તિત્વ નો પ્રભાવ છું

કારણ કે હું નારી છું...

સ્પર્શે વર્ષોની પેહચાન છું વરસાદ નું ફોરૂં ઝીણું ઝાંકળબિંદુ છું 

કારણ કે હું નારી છું...

કર્મે પ્રતિષ્ઠ્ઠા ને ધર્મે પરંપરા છું શરમે પ્રતિમા છું 

કારણ કે હું નારી છું...

પારસમણી છે તું પણ રંગીન સ્વપ્ન છું હું 

કારણ…

Continue

Added by Rekha M Shukla on March 8, 2015 at 7:55pm — No Comments

નયનબાણ

આતમ પાડે પગલાં થઈને અક્ષર માળા
હંસલો પિંજરે પૂરાય કાયા તાંતણે નશ્વર જાળા
                    *
થનક થનક થૈ થૈ થૈ ખાલીપાના ઝળઝળિયાં
છાનામાના મંત્રો ગાતા લઈને પાંખ પતંગિયાં
                   *
નયનબાણ છે કનક વરણ છે નૂપુર ચરણ છે હઠીલી
મિલનમાં હસે કીકી ઉદાસ શરણમાં ક્ષિતિજ હઠીલી
                 …
Continue

Added by Rekha M Shukla on March 8, 2015 at 7:39pm — No Comments

લાગણી ના પડઘા

સમંદર પાર મિલને  ગઈ

લો ફિર સે ધડકન સુનાને  ગઈ

----રેખા શુક્લ

પડિકે બંધાણું શેં…

Continue

Added by Rekha M Shukla on March 8, 2015 at 7:37pm — No Comments

short sotry

https://akshitarak.wordpress.com/2015/02/26/shikhar-ni-mathaman/

phoochhab newspaper > 25-02-2015 > navrash ni pal

હું તારાથી ઊંચે ન હોઇ શકું,

પગથિયાં ઊતરવાનું મન થાય છે.

– મારો જ એક શેર આજે અહીં રજૂ કરું છું મિત્રો !

 

અને પાનિનીના હાથમાંથી ફોન છૂટી ગયો…….

ગનીમત હતી કે જમીન પર…

Continue

Added by sneha h.patel - akshitarak on March 8, 2015 at 6:37pm — 1 Comment

સ્ત્રી અને પરિવર્તન્

સ્ત્રી.....................

સ્ત્રી એટ્લે નારાયણી ,જગદમ્બા, મહાશક્તિ ............

છતા વાસ્તવિક જીવનમા સ્ત્રીને પગની પાની કહેવામા આવે છે. "પગની પાની" આ શબ્દો બોલનાર એ ભુલી જાય છે કે જો પાની જ ન હોય તો આખુ શરીર ટટ્ટાર કેવી રીતે ઉભુ રહી શકે????? 

સ્ત્રી જેટલી વધારે પરિવર્તનશીલ તેટલી જ સમાજમા પરિવર્તન અને વિકાસની માત્રા વધે છે .. બાળકો પતિ વડિલો દરેક જણની…

Continue

Added by Lagani Vyas on March 7, 2015 at 10:48pm — No Comments

MAhila Diwas

आज है, …
Continue

Added by Sanyukta on March 7, 2015 at 10:23am — No Comments

ગોખણપટ્ટી:

ગોખણપટ્ટી:

રે એકડો ઘૂંટ્યા કરે તે માનવી, એમેય ,

જીવ્યા વિના મરતો રહે, તે માનવી, એમેય .

આદત રહી જે માનવીની જીદ કરવાની,

રે ક્યાં કશું શીખી શકે તે માનવી, એમેય .

હા! ‘આ ઘડી’ ને ‘તે ઘડી’…

Continue

Added by Janak Desai on March 6, 2015 at 7:57am — No Comments

"ગગને પુનમનો ચાન્દ"

http://wwwgaganepoonamnochandcom-rekha.blogspot.com/ ગુજરાતી સાહિત્યપ્રેમીઓને મારો આ પ્રયાસ ગમશે અને નવી પેઢીમાંથી વિલુપ્ત થતી જતી માતૃભાષાને બળ મળશે. આ સાઈટ કેવી લાગી તે અંગેના આપના પ્રતિભાવોનો મને ઈંતજાર રહેશે

Added by Rekha M Shukla on March 5, 2015 at 7:46pm — No Comments

happy holi :)

बहुत देर से 
एक अनजानी सी 
पर मीठी सी धुन

होठों पर थिरक रही है 
विथ स्वीट स्माइल

और - - - 
कोई शब्द नहीं मिल रहा

जाने क्यों

बेवजह 
कुछ बातें

कुछ यादें 
कुछ ख़्वाहिशें

कुछ राहतें 
और कुछ शुकराने 
आज मिल बैठे हैं

आ जाओ तुम भी 
एक दुआ की तरह

आज बस खुशियों 
को निमंत्रण है 
=============

Added by gunjan shrivastava on March 5, 2015 at 10:45am — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

© 2024   Created by Facestorys.com Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Privacy Policy  |  Terms of Service