Made in India
Added by Jasmine Singh on August 31, 2020 at 9:58am — No Comments
सुनना चाहती हूं मैं सुनना चाहती हूं मैं,
वो कहानियां , वो किस्से,
वो मेरी भूली बिसरी यादों के,
कुछ बचे हुए से हिस्से,
वो गीत, वो नज़्में,
वो तुम्हारी डायरी के पन्नों के,
कुछ फटे हुए से हिस्से ।
सुनना चाहती हूं मैं,
वो आवाज़,वो शब्द,
वो मेरे तेल में लिपटे बालों के,
कुछ जड़ी- बूटी के नुस्खे,
वो संभाल,वो हिफ़ाज़त,
वो मेरी प्यार से बंधी चोटी के,
कुछ सफ़ेद रिब्बन के हिस्से ।
सुनना चाहती हूं मैं,
वो हंसी , वो…
Added by Jasmine Singh on August 30, 2020 at 11:06pm — 2 Comments
ਬਚਪਨ
ਉਹ ਬਚਪਨ ਦਾ ਜਮਾਨਾ ਸੀ।
ਜਿਵੇ ਸੁਪਨਾ ਇੱਕ ਸੁਹਾਣਾ ਸੀ।
ਸ਼ਾਮੀ ਬਰਾਂਡੇ ਵਿੱਚ ਬੈਂਦੇ ਸੀ।
ਸਾਰੇ ਕੋਲ ਕੋਲ ਰਹਿੰਦੇ ਸੀ।
ਸੋਨੂੰ ਸਾਡਾ ਭਰਾ ਸੀ।
ਸਾਡੀ ਟੌਰ ਸਭ ਤੋ ਜੁਦਾ ਸੀ।
ਜਦੋਂ ਸੈਕਲਾ ਤੇ ਤੁਰਦੇ ਸੀ।
ਛੱਲੀ ਖਾ ਕੇ ਬੁੱਕਦੇ ਸੀ।
ਸਾਡੇ ਸੁਪਨੇ ਬਹੁਤ ਨਿੱਕੇ ਸੀ।
ਸਾਡੀ ਜੇਬਾ ਵਿੱਚ ਖਣੰਕਦੇ ਸਿੱਕੇ ਸੀ।
ਸ਼ਾਮੀ ਪਿੱਠੂ ਗ੍ਰਾਮ ਖੇਡ ਦੇ ਸੀ।
ਰੇਤ ਦੇ ਟਿਲੇ ਉੱਤੇ ਰੋੜਦੇ ਸੀ।
ਸਾਡਾ ਕ੍ਰਿਕਟ ਸਾਡੀ ਜਾਣ ਸੀ।
ਉਹ ਕਲੋਨੀ ਦੀ ਕੁੜੀ ਬੜੀ ਠਾ ਸੀ।
ਜੋ ਯਾਰ ਸਾਨੂੰ ਮਾਣਦਾ ਸੀ।
ਉਹ ਰਾਜ ਸਾਡੇ ਜਾਣਦਾ ਸੀ।…
Added by Jasmine Singh on August 29, 2020 at 8:25pm — 1 Comment
Falling in love with you,
Was not a matter of chance.
It was desnity's idea to,
Ignite our romance.
You did not pull away,
The earth below my feet.
Every step was reasoned,
Be it shallow or steep.
I was never blind in love,
Though enchanted by your looks.
We took the decision of our lives,
By taking pledge on the holy book.
Many storms came and went
But couldn't shake our faith
We knew we are here to stay
By…
Added by Jasmine Singh on August 27, 2020 at 12:16am — No Comments
सुनना चाहती हूं मैं,
वो कहानियां , वो किस्से,
वो मेरी भूली बिसरी यादों के,
कुछ बचे हुए से हिस्से,
वो गीत, वो नज़्में,
वो तुम्हारी डायरी के पन्नों के,
कुछ फटे हुए से हिस्से ।
सुनना चाहती हूं मैं,
वो आवाज़,वो शब्द,
वो मेरे तेल में लिपटे बालों के,
कुछ जड़ी- बूटी के नुस्खे,
वो संभाल,वो हिफ़ाज़त,
वो मेरी प्यार से बंधी चोटी के,
कुछ सफ़ेद रिब्बन के हिस्से ।
सुनना चाहती हूं मैं,
वो हंसी , वो ठहाके,
वो मेरे बचपन के…
Added by Jasmine Singh on August 25, 2020 at 4:23pm — No Comments
वो मां की सूरत
वो ममता की मूरत
वो पापा की झप्पी
वो गालों पे पप्पी
वो बचपन की गुड़िया
वो कागज़ की चिड़िया
वो ज़िद में बिगड़ना
वो गिर के संभलना
वो चटमोला की गोली
वो चंदन वो रोली
वो रंग वो गुड़ की पट्टी
वो स्कूल की घंटी
वो सुलेख की कॉपी
वो पान वाली टॉफी
वो कूलर पे मेहनत
वो लगाते ही बारिश
वो मिट्टी वो कीचड़
वो तीतर के दो आगे तीतर
वो कागज़ की कश्ती
वो गोले की चुस्की
वो पापा के कंधे
वो दशहरे…
Added by Jasmine Singh on August 25, 2020 at 3:35pm — 1 Comment
बाग़बान रहे ना रहे
पेड़ सुकून देते हैं
ये बच्चे मां बाप को
जीने का जुनून देते हैं
आंगन की धूल से जाने
कब फूल बन जाते हैं
मुस्कुराहटों से अपनी
ये दुनिया को महकाते हैं
घर बसाते हैं अपना
पर फूल तो वो सब
उसी पेड़ के कहलाते हैं
बाग़बान रहे ना रहे
पेड़ सुकून देते हैं
© Reserved by
Jasmine Singh
I dedicate this piece of my art and poem to all the parents who are doing their best just to secure the smiles of their kids.
Trees have…
Added by Jasmine Singh on August 21, 2020 at 6:06pm — 1 Comment
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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