Made in India
देश के महान संगीतकारो में से एक ओमप्रसाद नैयर (ओ.पी. नैयर), शायद ही कोई ऐसा हो जो ना जानता हो इन्हें! आज के ही दिन वे ७साल पहले हम सब को शारीरिक रूप से अलविदा कह गये थेI पर उनके निर्देशित किए हुए लगभग ७७हिन्दी फिल्मों के संगीत एवं गाने आज भी इतने ही लोगो के दिल में हैंI
नैयर साहब का जन्म लाहोर में १६जनवरी,१९२६ हुआ थाI ओ. पी. साहबने संगीतकी…
Added by Sonya Shah on January 29, 2014 at 1:39pm — No Comments
આજે કવિશ્રી સુરસિંહજી તખ્તસિંહજી ગોહિલ (કલાપી)ની ૧૪૦મી જન્મતિથિ છે. ઍમનાં ગુજરાતી સાહિત્યને આપેલ અમુલ્ય વારસામાંથી આ સુંદર રચના આવો આજે માણીઍ.
તે પંખીની ઉપર પથરો ફેંકતા ફેફી દીધો,
છૂટ્યો તે ને અરરર! પડી ફાળ હૈયા મહીં તો!
રે રે! લાગ્યો દિલ પર અને શ્વાસ રૂંધાઇ જાતાં,
નીચે આવ્યું તરુ ઉપરથી પાંખ ઢીલી થતાંમાં.
મેં પાળ્યું તે તરફડી મરે હસ્ત મ્હારા જ-થી આ,
પાણી છાંટ્યું દિલ ધડકતે તોય ઊઠી શક્યું…
Added by Sonya Shah on January 26, 2014 at 7:30pm — No Comments
वो जो शायर था चुप-सा रहता था
बहकी-बहकी-सी बातें करता था
आँखें कानों पे रख के सुनता था
गूँगी खामोशियों की आवाज़ें!
जमा करता था चाँद के साए
और गीली- सी नूर की बूँदें
रूखे-रूखे- से रात के पत्ते
ओक में भर के खरखराता था
वक़्त के इस घनेरे जंगल में
कच्चे-पक्के से लम्हे चुनता था
हाँ वही, वो अजीब- सा शायर
रात को उठ के कोहनियों के बल
चाँद की ठोड़ी चूमा करता था…
Added by Sonya Shah on January 19, 2014 at 11:28am — 1 Comment
From baby bump troubles to nappy changing woes, follow Sense's humorous look at modern motherhood in India.
From “Are you throwing up yet?” and “Where’s the belly? I want to see a belly!” to "Do you have milk?" and "No leaking?" , Sense has to grapple with not just her new found feelings with pregnancy and motherhood, but the barrage of oddly disturbing questions and advice from friends, family and so-called well-wishers.
This book traces the journey of a young Indian couple…
ContinueAdded by Sonya Shah on January 16, 2014 at 3:26pm — No Comments
मेरी तलाश छोड़ दे तू मुझको पा चुका
मैं सोच की हदों से बहुत दूर जा चुका
लोगो ! डराना छोड़ दो तुम वक्त़ से मुझे
यह वक्त़ बार बार मुझे आज़मा चुका
दुनिया चली है कैसे तेरे साथ तू बता
ऐ दोस्त मैं तो अपनी कहानी सुना चुका
बदलेगा अनक़रीब यह ढाँचा समाज का
इस बात पर मैं दोस्तो ईमान ला चुका
अब तुम मेरे ख़याल की परवाज़ देख़ना
मैं इक ग़ज़ल को ज़िंदगी अपनी बना चुका…
Added by Sonya Shah on January 9, 2014 at 10:20am — No Comments
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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