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हर सवाल का ज़वाब लब्जो में ढूंढ़ते है...
सुलझने की जगह और भी उलझते है...…
Blog Kaha koi ahsaso ko samajh pate hai... 6 Likes एक नैया ! Blog एक नैया ! 3 Likes चंद मिंटो का इंतजार Blog चंद मिंटो का इंतजार 4 Likes My thoughts ! Blog My thoughts ! 4 Likes Handwritten Handwritten blogs in various languages Choose your language : Gujarati English Hindi (coming soon) Page Handwritten 5 Likes खिड़की पे बैठी सोचतीं हूँ अक्सर ,कभी कभी यूँ ही बहुत कुछ शुरू होता है.और अचानक ही यूँ ही ख़त्म ,बस फ़र्क़ इतना होता है जिसे आप अपनी पूरी दुनिया समझते हैं, उसने आपको कभी कुछ समझा ही नही होता ,बस अब सि…खिड़की पे बैठी सोचतीं हूँ अक्सर ,कभी कभी यूँ ही बहुत कुछ शुरू होता है.और अचानक ही यूँ ही ख़त्म ,बस फ़र्क़ इतना होता है जिसे आप अपनी पूरी दुनिया समझते हैं, उसने आपको कभी कुछ समझा ही नही होता ,बस अब…
Blog खिड़की पे बैठी सोचतीं हूँ अक्सर ,कभी कभी यूँ ही बहुत कुछ शुरू होता है.और अचानक ही यूँ ही ख़त्म ,बस फ़र्क़ इतना होता है जिसे आप अपनी पूरी दुनिया समझते हैं, उसने आपको कभी कुछ समझा ही नही होता ,बस अब सि… 6 Likes डेलीवरी बोय Blog डेलीवरी बोय 6 Likes अनजाने चेहरे !कुछ अनजाने चेहरे है
बेमतलब बेहद करीबी रिश्तो से ;
ख़ामोशी हैं चारो और ,
शोर सा मन में उठता है !
देख तुझे परेशां मन क्यों बेचैन होता है ,
ऊपर से ख़ामोशी है ,
अंदर ही…
थक चुके है ये,
सहमे से रहकर...
अपनो की तलाश छोड़,
मेरे अंदर के सन्नाटे अब
दीवारों से बाते करते है..
रुई की चादार पर सपने सुलाए थे
बारिश आकर उन्हे किसी और की नींदो में बारसा गई!!
@jhanvi sareen
Blog रुई की चादार पर सपने सुलाए थे बारिश आकर उन्हे किसी और की नींदो में बारसा गई!! @jhanvi sareen 6 Likes एहसासमर्यादा का घूंघट पहने, जब मैं निकली घर से
बीच राह में कैसी हलचल, भावुक है मन तब से
प्रेम, क्रोध और तृष्णा का बुन गया है ताना बाना
भाव नदी में बह गई मैं,अब हाथ न कुछ भी आना
सोचा…
तुमसे दूर जाऊ भी तो कैसे ?
नाराज़गी अपनी दिखाऊ भी तो कैसे?
दो घड़ी का साथ मिलता है तुम्हारा
उससे भी व्यर्थ गवाउ भी तो कैसे?
बिन तेरे जो वक़्त गुजर गया,
जाने कितना कुछ…
आज फिर से वो कागज़ की कश्ती से खेलने को दिल चाहता है हबीब,
आज इस pubg खेल ने दोस्तों के जज़्बातों का क़त्ल करके रख दिया...
उस दिन गहरी नींद से जागा था
इक स्वप्न टूटा था मानो मेरा
उन चार महीनों का जब तुमने हिसाब माँगा…
Blog चार महीनों का हिसाब: अमृता प्रीतम जी के जन्म दिवस पर उनके लिये एक श्रद्धांजलि 4 LikesPosted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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