Made in India
एक छोटा बच्चा एक बड़ी दुकान पर लगे टेलीफोन
बूथ पर जाता हैं और मालिक से छुट्टे पैसे लेकर
एक नंबर डायल करता हैं|
दुकान का मालिक उस लड़के को ध्यान से देखते
हुए
उसकी बातचीत पर ध्यान देता हैं
लड़का- मैडम क्या आप मुझे अपने बगीचे की साफ़
सफाई का काम देंगी?
औरत- (दूसरी तरफ से) नहीं, मैंने एक दुसरे लड़के
को अपने बगीचे का काम देखने के लिए रख
लिया हैं|
लड़का- मैडम मैं आपके बगीचे का काम उस लड़के
से आधे वेतन में करने को तैयार हूँ!
औरत- मगर जो लड़का मेरे बगीचे का काम कर
रहा हैं उससे मैं पूरी तरह संतुष्ट हूँ|
लड़का- ( और ज्यादा विनती करते हुए) मैडम मैं
आपके घर की सफाई भी फ्री में कर
दिया करूँगा!!
औरत- माफ़ करना मुझे फिर भी जरुरत नहीं हैं
धन्यवाद| लड़के के चेहरे पर एक मुस्कान
उभरी और उसने फोन का रिसीवर रख दिया|
दुकान का मालिक जो छोटे लड़के की बात बहुत
ध्यान से सुन रहा था वह लड़के के पास
आया और बोला- " बेटा मैं तुम्हारी लगन और
व्यवहार से बहुत खुश हूँ, मैं तुम्हे अपने स्टोर में
नौकरी दे सकता हूँ" लड़का- नहीं सर मुझे जॉब
की जरुरत नहीं हैं आपका धन्यवाद|
दुकानमालिक- (आश्चर्य से) अरे अभी तो तुम
उस लेडी से जॉब के लिए इतनी विनती कर रहे
थे !! लड़का- नहीं सर, मैं अपना काम ठीक से
कर रहा हूँ की नहीं बस मैं ये चेक कर रहा था, मैं
जिससे बात कर रहा था, उन्ही के यहाँ पर जॉब
करता हूँ|
*"This is called Self Appraisal"
"आप अपना बेहतर दीजिये, फिर देखिये
सारी दुनिया आपकी प्रशंसा करेगl
Comment
very nice story your reading habbit showing good kindly also post if other
very nice story.....
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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