Vikas Pandey's Blog (24)

सिसकती रही है कलियाँ अपने हालातों पर शोलों सी आवाज़ में एक साथ कभी बोलें तो सहनशीलता की अब ज़माने में कदर नहीं रही पुरुषार्थ के साथ कभी अपने नारीत्व को तोलें तो अपने ही घर कब्रगाह बन चुके है उन सबके लि…

सिसकती रही है कलियाँ अपने हालातों पर 
शोलों सी आवाज़ में एक साथ कभी बोलें तो 

सहनशीलता की अब ज़माने में कदर नहीं रही 
पुरुषार्थ के साथ कभी अपने नारीत्व को तोलें तो 

अपने ही घर कब्रगाह बन चुके है उन सबके लिए 
जिन्दा रहने के लिए खुद की ताकत अब तलाशें तो 

बंद कमरों में बैठ रोने से कभी कुछ नहीं होता 
खुद पर हुए अपराधों को इन बंद आँखों से निकालें तो ॥

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Added by Vikas Pandey on April 26, 2013 at 6:36pm — No Comments

कुछ तो बात रही होगी,उनकी इन कातिल आँखों में जान ख़ुदकुशी अपनी वो, आते होंगे मर जाते होंगे यारों अब क्या बात कहूँ उसके नशे और करतब का जो तो परहेजी थे नशों के,जाम उठा पी जाते होंगे अजब अदा से बात करे है…

कुछ तो बात रही होगी,उनकी इन कातिल आँखों में 

जान ख़ुदकुशी अपनी वो, आते होंगे मर जाते होंगे 



यारों अब क्या बात कहूँ उसके नशे और करतब का 

जो तो परहेजी थे नशों के,जाम उठा पी जाते होंगे 



अजब अदा से बात करे है वो बड़े-बड़े भलमनो से 

अदा के वश में झूंठ जान वो,सच मान जाते होंगे 



बालों के उसकी पनघट पर कितने यहाँ प्यासे है 

हिम्मत का जो पास…

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Added by Vikas Pandey on April 26, 2013 at 6:36pm — No Comments

चाँद की दूरी जान जो चुप बैठ गया उस चकोर का प्यार अभी कच्चा है अकेले बैठ के अपने दरीचे में आज उनका मेरी यादों से लड़ना सच्चा है प्यार के दिये जो अभी नवजात थे तूफानी रात में बुझना उनका पक्का है ख़ुदी में…

चाँद की दूरी जान जो चुप बैठ गया 
उस चकोर का प्यार अभी कच्चा है 

अकेले बैठ के अपने दरीचे में आज 
उनका मेरी यादों से लड़ना सच्चा है 

प्यार के दिये जो अभी नवजात थे 
तूफानी रात में बुझना उनका पक्का है 

ख़ुदी में मस्त आशिक़ जो था कभी 
ग़म से बीमार दिल आज अच्छा है

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Added by Vikas Pandey on April 19, 2013 at 9:41pm — No Comments

जिंदगी और मैं

जिंदगी और मैं अक्सर लड़ लेते है वो मुझे कुछ देना नहीं चाहती और मै उससे छीन लेता हूँ इसने कई बार अँधेरे में धकेला मैं हर बार निकल आया जुगत कर इसने दिल में कई बार खंजर डाले बेतहासा और बारम्बार खून के फौब्बरे निकले, छींटे उझले और मेरी कमरों की दीवारों में दफ़न हो गए,लाल निशान के साथ दिल तो पत्थर हो गया लाल कफ़न ओद कर इस पर अब भी खंजर गिरते है दिल को फर्क नहीं पड़ता लेकिन आंख सूज जाती है क्यूंकि अब बरसात नहीं होती वहां वहां तो सुखा है न जाने कब से ओठ फिर भी सब कुछ छिपाकर मुस्करा जाते है कभी अपनी…

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Added by Vikas Pandey on April 17, 2013 at 7:25pm — No Comments

रोता तो है वो ज़माने से चुप कर सिसकियाँ रोक मगर आँखों के दर्द ने ही उसको बदनाम कर दियाक्या करता जब तुम सभी उसको तन्हा कर गए उसकी तन्हाई ने ही उसको आज हलाल कर दियाजिस-जिस के साथ उसने दिल्लगी की थी उन्ह…

रोता तो है वो ज़माने से चुप कर सिसकियाँ रोक 
मगर आँखों के दर्द ने ही उसको बदनाम कर दिया

क्या करता जब तुम सभी उसको तन्हा कर गए 
उसकी तन्हाई ने ही उसको आज हलाल कर दिया

जिस-जिस के साथ उसने दिल्लगी की थी 
उन्होंने ने ही उसको आज बेवफा कह दिया

रात के बाद उजाला आएगा उसे मालूम था मगर 
चाँद की आखिर झलक ने उसे घायल कर दिया

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Added by Vikas Pandey on April 12, 2013 at 7:05pm — No Comments

ज़ख्म

ज़ख्म तो भर जाते है समय के साथ 
लेकिन ज़ख्म के निशान नहीं मिटते 

डोर टूटी तो जोडी जा सकती है कई बार 
ये गांठ मजबूती के साथ नहीं टिकते 
दरवाजे दस्तक की नज़रअंदाजी के बाद 
मुसाफिर उस घर पर फ़िर नहीं रुकते 
परिंदे जो अपनी औकात जानकर उड़ते है 
वो परिंदे जल्दी किसी का शिकार नहीं होते 
बकरे जो लालच में खाके तगड़े हो जाते है 
यही बकरे ज्यादा दिन की जिंदगी नहीं जीते 

Added by Vikas Pandey on April 6, 2013 at 9:00pm — No Comments

क्या देते

जब कभी बोलने का मौका दिया गया होता 
तो हम भी अपने प्यार का इज़हार कर देते 
मेरे ऊपर उठाये गए सारे सवाल ही गलत थे 
इन गलत सवालों का हम जवाब क्या देते 
लगातार काटों की बिना जाने बुझे हम पर 
गालीयों के बीच हम अपनी सफाई क्या देते 
जाते जाते उन्होंने हज़ार ग़म दे दिए मगर हम 
मोहब्बत के सिवाय हम उन्हें और क्या देते 
हमारी दिल्लगी पर ही जब उन्हें शक था 
हम अपने प्यार का हिसाब उन्हें क्या…
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Added by Vikas Pandey on April 3, 2013 at 7:41pm — No Comments

और न भगा जाये

मोहब्बत दिखा कर उसने तुझे बर्बाद तो किया  
इल्तिज़ा अब ये है कि नया अरमान न पाला जाये 
दिल तो ख़ुद ही दोषी है अपनी गम्भीर हालत का 
उसे फुसला कर अब नया एहसान ना किया जाये 
रोते रहते है बहुत अधनंगे इन मलिन बस्तियों में 
तस्वीर बेचकर इनकी और इज्ज़त न नीलाम किया जाये
रात के इस पहर सो रहा है मन और जागे है सपने 
अब इस खुबसूरत लम्हों में परेशान न किया जाये 
बहुतों के साथ मैं भी भागा दौलत पाने की रेस…
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Added by Vikas Pandey on April 1, 2013 at 1:42pm — No Comments

जिंदगी जी जाये

बर्बादी पर दोस्तों की भी राय ली जाये
दुश्मनों की भी तलाश की जाये ॥

मौत का डर ही बचा है इस ज़माने में
अब कहाँ जा के ये जिंदगी जी जाये ॥

Added by Vikas Pandey on March 31, 2013 at 3:39pm — No Comments

नीलाम

मेरी मोहब्बत को यूँ सरे बाजार नीलाम न कर
तुझे कद्र न मेरी पर कई है मुझे खरीदने वाले ॥

Added by Vikas Pandey on March 31, 2013 at 3:38pm — No Comments

अपने घर

सूरज की रोशनी पर न हर दम भरोसा रखो

चस्मो-चिरागों से रोशन रखो तुम घर अपने

दुनिया परेशान है तमाम झून्ठो से न कहो

सच्चाई से सम्हालो पहले तुम घर अपने

मुनासिब नहीं की रास्ते सामने से गुजरे

रश्ते के सामने ही बनाओ तुम घर अपने

जलाने को तैयार हो तुम दूसरों के आशियाँ

अपनी ही आग से पहले बचाओ तुम घर अपने

अमीरों को बुलाते हो , करते हो आव भगत

किसी…

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Added by Vikas Pandey on March 31, 2013 at 3:38pm — No Comments

मोहब्बत

तेरी मोहब्बत ने मुझे, इतना तो सीखा दिया 
परवाने जलते कैसे है, दीवाने जीते कैसे है

Added by Vikas Pandey on March 31, 2013 at 3:37pm — No Comments

शांत

इतना न सताओ 
तुम सब उसे वो 
शांत है चुप है 
ग़म ,गाली 
सुनाता,सहता है 
झेलता है, मौन रह कर 
उस समन्दर की तरह 
जो शहरों की गन्दगी
नदियों का प्यार समा कर 
शांत रहता है ऊपर से 
लेकिन मेरे दोस्त ये न भूलो 
कि जब समंदर जुम्बिश 
भी लेता है तो शहर के 
शहर बर्बाद हो जाते है ॥

Added by Vikas Pandey on March 31, 2013 at 3:36pm — No Comments

रात

अंधेरा इस रात को कितना परेशान कर रहा है पर ये 
रात आज फिर चाँद की मोहब्बत से निखर आएगी ॥

Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 4:46pm — 2 Comments

बचपना

ये दिल कैसा 
बच्चों सा है 
फुदकता रहता है 
हर खिलोनों को देख 
पाना चाहता है 
कभी दूर गगन के चाँद 
को पाने की ख्वाहिश 
तो कभी मचलती तितली 
को पकड़ने का जोश 
कितना अनजान रहता है 
तथ्यों से , जीता है 
एक अजीब दुनिया में 
जब सच्चाई जानता है 
तो रोता है कभी जोर सा 
और लोग कहते है की 
बचपना है ॥ 

Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 4:16pm — No Comments

चन्दन की महक के जैसे तेरी आहट पाकर मैंनेकितनी रातें लुटा दींकितने दिन ही बिता दिए ।।सूरत देख के तेरी चाँद शरमायातेरी इस सुन्दर छवि के मद में मैंने कितनी सुबहें गवां दीकितनी शामें पिला दिए ।।जीवन पथ क…

चन्दन की महक के जैसे 

तेरी आहट पाकर मैंने

कितनी रातें लुटा दीं

कितने दिन ही बिता दिए ।।

सूरत देख के तेरी चाँद शरमाया

तेरी इस सुन्दर छवि के मद में मैंने 

कितनी सुबहें गवां दी

कितनी शामें पिला दिए ।।

जीवन पथ का मैं राही अकेला

तेरा प्यार पाने को मैंने

कितने मंदिर घूम रहा

कितने चादर चदा दिए…

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Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 4:00pm — No Comments

रात के काले पन्नो पर कई कलमें दौड़ती है लगातार मीलों तक बिना थके बिना रुके कुछ दौलत के लिए कुछ सोहरत के लिए और दौड़ती रहती है ऐसा वक़्त भी आता हैकलमें तो दौड़ती रहती है लेकिन वो कुछ लिखती नहीं और एक दम स…

रात के काले पन्नो पर 
कई कलमें दौड़ती है 
लगातार मीलों तक 
बिना थके बिना रुके 
कुछ दौलत के लिए 
कुछ सोहरत के लिए 
और दौड़ती रहती है 
ऐसा वक़्त भी आता है
कलमें तो दौड़ती रहती है 
लेकिन वो कुछ लिखती नहीं 
और एक दम से शांत हो जाती है ॥

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Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:55pm — No Comments

ख़ुशी कहीं दुबक के सोयी है ग़म को आज सुलाए कौन अफवाहें फैली है सच नहीं आज इनको झूंठलाये कौन मन तो है उसे भुलाने का पर उस बेवफा भुलाये कौन जो अपना था रूठ गया अब उस पराये को मनाये कौन दिल तो चाहता नशे मे…

ख़ुशी कहीं दुबक के सोयी है 
ग़म को आज सुलाए कौन 

अफवाहें फैली है सच नहीं 
आज इनको झूंठलाये कौन 

मन तो है उसे भुलाने का 
पर उस बेवफा भुलाये कौन 

जो अपना था रूठ गया अब 
उस पराये को मनाये कौन 

दिल तो चाहता नशे में डूबना 
उसे आज नशेडी बनाये कौन ॥

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Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:49pm — 1 Comment

पहले तो दिल की रज़ा जान जाईये फिर जो दीवाने यार कहे मान जाइये दिल को धडकनों को झूंठला रहे हो अब तो मोहब्बत को मान जाइये इनकार न करिए उनकी निगाहों को नज़रों में खुद को पहचान जाइये

पहले तो दिल की रज़ा जान जाईये 
फिर जो दीवाने यार कहे मान जाइये 

दिल को धडकनों को झूंठला रहे हो 
अब तो मोहब्बत को मान जाइये 

इनकार न करिए उनकी निगाहों को 
नज़रों में खुद को पहचान जाइये

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Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:49pm — No Comments

रात की परछाई पर आजकल शायद रोशनी हावी है तभी शहरों में व्यस्त बाशिंदों के लिए रातें नहीं होती

रात की परछाई पर आजकल शायद रोशनी हावी है 
तभी शहरों में व्यस्त बाशिंदों के लिए रातें नहीं होती

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Added by Vikas Pandey on March 30, 2013 at 3:48pm — No Comments

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परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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