Rekha patel ( vinodini)'s Blog – April 2013 Archive (7)

बिन तेरे कोइ जिए तो जिए कैसे .

तेरी जुदाई मे दील को कोई आबाद करे तो कैसे..

तु हुकम करे ओर दील ईंन्तजार ना करे तो कैसे.

वफा की राहमे चलते कोई बेवफाई करे तो कैसे..

तेरे बाद दील कीसी ओर पर एतबार करे तो कैसे.

तेरे जाने के बाद दीलमे कीसी को बसाये तो कैसे ...

दील भर आये आंसुओ को बहेने से रोके तो कैसे.

तेरा जीक्र हो ओर महेफील से कोई जाये तो कैसे..

तु जाकर फीर ना आये तो दीलको चेन आये तो कैसे.

सुनी आंखोसे बहेते बरसात को कोइ रोके तो कैसे...

तेरी तसवीर दीलसे लगाकर कोई जुदा करे तो… Continue

Added by Rekha patel ( vinodini) on April 28, 2013 at 9:02pm — 1 Comment

વાતોમાં...

કોણ જાણે શું સમાયું એમની વાતોમાં
ના કહેવાનું તો ઘણુંય કહે છે વાતોમાં.
છુપાવેલું બધુય કહે આંખો આંખોમાં
કઈ કહેવાનું હોય તે ભૂલે છે વાતોમાં.
રેખા ( સખી )

Added by Rekha patel ( vinodini) on April 25, 2013 at 8:23pm — 1 Comment

चलती रुकती हिचकियाँ

हमें बच्चों वाली आदत है,कोई याद करे तो आती है

चलती रुकती हिचकियाँ ...

यहाँ हँसती गाती तबीयत है,कोई याद करे तो आती है

चलती रुकती हिचकियाँ ...



वहा मस्ती वाली शरारत है,रंगीन तबियत रखते है

सभी फुल हमारी वसीयत है,कोई याद करे तो आती है

चलती रुकती हिचकियाँ ...



हमें गीत ग़ज़ल का नशा है,हम लिखकर प्यार बरसाते है

आवारा बादल सी फितरत है,कोई याद करे तो आती है

चलती रुकती हिचकियाँ ...



जब गिरती है चाँदनी आँगन में,हम याद तुम्हे भी करते… Continue

Added by Rekha patel ( vinodini) on April 24, 2013 at 6:18pm — No Comments

आज अपना श्राद्ध ....

राहे मजिल पर मिलता था उसको को भूलाकर बेठी हु मै ,

उसको भूलने की चाह में, खुद को भूलाकर बेठी हु मै .



अब यहाँ कौन आये कौन जाए क्या फर्क रह जाएगा ,

यहाँ दुनिया के सारे रस्मो रिवाज गले लगाकर बेठी हु मै .



इश्क का कातिल नशा यू छुपता नहीं छुपाने से,

अपने रूह तक गमे उल्फत उनकी फेलाकर बेठी हु मै .



अब जलने का डर नहीं हिज्र में जलते रहेगे उम्रभर ,

अब वफ़ा की खातिर दिलका दिया जलाकर कर बेठी हु मै .



अब दर्द और रंजिस को गले लगाकर क्या… Continue

Added by Rekha patel ( vinodini) on April 23, 2013 at 8:04pm — No Comments

તેવું તો કેમ થાય...

નરી એકલતા હોય અને જાત સાથે સામનો થાય,

ખાલી કેમ છો કહી નીકળી જઈએ ,તેવું તો કેમ થાય



અંદર ભર્યા છે મે બધાય ઉત્તરો તારા સવાલના ,

તું અંદર ઉતર્યા વિના શોધે જવાબ, તેવું તો કેમ થાય



તું પ્રેમને સરેઆમ એક ઘટના કહીને દર્શાવે

હૈયે હોય લાગણી ને દેખાય ના ,તેવું તો કેમ થાય



મળવાના વાયદા ને તું ભવિષ્ય પર ઠેલ્યા કરે

ખાલી આવીને સપના માં સતાવે, તેવું તો કેમ થાય



પવન જઈ પહોચાડે પતંગિયા ને ફૂલોના ગીત

ફૂલોનેય કોઈએ ભાષા હોય, તેવું તો કેમ… Continue

Added by Rekha patel ( vinodini) on April 22, 2013 at 5:59pm — 1 Comment

ક્યાં ખબર હતી...

ક્યાં ખબર હતી ઈચ જેવડી આંખો મહી ડૂબી જવાશે

ક્યાં ખબર હતી વરસાદી ફોરાંથી પણ સીઝાઈ જવાશે



સાત જન્મોનો સથવારો ને તોય આગળ પાછળ જવાશે

ક્યા ખબર હતી એમના વગર ઘડીભર જીવાઈ જવાશે



બે કડવા વેણે પળવાર માં બીજે રસ્તે બદલાઈ જવાશે

ક્યા ખબર હતી ઇશ્વર સમજી તારા બોલે રોકાઈ જવાશે



કેમ અધુરપ ના અહેસાસ સાથે જીવન ને રેલાઈ જવાશે

ક્યા ખબર હતી નસીબ ને તારા પગલામાં સમાઈ જવાશે



નજરોના કામણ ની આખરી ઘાતમાં રુંધાઈ જવાશે

ક્યા ખબર હતી સદભાગ્યે ઘાત મા જ હરખાઈ… Continue

Added by Rekha patel ( vinodini) on April 15, 2013 at 5:50am — 1 Comment

પાણી ની લીપી

માત્ર આંખનાં આંસુઓ ને જોયાં છે તમે,
એની પારદર્શક લીપી વાંચવા જેવી હતી.

જાણ છે પાણીને પોતાનો કોઈ રંગ નથી,
એની સમર્પણ સ્થિતિ સમજવા જેવી હતી .
રેખા(સખી)

Added by Rekha patel ( vinodini) on April 14, 2013 at 12:21am — 1 Comment

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Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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