Juee Gor's Blog – September 2013 Archive (12)

गुलज़ार

दूर सुनसान-से साहिल के क़रीब
एक जवाँ पेड़ के पास
उम्र के दर्द लिए वक़्त मटियाला दोशाला ओढ़े
बूढ़ा-सा पाम का इक पेड़, खड़ा है कब से
सैकड़ों सालों की तन्हाई के बद
झुक के कहता है जवाँ पेड़ से... ’यार!
तन्हाई है ! कुछ बात करो !’

Added by Juee Gor on September 28, 2013 at 5:34pm — No Comments

ગઝલ – ગુંજન ગાંધી

ફૂલ પર એ
જીવવાની કામના ત્યાગી શકે,
પણ કહો ઝાકળ કદી આખો દિવસ
જાગી શકે ?
આભ છે ઘનઘોર ને છે વાદળોનો ગડગડાટ
એક જણને ભીતરે તડકા-પણું લાગી શકે !
માપસરના હાથ જોડી માપસર માથું
નમાવી
માપસરનું કરગરી એ મહેલ પણ માંગી શકે !
ઈસુથી લઈ આદમી લગ, છે બધું લોહી-
લુહાણ
એકલે હાથે સમય પણ કેટલું વાગી શકે !
Deal કરતાં આવડે આકાશ સાથે જો તને
Lamp ને બદલે તું ઘરમાં ચંદ્ર પણ
ટાંગી શકે !

Added by Juee Gor on September 26, 2013 at 8:19pm — 2 Comments

Haath mein usko kalam ka aana achchha lagta hai, usko bhi school ko jaana achchha lagta hai. bada kar diya ghardish ne waqt se pehle warna, sar pe kisko bojh uthana achchha lagta hai… ....unknown

Haath mein usko kalam ka aana
achchha lagta hai,
usko bhi school ko jaana achchha
lagta hai.
bada kar diya ghardish ne waqt se
pehle warna,
sar pe kisko bojh uthana achchha
lagta hai…
....unknown

Added by Juee Gor on September 20, 2013 at 2:19pm — No Comments

आओ फिर नज़्म कहें फिर किसी दर्द को सहला के सुजा लें आँखें फिर किसी दुखती राग से छुआ दे नश्तर या किसी भूली हुई राह पे मुड़कर एक बार नाम लेकर, किसी हमनाम को आवाज़ ही दे लें फिर कोई नज़्म कहें. Gulzar

आओ फिर नज़्म कहें
फिर किसी दर्द को सहला के सुजा लें आँखें
फिर किसी दुखती राग से छुआ दे नश्तर
या किसी भूली हुई राह पे मुड़कर
एक बार नाम लेकर, किसी हमनाम को आवाज़ ही दे लें
फिर कोई नज़्म कहें.
Gulzar

Added by Juee Gor on September 19, 2013 at 2:30pm — No Comments

:-) Ramesh Parekh

એક છોકકરાએ સીટીનો હિંચકો બનાવીને
છોક્કરીને કીધું, લે ઝૂલ,
પછી છોક્કરાએ સપનાનું ખીસ્સુ ફંફોસીને
સોનેરી ચોકલેટ કાઢી રે,
ને છોક્કરીની આંખમાંથી સસલીના ટોળાએ
ફેંકી ચીઠ્ઠીઓ અષાઢી રે,
સીધ્ધી લીટીનો સાવ છોક્કરો, તે
પલળ્યો ને બની ગયો બે-ત્રણ વર્તુળ
છોક્કરીને શું એ તો ઝૂલી, તે એને ઘેર જતા થયું
સહેજ મોડું રે,
જે કંઈ થવાનું હતું એ છોક્કરાને થયું,
એના સાનભાન ચરી ગયું ઘોડું રે,
બાપાની પેઢીએ બેસીને રોજ-રોજ
ચોપડામાં ચીતરતો ફૂલ…

Added by Juee Gor on September 14, 2013 at 11:24pm — No Comments

sans lena bhi kaisi aadat hai – Gulzar

sans lena bhi kaisi aadat hai
jiye jana bhi kya ravayat hai
koi aahat nahi badan mein kaheen
koi saya nahi hai aankhon mein
panv behis hain, chalte jate hain
ik safar hai jo bahata rehta hai
kitne barason se, kitni sadiyon se
jiye jate hain, jiye jate hain
aadaten bhi ajeeb hoti hain
....

Added by Juee Gor on September 12, 2013 at 10:30pm — No Comments

अभी जिन्दा है माँ मेरी, मुझे कुछ भी नहीं होगा । मैं घर से जब निकालता हूँ दुआ भी साथ चलती है ।। जब भी कुश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है । माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है । Munawwar Rana

अभी जिन्दा है माँ मेरी, मुझे कुछ
भी नहीं होगा ।
मैं घर से जब निकालता हूँ दुआ भी साथ
चलती है ।।
जब भी कुश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है ।
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है । Munawwar Rana

Added by Juee Gor on September 12, 2013 at 11:33am — No Comments

ગઝલ-મુકુલ ચોકસી

શાનાં સ્તવન સ્તવું અને ક્યાંના કવન કવું ?
ઉન્માદ ! લાગણીથી વધારે તો શું લવું ?
હાથોમાં હાથ રાખી હવે કેમ જીવવું ?
તારે છે ચાલવું અને મારે છે મ્હાલવું….
પામી લીધું ઊંડાણ મેં અભિવ્યક્તિનું નવું
ચૂમો તો ચીસ પાડું ને કાપો તો ક્લરવું !
સહરાની છાલકો ય પછી અમને ચાલશે,
શીખી જવા દો એક વખત તરબતર થવું.
જાકારો આઠે આઠ દિશાએ દીધા પછી,
અંતર્મુખ એક પળમાં થયા, એમાં શું નવું ?
-મુકુલ ચોકસી

Added by Juee Gor on September 9, 2013 at 2:59pm — No Comments

आकाश असीमित हो तो हो नन्हा-सा, पर अपना हो जो उस नीड़ के प्रेम में पड़ कर, अपना सारा जीवन खोते हैं कुछ पंछी ऐसे होते हैं

आकाश असीमित हो तो हो
नन्हा-सा, पर अपना हो जो
उस नीड़ के प्रेम में पड़ कर,
अपना सारा जीवन खोते हैं
कुछ पंछी ऐसे होते हैं
आया नहीं, पर अब आ जाए
कब भाग्य जाने बदल जाए
नभ के चांद को तकते तकते,
हर पल बाट उसकी जोहते हैं
कुछ पंछी ऐसे होते हैं
उठाया मधुमास का आनंदo
साथी संग गाए मीठे छंद
मधुमास गया, साथी छूटा,
सावन के संग अब रोते हैं
कुछ पंछी ऐसे होते हैं
Unknown

Added by Juee Gor on September 8, 2013 at 2:00pm — No Comments

अब मैं सूरज को नहीं डूबने दूंगा। देखो मैंने कंधे चौड़े कर लिये हैं मुट्ठियाँ मजबूत कर ली हैं और ढलान पर एड़ियाँ जमाकर खड़ा होना मैंने सीख लिया है।

अब मैं सूरज को नहीं डूबने दूंगा।

देखो मैंने कंधे चौड़े कर लिये हैं

मुट्ठियाँ मजबूत कर ली हैं

और ढलान पर एड़ियाँ जमाकर

खड़ा होना मैंने सीख लिया है।

घबराओ मत

मैं क्षितिज पर जा रहा हूँ।

सूरज ठीक जब पहाडी से लुढ़कने लगेगा

मैं कंधे अड़ा दूंगा

देखना वह वहीं ठहरा होगा।

अब मैं सूरज को नही डूबने दूँगा।

मैंने सुना है उसके रथ में तुम हो

तुम्हें मैं उतार लाना चाहता हूं

तुम जो स्वाधीनता की प्रतिमा हो

तुम जो साहस की मूर्ति हो

तुम जो… Continue

Added by Juee Gor on September 4, 2013 at 3:25pm — No Comments

: आकांक्षा पारे --

हर जगह मचा है शोर

ख़त्म हो गया है अच्छा आदमी

रोज़ आती हैं ख़बरें

अच्छे आदमी का साँचा

बेच दिया है ईश्वर ने कबाड़ी को

'अच्छे आदमी होते कहाँ हैं

का व्यंग्य मारने से

चूकना नहीं चाहता कोई

एक दिन विलुप्त होते भले आदमी ने

खोजा उस कबाड़ी को

और

मांग की उस साँचे की

कबाड़ी ने बताया

साँचा टूट कर बिखर गया है

बहुत छोटे-छोटे टुकड़ों में

कभी-कभी उस भले आदमी को

दिख जाते हैं, वे टुकड़े

किसी बच्चे के रूप में जो

हाथ थामे… Continue

Added by Juee Gor on September 2, 2013 at 5:55pm — No Comments

--- महादेवी वर्मा

आंधी आई जोर-शोर से
डाली टूटी है झकोर से
उड़ा घोंसला बेचारी का
किससे अपनी बात कहेगी
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी ?
घर में पेड़ कहाँ से लाएँ
कैसे यह घोंसला बनाएँ
कैसे फूटे अंडे जोड़ें
किससे यह सब बात कहेगी
अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी ?
--- रचनाकार: महादेवी वर्मा

Added by Juee Gor on September 1, 2013 at 2:33pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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