Juee Gor's Blog – May 2014 Archive (7)

Gulzar...!!

एक नज़्म मेरी चोरी कर ली कल रात

किसी ने

यहीं पड़ी थी बालकनी में

गोल तिपाही के ऊपर थी

व्हिस्की वाले ग्लास के नीचे रखी थी

नज़्म के हल्के हल्के सिप मैं

घोल रहा था होठों में

शायद कोई फोन आया था

अन्दर जाकर लौटा तो फिर नज़्म

वहां से गायब थी

अब्र के ऊपर नीचे देखा

सूट शफ़क़ की ज़ेब टटोली

झांक के देखा पार उफ़क़ के

कहीं नज़र ना आयी वो नज़्म मुझे

आधी रात आवाज़ सुनी तो उठ के देखा

टांग पे टांग रख के आकाश में

चांद तरन्नुम में पढ़…

Added by Juee Gor on May 20, 2014 at 4:57pm — No Comments

कोई टाँवाँ-टाँवाँ रोशनी है / दीप्ति नवल

कोई टाँवाँ-टाँवाँ रोशनी है चाँदनी उतर आयी बर्फ़ीली चोटियोँ से तमाम वादी गूँजती है बस एक ही सुर में ख़ामोशी की यह आवाज़ होती है… तुम कहा करते हो न! इस क़दर सुकून कि जैसे सच नहीं हो सब यह रात चुरा ली है मैनें अपनी ज़िन्दगी से अपने ही लिये

Added by Juee Gor on May 16, 2014 at 7:53pm — No Comments

માણસ ઉર્ફે…

માણસ ઉર્ફે રેતી, ઉર્ફે દરિયો, ઉર્ફે ડૂબી જવાની ઘટના ઉર્ફે;

ઘટના એટલે લોહી, એટલે વહેવું એટલે ખૂટી જવાની ઘટના ઉર્ફે…

ખુલ્લી બારી જેવી આંખો ને આંખોમાં દિવસો ઊગે ને આથમતા;

દિવસો મતલબ વેઢા, મતલબ પંખી, મતલબ ઊડી જવાની ઘટના ઉર્ફે…

વજ્જરની છાતી ના પીગળે, આંસું જેવું પાંપણને કૈં અડકે તો પણ;

આંસુ, એમાં શૈશવ, એમાં કૂવો, એમાં કૂદી જવાની ઘટના ઉર્ફે…

પગમાંથી પગલું ફૂટે ને પગલાંમાંથી રસ્તાના કૈં રસ્તા ફૂટે;

રસ્તા અથવા ફૂલો અથવા પથ્થર અથવા ઊગી જવાની ઘટના…

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Added by Juee Gor on May 12, 2014 at 10:37pm — No Comments

હવે આંખોનું નામ નહીં આંખો – રમેશ પારેખ

સખીરી, હવે આંખોનું નામ નહીં આંખો

આંખો તો મોગરાની ડાળીનું નામ

એને શમણું જોયાનું ફૂલ ઝૂલે

રુંવેરુંવામાં પડે મ્હેકતી સવાર

જ્યારે પાંપણની પાંદડીઓ ખૂલે

હાથમાંથી સરકીને વહી જાતાં ભાનસાન

વીંઝે રે દૂર દૂર પાંખો

સખીરી, હવે આંખોનું નામ નહીં આંખો

દીધું ન જાય કોઇ પંખીનું નામ

એવી હોઠોમાં ઉપડતી ગહેક

જાણે બધું નજરાઇ જાતું ન હોય

એમ – જેને જોઉં તે મ્હેક મ્હેક !

એટલું ય ઓછું ન હોય એમ ફળિયામાં

આંબાની લૂમઝૂમ સાખો

સખીરી, હવે આંખોનું નામ નહીં… Continue

Added by Juee Gor on May 11, 2014 at 3:17pm — No Comments

મધર્સ ડે વિશેષ : ડૉ. વિજળીવાળા નું આ મજાનું બાળગીત માણીએ…

એક દિ મમ્મી નાની થઈ ગઈ,  ને હું થઈ ગઈ મોટી,

મેં તો એને નવડાવી, લઈને સાબુની ગોટી !!

ભેંકડા એણે ખૂબ જ તાણ્યાં, કર્યું બહુ તોફાન !

મેં પણ એનું માથું ધોયું , પકડીને બે કાન !

તૈયાર કરી, માથે એને લઈ દીધી’તી ચોટી…

એક દિ મમ્મી નાની થઈ ગઈ.

એને ભલે રમવું હોય પણ, લેસન હું કરાવું !

વ્હેલી વ્હેલી ઉઠાડી દઉં, બપોરે સુવરાવું !

બપોર વચ્ચે ગીતો ગાય તો ધમકાવું લઈ સોટી…

એક દિ મમ્મી નાની થઈ ગઈ.

દોડા દોડી કરે કદી તો બૂમ-બરાડા પાડું

ચોખ્ખી લાદી બગાડે…

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Added by Juee Gor on May 11, 2014 at 3:00pm — No Comments

ड्राईंग / अंजू शर्मा

उसकी नन्ही सी दो आँखे
चमक उठती है देखकर
तस्वीरों की किताब,
लाल पीले हर नीले
सभी रंग लुभाते हैं उसे
पर माँ क्यों थमा देती है
अक्सर काला तवा
जब लौट कर आती है
बड़ी कोठी के काम
से थककर,
और वो निर्विकार बनाती है
नन्हे हाथों से
कच्ची रोटी पर ड्राईंग
माँ से नज़र बचाकर

Added by Juee Gor on May 5, 2014 at 9:45pm — No Comments

चाँद / अंजू शर्मा

कभी कभी किसी शाम को, दिल क्यों इतना तनहा होता है कि भीड़ का हर ठहाका कर देता है कुछ और अकेला, और चाँद जो देखता है सब पर चुप रहता है, क्यों नहीं बन जाता उस टेबल का पेपरवेट जहाँ जिंदगी की किताब के पन्ने उलटती जाती है, वक़्त की आंधी, या क्यों नहीं बन जाता उस नदी में एक संदेशवाहक कश्ती जिसके दोनों किनारे कभी नहीं मिलते, बस ताकते हैं एक टक एक दूसरे को, सालों तक, वक़्त के साथ उनकी धुंधलाती आँखों का चश्मा भी तो बन सकता है चाँद, या बन सकता नदी के बीच रौशनी का एक खम्बा, और पिघला सकता है कुछ जमी हुई…

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Added by Juee Gor on May 2, 2014 at 3:18pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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