Juee Gor's Blog – April 2013 Archive (6)

ghazal by rana sahri....

कोई दोस्त है न रकीब है,
तेरा शहर कितना अजीब है.
वह जो इश्क था वह जूनून था,
ये जो हिज्र है ये नसीब है.
यहाँ किसका चेहरा पढ़ करूं,
यहाँ कौन इतना करीब है.
मैं किसे कहूं मेरे साथ चल,
यहाँ सबके सर पे सलीब है.

Added by Juee Gor on April 26, 2013 at 9:31pm — 1 Comment

Ghazal by Nida Fazli

बेनाम सा ये दर्द ठहर
क्यों नही जाता,
जो बीत गया है वो गुज़र
क्यों नही जाता,
सब कुछ तो है क्या ढूंढती हैं ये
निगाहें,
क्या बात है मैं वक्त पे घर
क्यों नहीं जाता,
वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे
जहां मे,
जो दूर है वो दिल से उतर
क्यों नही जाता,
मैं अपनी ही उलझी हुई
राहों का तमाशा,
जाते हैं जिधर सब मैं उधर
क्यों नहीं जाता,
वो नाम जो बरसो से ना चेहरा ना बदन
है,
वो ख्वाब अगर है तो बिखर
क्यों नहीं जाता

Added by Juee Gor on April 25, 2013 at 10:01pm — 1 Comment

ગઝલ --- પ્રીતિ સેન ગુપ્તા

આ હું અને સાગર, અને આકાશ-બીજું કૈ નહીં મોજાં અને આ રેત ને ખારાશ-બીજું કૈ નહીં . કાંઠા ઉપર ફરતા મળે મોતી વળી શાના? અરે, આ તૂટેલા શા છીપલા, આ વાસ –બીજું કૈ નહીં અકકેક પળનું આવવું પાછાં જવું શું કારણે ? બસ, રાત ને દિવસ અને આ શ્વાસ બીજું કૈ નહીં . હોઈ શકે છે દૂરનું –કોઈ ઘણું પોતીકડું, ને પારકું પણ હોય પસોપાસ –બીજું કૈ નહીં । હૈયું ફરી છલકે, વહેતું રહે પાણી રૂપે , કૈ પૂર કૈ કાદવ અને લાલસ બીજું કૈ નહીં મિત્રો, ચલો ,દિલની કહું વાતો બધી નાનીસૂની, અટકળ અને આઘાત ને અવકાશ બીજું કૈ નહીં।

Added by Juee Gor on April 23, 2013 at 9:42pm — No Comments

Ghazal by Nida Fazli

हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी
फिर भी तनहाईयों का शिकार आदमी
सुबह से श्याम तक बोझ ढाता हुआ
अपनी ही लाश पर खुद मजार आदमी
हर तरफ़ भागते दौडते रास्ते
हर तरफ़ आदमी का शिकार आदमी
रोज जीता हुआ रोज मरता हुआ
हर नए दिन नया इंतजार आदमी
जिंदगी का मुकद्दर सफ़र दर सफ़र
आखरी सांस तक बेकरार आदमी

Added by Juee Gor on April 21, 2013 at 2:14pm — No Comments

કાવ્ય.. ( મૂકેશ જોશી)

પંખીઓ ઉડવાના ક્લાસ નથી ભરતા

ન માછલી સ્વિમિંગ પુલ જાતી

ખુશબુએ વાયરાનું ટ્યૂશન ક્યાં રાખ્યુંછે?

તો પણ એ કેવી ફેલાતી

તમરો વિશારદ નથી તોય ગાય,

કહે ફૂલોને કાનમાં પતંગિયા

બેટરીનું  ખાનું વિજ્ઞાન નથી જાણતા

તો પણ શું ચમકે છે આગિયા॰

ઝરણાંઓ પૂછીને ભૂસકો ન મરતાં

કેટલીક મળવાની ખ્યાતિ...પંખીઓ.

ઝાડવાઓ યોગાસન શીખ્યા નથી જ .

છતાં ઊભા અઠંગ ચરણે

કીડી મંકોડાને ચિંતા ક્યાં હોય છે

કોણ મારી દીકરીને પરણેય

ઈર્ષ્યા આવે…

Continue

Added by Juee Gor on April 14, 2013 at 10:16pm — 1 Comment

કે’ટો ની

પન્નીને પહતાય તો કે’ટો ની.

વાહણ જો અથડાય તો કે’ટો ની.

અમના તો કે’ટો છે કે પાંપણ પર ઊંચકી લેમ.

પછી માથે ચડી જાય તો કે’ટો ની.

અમના તો પ્યાર જાણે રેહમની ડોરી.

એના પર લૂગડાં હૂકવાય તો કે’ટો ની.

”એની આંખોના આભમાં પંખીના ટોળાં…”

પછી ડોળા દેખાય તો કે’ટો ની.

હમ, ટુમ ઔર ટન્હાઇ,બધું ઠીક મારા ભાઇ

પછી પોયરાં અડ્ડાય તો કે’ટો ની.

                                          --રઈશ મનીયાર

Added by Juee Gor on April 9, 2013 at 6:30pm — 2 Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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