Juee Gor's Blog – January 2014 Archive (7)

ગુલઝાર

આદમી બુલબુલા હૈ પાની કા,
ઔર પાનીકી બહેતી સતહ પર
ટૂટતા ભી હૈ , ડૂબતા ભી હૈ .
ફિર ઉભરતા હૈ , ફિરસે બહેતા હૈ
ના સમંદર નિગલ સકા ઇસકો,
ન તવારીખ તોડ પાઈ હૈ.
વક્ત કી મૌજ પર સદા બહેતા. . .
આદમી બુલબુલા હૈ પાની કા.....

Added by Juee Gor on January 31, 2014 at 9:33pm — No Comments

शाम को जिस वक़्त ख़ाली हाथ घर जाता हूँ मैं / राजेश रेड्डी

शाम को जिस वक़्त ख़ाली हाथ घर

जाता हूँ मैं

मुस्कुरा देते हैं बच्चे और मर जाता हूँ

मैं

जानता हूँ रेत पर वो चिलचिलाती धूप

है

जाने किस उम्मीद में फिर भी उधर

जाता हूँ मैं

सारी दुनिया से अकेले जूझ लेता हूँ

कभी

और कभी अपने ही साये से भी डर

जाता हूँ मैं

ज़िन्दगी जब मुझसे

मज़बूती की रखती है उमीद

फ़ैसले की उस घड़ी में क्यूँ बिखर

जाता हूँ मैं

आपके रस्ते हैं आसाँ, आपकी मंजिल

क़रीब

ये डगर कुछ और ही है जिस… Continue

Added by Juee Gor on January 23, 2014 at 11:12pm — 1 Comment

મૂળમાંથી ફૂટે ને ટોચ લગી જાય એવી લાગણીને કેમ રે ઉવેખીએ,

ચાલ સખી પાંદડીમાં ઝાકળના ટીપાની

જેમ ફરી જિંદગીને મૂકીએ,

ટેરવાનો સ્પર્શ એક ઘટના કહેવાય

કે લાગણી ગણાય એમ પૂછીએ.

વેદના તો અડીખમ ઉભો કંઠાર

જતાં આવતાં જુવાળ ભલે કોતરે,

સુખ સાથે આપણો તો જળનો સંબંધ

ક્યાંક રેતી ઢાંકે ને ક્યાંક ઓસરે.

છીપલાની હોડીને શઢથી શણગાર ચાલ

કાંઠો છોડીને હવે ઝૂકીએ,

પાંદડીમાં ઝાકળનાં ટીપાંની જેમ

ફરી ચાલ સખી જિંદગીને મૂકીએ.

ચાંદનીને ચાંદનીનું નામ ન’તા દે’તા

એ વાતો અકબંધ મને યાદ છે,

વૃક્ષ પછી ડાળ પછી પંખીનો… Continue

Added by Juee Gor on January 21, 2014 at 10:59pm — No Comments

Happy Utarayan......

कटी डोर, उड़ चली गगन में
बंधन सारे तोड़ पतंग।
लहराती-बलखाती जाती
कहाँ न जाने छोर पतंग।।

Added by Juee Gor on January 13, 2014 at 10:02pm — No Comments

આખો દિવસ સાથે હતો, સાંજે શમી ગયો

આખો દિવસ સાથે હતો, સાંજે શમી ગયો,
સૂરજને મારો પડછાયો કેવો ગમી ગયો !
ખાલીપણું તો એકલાથી ના થયું સહન,
પંખી નથી તો ડાળીનો હિસ્સો નમી ગયો.
એવું કિનારાને થયું શું, ના ખબર પડી,
મોજાંની વાતો સાંભળીને સમસમી ગયો.
આ ‘આપ-લે’માં થઈ જતા ખરબચડા હાથમાં,
ખણકાટ પાંચીકાનો ક્યારે આથમી ગયો?
શેરીમાં રમતા છોકરાની જેમ કાફિયો,
કાગળ ઉપર આવી અનાયાસે રમી ગયો.
-અંકિત ત્રિવેદી

Added by Juee Gor on January 8, 2014 at 2:01pm — 2 Comments

આટલા કેમ ડરો છો ? કૃષ્ણ દવે !

આટલા કેમ ડરો છો ?

કમાન્ડોને લઈને જ કેમ ફરો છો ?

તમે બધા અમારા હીટ લીસ્ટમાં છો જ

નહિ .

અમારા હીટ લીસ્ટમાં તો છે

ગર્ભામાં'યે શિશુની સંભાળ રાખતી માતા ,

ખભો પકડીને બાળકને સાઈકલ

શીખવતો પિતા ,

અજાણ્યાની'યે મદદે

દોડી આવતો નાગરિક ,

દર્દીનો જીવ બચાવવાની કોશિશ

કરતો ડોક્ટર ,

તડકામાં ઉભા રહી પોતાની ફરજ

બજાવતો પોલીસમેન,

લીલ્લાં શાકભાજી વેચતો ફેરીયો ,

અને,પરસેવો પાડી કુટુમ્બ માટે કરિયાણું

લઇ જતો મજુર.

શું તમે નથી જાણતા ?… Continue

Added by Juee Gor on January 4, 2014 at 3:02pm — 3 Comments

कहीं खो दिया कहीं पा लिया कहीं रो लिया कहीं गा लिया, कहीं छीन लेती है हर ख़ुशी कहीं मेहरबान बेहिसाब है|

ये जो ज़िन्दगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब

है|

कहीं इक हसीन सा ख़्वाब है कहीं जान-लेवा अज़ाब है|

[अज़ाब=दुखदाई वस्तु/वेदना]

कहीं छँव है कहीं धूप है कहीं और ही कोई रूप है,

कई चेहरे इस में छुपे हुए इक अजीब सी ये नक़ाब है|

कहीं खो दिया कहीं पा लिया कहीं रो लिया कहीं गा लिया,

कहीं छीन लेती है हर ख़ुशी कहीं मेहरबान बेहिसाब है|

कहीं आँसुओं की है दास्ताँ कहीं मुस्कुराहटों का बयाँ,

कहीं बर्क़तों की है बारिशें कहीं तिश्नगी बेहिसाब है|

[बयाँ=बताना… Continue

Added by Juee Gor on January 2, 2014 at 1:31pm — 2 Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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