Dhruti Sanjiv's Blog – April 2013 Archive (13)

दावतें...

होठों पे लाली
आँखों में काजल
लाखोका लिबास
करोडोंके जेवर
मरी हुई मुस्कान
और जैसे तबले पे
बजते तालसे...
ठहाके!!!
साली... अब दावतें भी
तवायफ बनके रह गई!!!

~धृति...

Added by Dhruti Sanjiv on April 29, 2013 at 8:53pm — No Comments

सहेली...

कैसा है वोह?

कौन है वोह ?

जो सपने दिखाता है,

मुझे अपनी मर्जी से उड़ने देता है,

मुजमें वोह खुबी देखतां है...

जो आज तक कोई नहीं देख पाया,

मेरी सांसो का वजूद है वोह,

मुझे पहेचानता है,

रोज कहेता है की...

तुजे मिले बगैर मै कही नहीं जा पाऊंगा,

भरोसा है वोह मेरा,

शायद आने वाला है आजकल में वोह,

छोड़ दूंगी सारी दुनियांको तब मै ....यकीनन!

पर न जाने क्यूँ आज अचानक मै उसे पूछ बैठी...

ए साथी, तेरा नाम तो बता!

उसने धीरे से मेरे…

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Added by Dhruti Sanjiv on April 25, 2013 at 6:55am — No Comments

अजन्मी...

कोसती रही जो इतने साल

अपनी माँ को ...



के जो देश खुद माता के नामसे

सन्मानित है ...

जहां हर दूसरे मंदीर में

एक माँ स्थापित है ...



उस देशमें उसे पैदा कयूं

नहीं होने दीया ?

गर्व से उसे जीने का मोका

कयूं नहीं दीया गया ?



आज यहां मरते मरते जीती  हुई

बेटीओ की हालत देखकर..

एक अजन्मी बेटी ने

अपनी माँ से माफी मांग ली !!! …

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Added by Dhruti Sanjiv on April 22, 2013 at 8:00am — No Comments

वफा...

हमसे कुछ ज्यादा ही उम्मिदें थी तुम्हे,
जो जाते वक्त…
‘हमें भूल जाना’ बोलके चल दिये,
आपकी हर बात माने
इतनी वफादारी हममें कहां!!

~Dhruti...

Added by Dhruti Sanjiv on April 19, 2013 at 7:41pm — 3 Comments

કાશ!!

કાશ, આ તન જેવી બીમારી મનને મળે.

અંધાપો નહી તો...

બેતાલા તો મળે,

તો નજીકનું  જોવું ટળે !!

 

બહેરા થઈને...

મોકળાશ મળે,

તો શોરથી પીછો ટળે !!

 

અપંગ થઈને...

મર્યાદા તો મળે,

તો દૂર જવાનુ  ટળે !!

 

મગજ જેવી તક...

ભૂલવાની મળે,

તો યાદો બધી જ ટળે !!

કાશ!! આ તન જેવી બીમારી મનને એકવાર મળે!

~ધૃતિ...

Added by Dhruti Sanjiv on April 17, 2013 at 9:56pm — 2 Comments

વિઝા...

વિઝા મળશે જો પરદેશનાં તો બે બાજુનું દુખ,
વિદેશનો મોહ છુટશે નૈ ને દેશનું જોશો ના મુખ !!

(અખાની ક્ષમાયાચના સાથે)

~ધૃતિ...

Added by Dhruti Sanjiv on April 11, 2013 at 7:17am — No Comments

...તન મારા હમ!!

જો તે ખાદીન્ વાઘા ચઢાયા તો તન મારા હમ!!
માઈકે ભાસણને ભૈડ્યા તો તન મારા હમ!!

નોમે તારા કોઈનો પ્લોટ ચડાઈન્ એમને...
બોર બોર ઓંસુએ રડાયા તો તન મારા હમ!!

ઓમતેમ નોમોન્ બદલીન સ્વીસ બેન્કમોં...
અવરા ખાતાઓ ખોલ્યા તો તન મારા હમ!!

ઇન શોર્ટ તે જો ગોંધીન્ નોમ લઈન લોકોન...
દાઝ્યા પર ડોમ આલ્યા તો તન મારા હમ!!

~ધૃતિ...

Added by Dhruti Sanjiv on April 10, 2013 at 8:14am — 2 Comments

વરસાદ...

ક્માલ છે આ ધોધમાર...

વરસાદની,
ઘર ની બત્તી ઓલવાઈ ગઈ

ને
યાદો ઝબકવા માંડી!!


ધૃતિ..

Added by Dhruti Sanjiv on April 8, 2013 at 11:56pm — 2 Comments

સમર વેકેશન...

નક્કી કોઈ વાત નડી છે,
અમથી થોડી જીદે અડી છે?

આવ્યું આ સમર વેકેશન...
તો યે કોઈને ક્યાં પડી છે?

પિયર જતાં સૌને જોઈને,
એ ચોધાર આંસુએ રડી છે,

સાસરિયાંથી દૂર જવાની...
આ અતિશય શુભ ઘડી છે,

બુકિંગ માટે પડાપડી છે...
ને પતિને પૈસાની પડી છે!!! :))

~ધૃતિ ...

Added by Dhruti Sanjiv on April 6, 2013 at 7:42am — 2 Comments

બે કોપી..

પાસપોર્ટ ને વિઝા માટે,
તું એક પણ તારી...
બે બે કોપી ફોટાની લેશે,
એક દેશ છોડાવશે ...
ને બીજી વિદેશમાં રહી જશે!!!

~ધૃતિ ...

Added by Dhruti Sanjiv on April 4, 2013 at 6:27pm — 1 Comment

ઘાત...

તારી સમજ બહારની આ વાત છે,
મારા હિસ્સાની વધેલી આ રાત છે,

અથડાઈને છુટા પડેલાં આપણા ...
વિચારોની પારા જેવી આ જાત છે,

તું ચાહે ફાડ છેડા એક જ ઝાટકે,
માથે મારે તને પામવાની ઘાત છે!!

~ધૃતિ ...

Added by Dhruti Sanjiv on April 4, 2013 at 7:09am — 3 Comments

માથાભારે…

હવે ના પૂછશો કે ચુપ કેમ રહું છુ,

વાત ભવોભવની છે જેથી જ સહું છુ,

આ જ ભવનો હિસાબ હોત તો તમેજ…

કહેત કે કેટલી માથાભારે વહુ છુ !!!

એક જ દિવસનું પોંખણું શું કામનું,

થૈને તો વસવાટી સદૈવ પધારી છું,

દૂધમાં સાકર જેમ ઓગળવા દો તો …

લાગશે જ નહી કે માથાભારે વહુ છું!!

કંઠસ્થ બધા રૂઢિ રિવાજો તો પણ,

હોય જો તાર્કિકતા એને દરકારુ છું,

માન આપીશ ને સામે માન જ મળ્યું તો…

કે’વુ જ નૈ પડે કે માથાભારે વહુ છું. …;-)

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Added by Dhruti Sanjiv on April 2, 2013 at 3:54am — No Comments

वोह जीवन...

क्या हसीन जींदगी जीया करते थे,
छुप छुप के काफी कुछ बयाँ करते थे,
वजह चाहे कोई भी हो...
हम अपनी ही दुनिया में रहा करते थे,
सारे सपने सारी आशाऐ ..
एक दूसरे के हाथोंमें देकर हम खोयेसे रहेते थे,
कितना मधुर था वोह जीवन...
जब चालु क्लासमें हम अपनी सारी बांते...
नोटबुक के पिछले पन्ने पे लिखके...
अपनी सहेली को टीचर से बचाके दीया करते थे!!

~ धृति

Added by Dhruti Sanjiv on April 1, 2013 at 9:08am — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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