Radhika patel's Blog (13)

poetic short story -radhika patel

Added by radhika patel on August 11, 2016 at 8:47pm — No Comments

gazalvishvama thi ek gazal :)

Added by radhika patel on August 11, 2016 at 8:43pm — No Comments

સૂર્ય ઉગે છાતીમાં...

મારી ભીતર ડૂબું હું,સૂર્ય ઉગે છાતીમાં.

અંતરમાંથી ઉગે કોઈ,ઝળહળ એની ક્રાંતિમાં



એક જ્યોતની દોર થકી-હું મને લઉં તારી;

ફરી મને ડુબાડું હું, ઘૂમ્યા કરું સંક્રાંતિમાં.



ભસ્મીભૂત થઈને વિખરાય જાઉં માટીમાં;

ફરી-ફરી ઉગુ હું ,મારીજ નવી પ્રજાતિમાં.



અજવાળું થોડું લઇને,નીકળ્યો તારી શોધમાં;

ખુદને મળી ગયો હું,નવા સ્વરૂપે ઉત્ક્રાંતિમાં…

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Added by radhika patel on June 14, 2013 at 9:17am — No Comments

ek geet which is beautifully composed by me..



ના મેં બાંધી,

ના તે બાંધી,

પ્રેમની આ ડોર-

મેળે-મેળે બંધાણી…..

મેળે-મેળે બંધાણી……

તે ખુબ ખેંચી,

મેં ઘણી’ય તાણી,

પ્રીતની આ ગાંઠ-

વધુ-વધુ ગૂંચવાણી….

ના છૂટી-ના છોડાણી …..

ના તે બાંધી…..ના મેં બાંધી..

.

આંખોથી આંખોમાં બાણ એવા છૂટ્યા;

હ્રીદયથી હ્રીદયમાં કામણ જેવા ખુંપ્યા….

ના તે મારી -ના મેં…

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Added by radhika patel on June 11, 2013 at 9:35am — No Comments

कहा चला है राही….!!!!

कहा चला है राही….!!!!
मंजिल पर पहोचनेकी जल्दीमे,
लम्होको बिखेरके चलदीये...
समेट ले कुछ लम्हे-
हमसेभी;
ये लम्हे खुशियोंके,कुछ-
ग़मके भी;
जब शिखरपर पहोच जाओगे,
खुदको तनहा ही पाओगे.
हम तेरे हमसफ़र न सही;
एक हमराज़ ज़रूर पाओगे…..!!!!
-Radhika patel-

Added by radhika patel on June 3, 2013 at 9:54am — No Comments

હઠીલો મોહન

ek geet....which I have composed also.

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હઠીલો મોહન ના માને, એને કેમ કરી સમજાવું;

પ્રેમનું પ્રમાણ-પત્રક, હું ક્યાંથી લઇ આવું...?



કાજળ મારું રેલાય ગયું,હવે ક્યાં કરાવું સહીસીક્કા;

વાલમની વાટ જોવામાં-રંગ મહેંદીના ફિક્કા-ફિક્કા.



હથેળીમાં હવે ના જડે,નવું ક્યાંથી ચિતરાવું;

પ્રેમનું પ્રમાણ-પત્રક, હું ક્યાંથી લઇ…

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Added by radhika patel on May 7, 2013 at 9:50am — 2 Comments

मुझे खुदसे मोहब्बत हो गई….

मुझे खुदसे मोहब्बत हो गई….

गिला ना कोई तुमसे,

ना शिकायत है खुदसे;

मैं तो अपने आप में खो गई,मुझे खुदसे मोहब्बत हो गई….



खुद ही रूठ जाऊ, खुद ही मान जाऊ;तुजसे कोई उम्मीद क्यूँ मैं करू …?

तू तो जाके बैठा है,पत्थर बनके; पत्थरसे बूंदों की जिद क्यूँ मैं करू ..?



जो तू नहीं मेरी खुशियो मे शामिल;

तो तू नहीं मेरी मोहब्बत के काबिल.…

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Added by radhika patel on April 26, 2013 at 10:00am — 4 Comments

यादों का खज़ाना

यादोंके खजाने पे बेठा एक साप,

यादो के खजाने मे खट्टे-मीठे फल ;

मैं खाना तो चाहू,

पर कैसे मैं जाऊ ...?

खज़ाने पे बेठा एक ज़हेरिला साप....!!!



खजाने में छुपे हुवे.....

कुछ चमकीले लम्हे, कुछ सुनहरे पल;

कुछ रेशमी रातो के गुज़रे हुए कल-

मैं चुराना तो चाहू-

पर कैसे मैं जाऊ....?

खजाने पे बेठा एक ज़हरीला साप....!!!!



खजाने में छोड़े हुवे....

कुछ टूटे…

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Added by radhika patel on April 12, 2013 at 10:51am — No Comments

जिंदगी फिर जिंदगी से...

विखवाद  के खोफमें जीये जा रहा है..
ग़मका जहर धीरे-धीरे पिये जा रहा है...

तेरे अंदर जो आग लगी हुई है-
हो सके तो  कुछ  दिए जलादे.....

जिस मिट्टी के तले तेरी सांसे दबी हुई है-
हो सके तो  कुछ फुल खिला दे....

रोशन राहोपे चलकर,
खुदकी खुशबू बिखेरकर,

हिला दे उसके वजूद को तू बस अपनी बंदगी से .......
खुद चलके आयेगी मिलने  जिंदगी फिर जिंदगी से......!!!!!

-Radhika patel-

Added by radhika patel on March 29, 2013 at 7:00pm — No Comments

વાદળના લઈને એ ગાડા આવે...

અમરુતને હું લગાવું જ્યાં હોઠે;

ઝાંઝવાના જળ મને આડા આવે.

ઝાંઝવા પડી ગયા માંડ-માંડ કોઠે;

ત્યાં વાદળના લઈને એ ગાડા આવે.

વાદળને બોલ હું ક્યાં જઈ ઠાલવું ?

આંખમાં  ફાવતું દરિયાને મ્હાલવું.

દરિયો તો તોય હું ઉલેચી ય દઉં;

જખ્મો જામર લઇ જાડા આવે.

હોઠને તો ગમતા મધના કુવા;

પંડયમાં કઠતા વણપચ્યાં લુવા.

એકાદ ઘૂંટડો  પચાવી ય લઉં;

તું લઈને ઉરનાં ધાડાં આવે.

હાથને તો ગમતા સ્પર્શ સુંવાળા;

હથેળીમાં…

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Added by radhika patel on March 24, 2013 at 2:23pm — No Comments

આજે મકરસંક્રાંતિ.

આજે મકરસંક્રાંતિ.

આ સૂર્યને જોઇને થાય છે કે- 

લાવ હું પણ દિશા બદલી જોવ.

મારા પ્રભાવ નીચે દબાયેલા,

આ મારા જ બાર-બાર ગ્રહોની-

દશા અને દિશા બદલાય છે કે કેમ

એ જોવા માટે.

-Radhika patel-

Added by radhika patel on March 21, 2013 at 10:14am — No Comments

लब्ज़ोको मुह में दबाकर,जब मौन के कोड़े मारता है कोई - तो कलम चलती है…. वख्तको बोतलमे बंध करके,खोमोशीयो के विराने मे छोड़ आता है कोई - तो कलम चलती है….. दुनिया जिसने देखी भी नहीं, ऐसे गर्भको दफ़ना दिय…

लब्ज़ोको मुह में दबाकर,जब मौन के कोड़े मारता है कोई -

तो कलम चलती है….

वख्तको बोतलमे बंध करके,खोमोशीयो के विराने मे छोड़ आता है कोई -

तो कलम चलती है…..

दुनिया जिसने देखी भी नहीं, ऐसे गर्भको दफ़ना दिया जाता है -

तो कलम चलती है…

जो फुला-फला भी नहीं,ऐसे पौधेको ज़मीनसे उखाड़ दिया जाता है -

तो कलम चलती है….

जो हुवे भी ही नहीं,ऐसे गुनाहो की सजा जब पाता है कोई -

तो कलम चलती है….

खुदा जब चुपकेसे सियाही…

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Added by radhika patel on March 6, 2013 at 9:18am — 1 Comment

અમે નવી દુનિયાના પારેવા…

અમે નવી દુનિયાના પારેવા…

અમે નવી દુનિયાના પારેવા…

પેટ્રોલની પાંખોપર થઈને સવાર,

થોડી સેવિંગ્સ બાકી લોન-ઉધાર;

ક્રેડીટ-કાર્ડની ટેક્ષી લઈને પૂરી દુનિયા ઘૂમેલા…

અમે નવી દુનિયાના પારેવા…

રિસ્ક લઈને રમતા જુગાર,

સફળતા સુધી ના માનીએ હાર;

ચડતા-પડતા,જીવતા-મરતા, અંતમાં સિદ્ધિને પામેલા…

અમે નવી દુનિયાના પારેવા…

ટીડ-ફોર ટેડના અમે સુત્રધાર,

આજે રોકડી કાલે ઉધાર;

નફા-નુકસાનના પાકા હિસાબી-ચાહે અભણ યા ભણેલા…

અમે નવી દુનિયાના…

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Added by radhika patel on March 4, 2013 at 6:42pm — 2 Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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