Sonya Shah's Blog – December 2013 Archive (9)

ડો. કનૈયાલાલ મ. મુનશીની આજ ૧૨૬મી વર્ષગાંઠની સહુ કોઈ સાહિત્યપ્રેમીઓને શુભકામના.

સ્વાતંત્ર્ય સત્યાગ્રહી અને પ્રખર સાહિત્યકાર કુલપતિ ડો. કનૈયાલાલ મ. મુનશીની આજ ૧૨૬મી વર્ષગાંઠની સહુ કોઈ સાહિત્યપ્રેમીઓને શુભકામના.

આપણને આપેલ ગુજરાતી,ઇંગ્લીશ તથા હિન્દી ઍ ત્રણેય ભાષાઓમાં ૧૨૫ પુસ્તકોનો ખજાનો અને સાહિત્ય સમૃદ્ધિનો ઍ અમૂલ્ય વારસો કેમ વિસરાય...

ખાસ કરીને "પાટણ ની પ્રભુતા ","ગુજરાત નો નાથ""પૃથ્વીવલ્લભ"…

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Added by Sonya Shah on December 30, 2013 at 2:35pm — No Comments

सीने में जलन -शहरयार



सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है

इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यूँ है



दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँढे

पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान सा क्यूँ है



तन्हाई की ये कौन सी मन्ज़िल है रफ़ीक़ो

ता-हद्द-ए-नज़र एक बयाबान सा क्यूँ है



हम ने तो कोई बात निकाली नहीं ग़म की

वो ज़ूद-ए-पशेमान पशेमान सा क्यूँ है



क्या कोई नई बात नज़र आती है हम…

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Added by Sonya Shah on December 24, 2013 at 10:35am — No Comments

अग्निपथ - हरिवंश राय बच्चन



वृक्ष हों भले खड़े,

हों घने हों बड़े,

एक पत्र छाँह भी,

माँग मत, माँग मत, माँग मत,

अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।



तू न थकेगा कभी,

तू न रुकेगा कभी,

तू न मुड़ेगा कभी,

कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,

अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।



यह महान…

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Added by Sonya Shah on December 23, 2013 at 10:41am — No Comments

" લાકડામાંથી બનેલા માણસો " /કવિ અફઝલ અહમદ

બાય ધ વે , હમણા પાકિસ્તાનના બહુ મોટા ગજાના કવિ અફઝલ અહમદ ની એક સરસ કવિતા વાંચવામાં આવી .આ કવિતાની શીર્ષક " લાકડામાંથી બનેલા માણસો " છે લાકડું તો આપણે સહુએ જોયું છે પણ કવિની દ્રષ્ટી લાકડાને અનન્ય રીતે નિરખે છે .કવિએ આ કવિતામાં લાકડામાંથી બનેલા માણસોનો એક પ્રતિક તરીકે વિનિયોગ કર્યો છે કવિતા એન્જોય કરો .

- અનિલ જોશી



"લાકડામાંથી બનેલા માણસો

પાણીમાં ડૂબતા નથી

પણ એને દિવાલો ઉપર ટાંગી શકાય છે



કદાચ…

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Added by Sonya Shah on December 21, 2013 at 10:13am — No Comments

कोई ये कैसे बता ये कि वो तन्हा क्यों हैं /कैफ़ी आज़मी

कोई ये कैसे बता ये कि वो तन्हा क्यों हैं

-कैफ़ी आज़मी

कोई ये कैसे बता ये के वो तन्हा क्यों हैं

वो जो अपना था वो ही और किसी का क्यों हैं

यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यों हैं

यही होता हैं तो आखिर यही होता क्यों हैं



एक ज़रा हाथ बढ़ा, दे तो पकड़ लें दामन

उसके सीने…

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Added by Sonya Shah on December 20, 2013 at 9:02am — 2 Comments

Dedicating The Beautiful poem To Nirbhaya. by Swanand Kirkire

ओ री चिरैया

नन्ही सी चिड़िया

अंगना में फिर आजा रे





ओ री चिरैया

नन्ही सी चिड़िया

अंगना में फिर आजा रे



अंधियारा है घना और लहू से सना

किरणों के तिनके अम्बर से चुन्न के

अंगना में फिर आजा रे

हमने तुझपे हज़ारों सितम हैं किये

हमने तुझपे जहां भर के ज़ुल्म किये

हमने सोचा नहीं

तू जो उड़ जायेगी

ये ज़मीन तेरे बिन सूनी रह जायेगी

किसके दम पे सजेगा…

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Added by Sonya Shah on December 16, 2013 at 8:25am — No Comments

बुलन्दी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है -मुनव्वर राना





बुलन्दी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है

बहुत ऊँची इमारत हर घड़ी ख़तरे में रहती है



बहुत जी चाहता है क़ैद-ए-जाँ से हम निकल जाएँ

तुम्हारी याद भी लेकिन इसी मलबे में रहती है



यह ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता

मैं जब तक घर न लौटूँ मेरी माँ सजदे में रहती है



अमीरी रेशम-ओ-कमख़्वाब में नंगी नज़र आई

ग़रीबी शान से इक टाट के पर्दे में रहती है



मैं इन्साँ हूँ…

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Added by Sonya Shah on December 13, 2013 at 9:59am — 1 Comment

वो थका हुआ मेरी बाहों में ज़रा / बशीर बद्र

वो थका हुआ मेरी बाहों में ज़रा सो गया था तो क्या हुआ

अभी मैं ने देखा है चाँद भी किसी शाख़-ए-गुल पे झुका हुआ



जिसे ले गई है अभी हवा वो वरक़ था दिल की किताब का

कहीं आँसुओं से मिटा हुआ कहीं आँसुओं से लिखा हुआ



कई मील रेत को काट कर कोई मौज फूल खिला गई

कोई पेड़ प्यास से मर रहा है नदी के पास खड़ा हुआ



मुझे हादसों ने सजा सजा के बहुत हसीन बना दिया

मेरा दिल भी जैसे दुल्हन का हाथ हो मेहन्दियों से रचा हुआ



वही ख़त के जिस पे जगह जगह दो महकते…

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Added by Sonya Shah on December 11, 2013 at 9:39am — 1 Comment

दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह / क़तील शिफ़ाई

दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह

फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह



मैनें तुझसे चाँद सितारे कब माँगे

रौशन दिल बेदार नज़र दे या अल्लाह



सूरज सी इक चीज़ तो हम सब देख चुके

सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह



या धरती के ज़ख़्मों पर…

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Added by Sonya Shah on December 10, 2013 at 10:19am — 1 Comment

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परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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