Geeta Negi's Blog (43)

"Wanderer"

"When doubt arose in my mind,

soul startle its journey,

I wandered from town to town,

In search of peace and love.

I seeks for untold truth,

but can't believe the outer world,

since doubt arose in my mind.

When my heart was filled with pain,

and the world appeared unfair,

I turn inwards to heal my wound,

In search of peace and love,

I kept changing people I knew.

When i couldn't find the love,

my heart startle…

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Added by Geeta Negi on September 10, 2020 at 12:30am — No Comments

"Defame "

"Defame"

" Misunderstood by the crowd,

stood firm on my ground

fighting for my believe,

Though i preserve the culprit

which you thought were so mean,

without any support,

I strive my best.

justice for accused & victim

Both must get fair chance.

You recognise me by my act,

never looked beyond that.…

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Added by Geeta Negi on September 9, 2020 at 9:00am — No Comments

"Shall i believe u? "

"Shall i believe u? "

" whatever u had spoken to me,

the words which hurt me

penetrated deep into my heart,

they still lie there as a mark..

every time when i came to u

i relied and trusted u

the words u spoke to me,

to shook me or calm me,

i believe u.

The words which never expressed ur true self,

the words which were fake,

hollow like ur fake emotions,

in a strive to hide ur true self.

when u spoke…

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Added by Geeta Negi on September 6, 2020 at 12:30pm — No Comments

अश्क़ !

"‍‍अंदर का गुबार
अश्क बन छलक पड़ता  है
दिल में दर्द बढ़ जाये तो
आँखों से बया होता है !
वो शक्श
जो रोया  नहीं
टूट जाने पर भी ,
उसकी मुस्कराहट में भी
दर्द का एहसास  होता है!"
@ Geeta Negi

Added by Geeta Negi on September 5, 2020 at 9:28pm — No Comments

"ब्लेंक मैसेज "

"बे वक़्त ब्लेंक मैसेज देख
अक्सर दिल सोचता हैं
जाने शब्दो कि कमी हैं
या
एहसासो की
या शायद
कुछ ऐसा नहीं
जो जोड़े दो दीवारों को !"

@Geeta Negi

Added by Geeta Negi on September 5, 2020 at 9:17pm — No Comments

Who am I?



"रूप  विभस्त, तेज़ हैं वाणी,

मोहित नहीं, भयभित करू मैं  !

समझ ना नाज़ुक, रुद्र  रूप  हैं!

शूशोभित शूल से, ये मेरा तन हैं !

पास न आना, पछतायेगा!

तेरे लिए, धारा रूप हैं !

शुर -वीर भी पास ना आये,

मेरे तन से वो घबराये!

बात बताऊ तुमको सच्ची, 

मुझे भाती फूल पत्ती!

झटपट पेड़ पे चढ़ जाऊ!

लेकिन ज़मीन पे, मैं इतराऊं!

पास मेरे,  जो कोई आये, 

भय से  ख़ुद ओझल हों जाये!

पर उसका  भय सताये मुझको, 

इतना तेज़ भगाये मुझको!

जैसे…

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Added by Geeta Negi on September 5, 2020 at 2:25pm — 3 Comments

"खुशनुमा अलविदा "

‍उनके संग गुजरा वक़्त  ,

समेट के चले 

हम अपने संग उनके प्यार को

समेट के चले!

यु तो उनका एहसास

हमेशा साथ रहता है!

आज उनके प्यार की सौगात, 

साथ लेकर चले!

ज़िन्दगी मुकम्मल सी ,

लगती है उनके संग !

अपनी चाहत पे उनकी भी

मोहर  हम लेकर चले !

वक़्त अब सुकून से,

कट जौएगा उनके बिना भी,

दोबारा उनसे  मिलने की हसरत,

दिल में लेकर चले!

प्यार से जो वक़्त गुजरा 

अपने संग समेट के चले ,

कुछ इस तरह खुशनुमा,

अलविदा किया उनको ,…

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Added by Geeta Negi on September 3, 2020 at 11:23pm — No Comments

"‍‍हलक़ "

‍‍हलक़ में गाँठ सी मेहसूस होती है ,

शायद कोई बात आ फास्सी  हैं!

कई दिनों से खुद संग यु मशरूफ़ रहें,

भरी महफ़िल में भी तन्हाई मेहसूस होती है !

नज़र नहीं आता कोई शक़्श ,

जिन संग मन हल्का किआ जाये ;

कुछ अपनी कहे  कुछ उनकी सुनी  जाए;

यु तो  बहोत लोग है

मोबाइल  की कांटेक्ट  लिस्ट  में,

पर वैसे नहीं जिन्हे,

दिल का हाल…

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Added by Geeta Negi on September 3, 2020 at 4:30pm — No Comments

"धुंध "

कड़कड़ाती ठण्ड के

कौहरे में जाती हूँ मैं !

अपनी धुंन ,

तेरे खयालो में मस्त,

यु गुजरती जाती हूँ मैं,

कभी जो ठोंकर लगे यूँ

की खुदको संभाल ना सकू मैं !

सोचती हूँ,

कौन बताएगा तुम्हे?

ठोंकर से घायल

मेरे बारे में!

कोहरेका साया जब 

बढ़ता जाता हैं ,

नज़रो के सामने

अंधेरा छा  जाते हैं !

खो जाती हु,

कहीं उस  धुंध के साये में!

जो कभी  भटक जाऊ,

तो सोचती हूँ, 

कौन बताएगा तुम्हे,

के अब वो…

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Added by Geeta Negi on September 2, 2020 at 3:00pm — No Comments

एक नैया !

"रामायण के किरदारो का,

कुछ अंश जो मुझमें आ जाये,

प्रेम, त्याग, सद्भाव जो उनके,

मेरे मन में यूँ बस जाये!

कठनाई के बादल,

पलक झपकते झट जाये !

भावनाओ और उपेक्षा का,

सागर जो मन में उठता हैं !

भव-सागर को पार करने,

संयम और श्रम से,

एक अनोखी नैया बन जाये !!! "

-Geeta…

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Added by Geeta Negi on September 1, 2020 at 9:30pm — 2 Comments

"प्यार वो नहीं जिसमे कैद किआ जाये

"जैसे फूलो से प्यार हों 

तो उसे तोड़ा नहीं करते,

सच्चे प्यार में किसी को

कैद, किआ नहीं करते!

प्यार तो वो हैं जिसमे

प्रेमी ख़ुद बंध जाता हैं

जबरन किसी को

कैद किआ नहीं करते !

मजबूरियां रही होंगी उनकी,

दूर जाने की,

मोहब्बत को अपनी रुसवा,

कभी किया नहीं करते !

सच्चा प्यार वो नहीं

जो…

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Added by Geeta Negi on September 1, 2020 at 8:00pm — No Comments

अनजाने चेहरे !

‍‍‍‍कुछ अनजाने  चेहरे  है

बेमतलब बेहद करीबी रिश्तो से ;

ख़ामोशी हैं  चारो और ,

शोर सा मन में उठता है !

देख तुझे परेशां  मन क्यों बेचैन होता है ,

ऊपर से ख़ामोशी है ,

अंदर ही अंदर कोई सिसकता  हैं

तकलीफ किसी एक को होती है

तो दर्द दूजे को होता है !

दुनिया जहाँ के शब्द जहाँ बेमतलब से लगते है

मन ही मन जाने भतेरो  बातें हम करते है ,

खयालो और हकीकत में जहाँ

ज़मी  आसमान का अंतर है,

कुछ ऐसे ही किस्से है

जो खयालो में दम तोडा…

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Added by Geeta Negi on September 1, 2020 at 6:16am — No Comments

"दो घड़ी का साथ !"

‍‍‍‍तुमसे दूर जाऊ भी तो कैसे ?

नाराज़गी अपनी दिखाऊ भी तो कैसे?

दो घड़ी का साथ मिलता है तुम्हारा

उससे भी व्यर्थ  गवाउ  भी तो कैसे?

बिन तेरे जो वक़्त गुजर  गया,

जाने कितना कुछ सीखा गया!

हर एक छोटी -छोटी बाते ,

दो पल में तुझे बताऊ  कैसे?

तुमसे दूर जाऊ भी तो कैसे ?

नाराज़गी तेरी मिटाऊ भी तो कैसे ?

दो घड़ी का साथ मिलता है तुम्हारा,

उससे व्यर्थ  गवाउ  भी तो कैसे?

दोस्ती का रिश्ता जितना प्यारा  पाया,

किसी और नाम से तुझे  बुलाऊ  कैसे ?

तुम कहते…

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Added by Geeta Negi on August 31, 2020 at 1:46pm — 1 Comment

‍‍‍‍‍प्रेशर और डेड लाइन में, काम करने का, अपना मज़ा है !

‍‍‍‍‍प्रेशर और डेड लाइन में
काम करने का,
अपना मज़ा है !
सब कुछ भुला कर,
मंज़िले हासिल करने का,
अपना मज़ा है!!
जब दिल और दिमाग  कही और हो!
हर पल मन मार  कर,
कुछ किया तो क्या किया?

वक़्त का पता भी न चले
और सर पे सवार जूनून हो,
कुछ इस तरह देर रात जागके,
मन चाहा काम करने का
अपना मज़ा है !
@Geeta Negi

Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 11:25pm — No Comments

‍‍फुर्सत में हम  खुदको, कुछ इस तरह मशरूफ  रखते है!

‍‍फुर्सत में हम  खुदको

कुछ इस तरह मशरूफ  रखते है

दर्द में ख़ुशी को और

ख़ुशी में गम को ढूंढ लिए  करते है !

मिलजाये अगर कोई वजह दर्द की तो

दर्द में ख़ुशी ,ख़ुशी में गम छुपा लेते है ,

बेवजह आज भी यूही मुस्कुरा लेते है ,

फुर्सत में उससे जब भी याद कर लेते है!

साथ बिताये पल याद आ जाये अगर

तो उन्हें याद कर मुस्कुरा लेते हैं…

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Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 7:18pm — No Comments

ज़िन्दगी या मौत? जाने कौन ज्यादा सुन्दर लगता हैं?

‍ज़िन्दगी को सुन्दर मानते  थे हम,

उसके हर एक पल को जीना  चाहते थे हम ,

जिंदगी की चाहत में जाने कितने अपनों से रुठ गए

जाने कितने दूर हो गए,

पर ज़िंदगी के आखरी पलो में ,

कितना कुछ कहने का मन करता है !

जिनसे जान बूझकर रूठ गए थे

उन्हें मानाने ,अनकही बाते सुनाने  का मन करता है !

जिन्हे इंतज़ार करवाते रहने का एहसास तक न था

आज उन संग दो घड़ी बिताने  का मन करता है !

इन आखरी पलों में एहसास हुआ जैसे

जिंदगी से सुन्दर तो मौत है ,

जब भी वो सामने आती है…

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Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 1:05am — 1 Comment

वो सूरज और चाँद हैं मेरा, देखो कैसे सताता हैं !

"वो सूरज है दिन के उजाले में

और चाँद है मेरी रातो  का!

झुलसती हु  तपिश में जिसकी ,

सूरज बन वो, दिन रोशन कर जाता है !

वक़्त गुजरते, शाम ढले जब,

घनघोर  अँधेरा छाता हैं,

रूप बदल वो, सावर्या

चाँद, मेरा बन जाता है!

रात डूबा कर, चांदनी में,

मुझे शीतल कर जाता है !

वो सूरज और चाँद है  मेरा,

देखो कैसे बेहलाता है?

वो सूरज और चाँद  हैं मेरा 

कुछ ऐसे मुझे सताता  है! "  

@Geeta Negi…

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Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 12:47am — No Comments

‍‍शौर  में चीख, सुनाई नहीं देती!

‍‍शौर  में चीख,

सुनाई नहीं देती!

किसी के अंदर की आवाज़,

बाहर नहीं आती,

कोई  देख के चीज़े,

अंदेखा करता है !

तो कोई बिन आँखों के,

सब देख लेता हैं!

कुछ हादसे,

यु घट जाते है,

भीतर से हमे,

हिल्ला  जाते है !

मन केहता है,

कैसे अनदेखा कर दू इसे?

और धीमे  हलक से

आवाज़ बहार आती है !

बाहर  के शौर में,

वो दबी रह जाती है  !

अंतर  मन में ,

द्वंध मचा कर जाती है !

अजब - गजब  की ये दुनिया है,

कोई…

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Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 12:00am — No Comments

वो मज़्ज़ा अकेले खाने में कहाँ, जो मिठाई बाँट के खाने में है! मिठास बढ़ जाती उस की, गर उससे तुम शेयर कर के खाते  !!

‍‍मिठाई खाने का मज़्ज़ा

बचपन में कुछ यु आता था

माँ देती थी पूरा लड्डू 

जो टुकटो  में  खाया जाता था !

थोड़ा खा के ,

थोड़ा बचा के रखते थे

सब का ख़त्म हो जाने पे

जिससे निकल हम  खाते थे !

वो थोड़ा थोड़ा टूकडा  उस वक़्त

बेहद मीठा  हो जाता था

जब खाते वक़्त उसको

चुपके से  कोई खा जाता था !

अब वो मज़ा  नहीं रहा खाने में

अब  नहीं रही बात चुरा  के खाने में

जो मज़ा आता था बाँट के खाने में

नहीं मिलता पुरा लड्डू खाने में…

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Added by Geeta Negi on August 29, 2020 at 2:07pm — 1 Comment

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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