Juee Gor's Blog (177)

मैं रुका हूँ ,झुका नहीं लड़खड़ाया हूँ . गिरा नहीं मैं टूटा हूँ . बिखरा नही

तलाश - संकेत जोशी

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मैं थोड़ी देर खुद की गोद में लेटा हूँ हाँ थोड़ा थक गया हूँ

भूखा ... प्यासा ...

मैं रुका हूँ ,झुका नहीं लड़खड़ाया हूँ . गिरा नहीं

मैं टूटा हूँ . बिखरा नहीं

मेरे सूखे होठों पे ...

तपती धूप भी ....

जल बनकर बह रही है

मेरी भूख .....

आज खुद को खाकर

शांत हो गयी है

मैं अपनी नसों में

बहते खून को

देख रहा हूँ

दौड़ रहा है

इसकी रफ़्तार गूंजने लगी है इस गूज ने हरेक ज़र्रे

को जगा दिया

अब मैं… Continue

Added by Juee Gor on July 4, 2013 at 11:50am — No Comments

परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता, किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता,

परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता,
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता,
बड़े लोगो से मिलने में हमेशा फासला रखना,
जहा दरिया समंदर से मिला दरिया नहीं रहता,
तुम्हारा शहर तो बिलकुल नए अंदाज़ वालाहाई,
हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता,
मोहब्बत एक खुसबू है हमेशा साथ चलती है,
कोई इंसान तन्हाई में भी तनहा नहीं रहता..
Bashir Badr..

Added by Juee Gor on July 2, 2013 at 1:46pm — No Comments

Good Evening..

કૈંક ચોમાસાં અને વરસાદ રાધા,
એક રાતે કૃષ્ણમાંથી બાદ રાધા.
ને, ઝુરાપાનું સુદર્શન આંગળીએ,
રોજ છેદી નાખતો જે સાદ રાધા.
એટલે તો જિંદગીભર શંખ ફુંક્યો,
વાંસળી ફૂંકે તો આવે યાદ રાધા.
કૃષ્ણને બહેલાવવાને આજ પણ,
ચોતરફ બ્રહ્માંડમાં એક નાદ રાધા.
કૃષ્ણ નામે ગ્રંથ ના સમજાય તો પણ,
સાવ સીધો ને સરળ અનુવાદ રાધા.
- મુકેશ જોશી

Added by Juee Gor on July 1, 2013 at 7:17pm — No Comments

hii..

मैं अपने ख्वाब से बिछड़ा नज़र नहीं आता
तू इस सदी में अकेला नज़र नहीं आता
अजब दबाव है इन भारी हवाओं का
घरों का बोझ भी उठता नजर नहीं आता
मैं एक सदा पे हमेशा को घर छोड़ आया था
मगर पुकारने वाला नज़र नहीं आता
मैं तेरी राह से हटने को हट गया लेकिन
मुझे तो कोई भी रास्ता नज़र नहीं आता
धुंआ भरा है यहाँ सब की आँखों में
किसी को घर मेरा ज़लता नज़र नहीं आता.
- वसीम बरेलवी....................

Added by Juee Gor on June 30, 2013 at 12:38pm — No Comments

મને મારી ભાષા ગમે છે ,

મને મારી ભાષા ગમે છે ,

કારણ બાને હું બા કહી શકું છું .

' મમ્મી ' બોલતાં તો હું શીખ્યોj છેક

પાંચમાં ધોરણમાં .

તે દિવસે ખૂબ રોફથી વાઘ માર્યો હોય એમ

મેં ' મમ્મી ' કહીને બૂમ પાડેલી .

બા ત્યારે સહેજ હસેલી , -

કારણ બા એક સાદો પોસ્ટકાર્ડ પણ

માંડમાંડ લખી શકતી .

બા બેન્કમાં સર્વિસ કરવા ક્યારેય ગઈ

નહોતી .

અને

રાત્રે ' લાયન્સ 'ની પાર્ટીમાં ગઈ હોય એવું

પણ યાદ નથી .

બા નવી નવી ' ડિશ ' શીખવા ' Cooking

Class 'માં ગઈ નહોતી .

છતાં… Continue

Added by Juee Gor on June 25, 2013 at 2:42pm — 2 Comments

Good morning...

"ભયસુચક થઇ આ સપાટી 'સ્મરણો' ની,
ક્યાંક બહુ વરસાદ હોય એવું લાગે છે." -
મનોજ ખંડેરિયા :

Added by Juee Gor on June 23, 2013 at 8:30am — No Comments

By - जावेद अख्तर ( लावा) ( અનીલ જોશી, કાવ્ય વિશ્વ, દિવ્ય ભાસ્કર )

जिधर जाते हैं सब, उधर

जाना अच्छा नहीं लगता,

मुजे पामाल रास्तों का सफ़र

अच्छा नहीं लगता

गलत बातो को ख़ामोशी से सुनना,

हाँ भी भर लेना,

बहोत हैं फायदे इस में, मगर

अच्छा नहीं लगता.

मुजे दुश्मन से भी खुद्दारी की उम्मीद

रहेती है,

किसी का भी हो सर, क़दमों में

अच्छा नहीं लगता

बुलंदी पर इन्हें मिटटी की खुशबु तक

नहीं आती,

ये वो शाखें हैं, जिनको अब शजर (वृक्ष)

अच्छा नहीं लगता

ये क्यों बाकि रहे आतिश्जनों (आग

लगानेवाले),ये… Continue

Added by Juee Gor on June 22, 2013 at 2:56pm — No Comments

જો આ રીતે મળવાનું નહીં દરિયો તો હોય તેથી નદીએ કાંઈ દોડીને આ રીતે ભળવાનું નહી

જો આ રીતે મળવાનું નહીં

દરિયો તો હોય તેથી નદીએ કાંઈ દોડીને

આ રીતે ભળવાનું નહીં

જો આ રીતે મળવાનું નહીં

પાંદડી ગણીને તને અડક્યો ને

મારામાં ઉડઝુડ ઊગ્યું એક ઝાડ

ખિસકોલી જેમ હવે ઠેકીને એક એક રુંવાડે

પાડે તું ધાડ

છીંડુ તો હોય તેથી ઉભી બજારેથી આ રીતે

વળવાનું નહીં

જો આ રીતે મળવાનું નહીં

એમ કાંઈ એવું કહેવાય નહીં કહેવાનું હોય

કોઈ પૂછે જો તો જ

જેમ કે અનેકવાર તારામાં ભાંગીને ભૂક્કો હું

થઈ જાતો રોજ

જીવતર તો હોય તેથી ગમ્મે ત્યાં ઓરીને… Continue

Added by Juee Gor on June 22, 2013 at 11:34am — No Comments

hiii..

"Confidence doesn't come
when you have All the answers,
But it comes when you are
ready to face all the questions."

Added by Juee Gor on June 20, 2013 at 12:54pm — 1 Comment

By Nida fazli..

जितनी बुरी कही जाती है
उतनी बुरी नहीं है दुनिया
बच्चों के स्कूल में शायद
तुमसे मिली नहीं है दुनिया
चार घरों के एक मुहल्ले
के बाहर भी है आबादी
जैसी तुम्हें दिखाई दी है
सबकी वही नहीं है दुनिया
घर में ही मत इसे सजाओ,
इधर-उधर भी ले के जाओ
यूँ लगता है जैसे तुमसे
अब तक खुली नहीं है दुनिया
भाग रही है गेंद के पीछे
जाग रही है चाँद के नीचे
शोर भरे काले नारों से
अब तक डरी नहीं है दुनिया

Added by Juee Gor on June 19, 2013 at 9:00pm — No Comments

hii

તારું કશું ન હોય તો છોડીને આવ તું
તારું બધું જ હોય તો છોડી બતાવ તું
~~~રાજેશ વ્યાસ

Added by Juee Gor on June 18, 2013 at 2:06pm — No Comments

वो ख़्वाब जो बरसों से न चेहरा, न बदन है वो ख़्वाब हवाओं में बिखर क्यों नहीं जाता ~~~

बेनाम-सा ये दर्द ठहर

क्यों नहीं जाता

जो बीत गया है वो गुज़र

क्यों नहीं जाता

सब कुछ तो है क्या ढूँढ़ती रहती हैं

निगाहें

क्या बात है मैं वक़्त पे घर

क्यों नहीं जाता

वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे

जहाँ में

जो दूर है वो दिल से उतर

क्यों नहीं जाता

मैं अपनी ही उलझी हुई

राहों का तमाशा

जाते हैं जिधर सब, मैं उधर

क्यों नहीं जाता

वो ख़्वाब जो बरसों से न चेहरा, न

बदन है

वो ख़्वाब हवाओं में बिखर

क्यों नहीं जाता ~~~… Continue

Added by Juee Gor on June 18, 2013 at 1:57pm — No Comments

Good Night..

दुआ तो जाने कौन-सी थी ज़ह्न में नहीं
बस इतना याद है
कि दो हथेलियाँ मिली हुई थीं जिनमें एक मेरी थी
और इक तुम्हारी
- परवीन शाकिर

Added by Juee Gor on June 17, 2013 at 10:56pm — No Comments

અમે ધુમ્મસના દરિયામાં એવાં ડૂબ્યાં, કે હોડી-ખડક થઈ અમને નડ્યાં…

ખોબો ભરીને અમે એટલું હસ્યાં,
કે કૂવો ભરીને અમે રોઈ પડ્યાં…
ખટમીઠાં સપના ભૂરાં ભૂરાં,
કુંવારા સોળ વરસ તૂરાં તૂરાં…
અમે ધુમ્મસના દરિયામાં એવાં ડૂબ્યાં,
કે હોડી-ખડક થઈ અમને નડ્યાં…
ક્યાં છે વીંટી અને કયાં છે રૂમાલ ?
ઝૂરવા કે જીવવાનો ક્યાં છે સવાલ ?
કૂવો ભરીને અમે એટલું રડ્યાં,
કે ખોબો ભરીને અમે મોહી પડ્યાં…
- જગદીશ જોષી

Added by Juee Gor on June 17, 2013 at 10:49pm — No Comments

hii

हो सकता है...
ये ज़माना उन्हें पूजने लगे...
यही सोच कर कुछ लोग पत्थर के हो गए
हैं...!! unknown

Added by Juee Gor on June 16, 2013 at 4:36pm — No Comments

Good morning...

पत्थरों में भी ज़ुबां होती है दिल होते हैं
अपने घर के दरोदीवार सजा कर देखो
Nida Fazli

Added by Juee Gor on June 16, 2013 at 10:09am — No Comments

Good morning..

Kuch is tarah sauda kiya mujse waqt
ne...... Tajurbe de ke meri nadani le
gaya.... - unknown

Added by Juee Gor on June 15, 2013 at 9:28am — 2 Comments

By..-गुलज़ार

किताबों से कभी गुजरो तो यूँ किरदार मिलते हैं,
गए वक्तों की ड्योढ़ी में खड़े कुछ यार मिलते हैं,

जिसे हम दिल का वीराना समझकर छोड़ आये थे,
वहाँ उजड़े हुए शहरों के कुछ आसार मिलते हैं !!

Added by Juee Gor on June 13, 2013 at 9:55pm — No Comments

hiiiiii

આંખોનાં ખારાં સમંદરને ઉલેચવાનું રહેવાદો, બસ બહુ થયું! હવે રડવાનું રહેવાદો . યાદોનું તોફાન બહુ બેકાબૂ બન્યું છે , સમયના દરિયા માં હવે તરવાનું રહેવાદો. સતાવે રાતભર શમણ!ઓ તમને તો ; મયખાનામાં જાઓ હવે ઊંઘવાનું રહેવાદો . મળી જાય જો કોઈ મિત્ર જીવન સફર માં, છે એ જ મંઝિલ હવે ચાલવાનું રહેવાદો. ડૂબી જવાય જો સાકીની નઝર પડતા જ , શરાબ છોડી દો હવે પીવાનું રહેવાદો . - જિતેશ ગોર

Added by Juee Gor on June 12, 2013 at 10:15pm — No Comments

good noon..

Kab milli thi,

kab bichhadi thi,

hame yaad nahi

zindagi tujko to bas,,,

khwab mein dekha hamne..

          (??)

Added by Juee Gor on June 12, 2013 at 1:30pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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