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एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है?
सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो.वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया.
लड़का बाहर…
ContinueAdded by Nihal Singh on April 22, 2013 at 11:38am — No Comments
अलग-अलग प्रफेशन से जुड़े लड़कों की गर्लफ्रेंड उनसे कैसे लड़ती होंगी:
1.पायलट की गर्लफ्रेंड: ज्यादा उड़ मत, समझा!
2.डेंटिस्ट की गर्लफ्रेंड: तुम्हारा जबड़ा तोड़ दूंगी!!!
3.लेक्चरर की गर्लफ्रेंड: मुझे ज्यादा समझाने की कोशिश मत करो!
4.वकील की गर्लफ्रेंड: सुधर जाओ, नहीं तो तुम्हें प्यार के सारे सेक्शंस अच्छे से समझा दूंगी!
5.सीए की गर्लफ्रेंड: तुम ज़रा हिसाब में रहना सीख लो!
6.पत्रकार…
Added by Nihal Singh on April 21, 2013 at 1:49pm — No Comments
जमाना आ गया रुसवाइयों तक तुम नहीं आये,
जवानी आ गयी तनहाइयों तक तुम नहीं आये.
न शम्मा है न परवाने हैं ये क्या 'रंग' है महफ़िल,
की मातम आ गया शहनाइयों तक तुम नहीं आये…
Continue
Added by Nihal Singh on April 21, 2013 at 1:45pm — No Comments
बलात्कार दरअसल एक धार्मिक समस्या है क्योंकि धर्म ने ही औरत को भोग्या, वस्तु, अपवित्र, आज्ञाकारिणी, पर्देवाली, कमज़ोर और दूसरे दर्जे का नागरिक बनाया है| कुछ धर्म तो साफ़ साफ़ उसे पीटने की भी वकालत करते हैं| समस्या की जड़ में जाओ, जरा सोचो कि औरत के प्रति इस प्रकार की धारणा का निर्माण धर्म ने ही किया है| फांसी की सज़ा से बलात्कार नहीं रुकने वाले, औरत के प्रति दृष्टिकोण को बदलना होगा| “जहाँ स्त्री होती है वहां देवताओं का वास होता है” इस तरह…
ContinueAdded by Nihal Singh on April 21, 2013 at 12:13pm — No Comments
जिन्दगी के केवल चार दिन हैँ
और वे चार दिन भी दो आरजू और दो इंतजार मेँ कट जाते हैँ।
इससे आगे बढ़ेँ तो इंसान की सिर्फ दो दिन की कुल जिन्दगी है
और…
ContinueAdded by Nihal Singh on April 21, 2013 at 11:28am — 2 Comments
नए कमरों में अब चीज़ें पुरानी कौन रखता है
परिन्दों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है
कंक्रीट के जंगल नुमा शहरों में मई-जून-जुलाई के तपते महीने ज़िन्दगी को जला डालते हैं। अंधा-धुंध शहरीकरण ने हरियाली के साथ-साथ पानी के स्रोतो को भी लील लिया है। इंसान तो फिर भी कोई न कोई उपाय करके भयावह गर्मी का मौसम बिता देता है -लेकिन नन्हीं चिड़ियों के लिए प्यास बुझाने हेतु पानी ढूंढना एक चुनौती से कम साबित नहीं…
Added by Nihal Singh on April 21, 2013 at 11:17am — No Comments
दिल का रेगिस्तान आज भी गीला है,
पानी की सियाही और काग़ज़ की कलम से
तुम्हारा नाम जो लिखा था एक बार....
Added by Nihal Singh on April 21, 2013 at 11:12am — No Comments
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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