Nihal Singh's Blog (47)

सफलता का रहस्य.....?

एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है?



सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो.वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया.

लड़का बाहर…

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Added by Nihal Singh on April 22, 2013 at 11:38am — No Comments

अलग-अलग प्रफेशन से जुड़े लड़कों की गर्लफ्रेंड उनसे कैसे लड़ती होंगी..

अलग-अलग प्रफेशन से जुड़े लड़कों की गर्लफ्रेंड उनसे कैसे लड़ती होंगी:



1.पायलट की गर्लफ्रेंड: ज्यादा उड़ मत, समझा!



2.डेंटिस्ट की गर्लफ्रेंड: तुम्हारा जबड़ा तोड़ दूंगी!!!



3.लेक्चरर की गर्लफ्रेंड: मुझे ज्यादा समझाने की कोशिश मत करो!



4.वकील की गर्लफ्रेंड: सुधर जाओ, नहीं तो तुम्हें प्यार के सारे सेक्शंस अच्छे से समझा दूंगी!



5.सीए की गर्लफ्रेंड: तुम ज़रा हिसाब में रहना सीख लो!



6.पत्रकार…

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Added by Nihal Singh on April 21, 2013 at 1:49pm — No Comments

जमाना आ गया रुसवाइयों तक तुम नहीं आये...

जमाना आ गया रुसवाइयों तक तुम नहीं आये,

जवानी आ गयी तनहाइयों तक तुम नहीं आये.



न शम्मा है न परवाने हैं ये क्या 'रंग' है महफ़िल,

की मातम आ गया शहनाइयों तक तुम नहीं आये…

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Added by Nihal Singh on April 21, 2013 at 1:45pm — No Comments

औरत को इन्सान समझो...वस्तु नहीं.....(बलात्कार एक धार्मिक समस्या है)

बलात्कार दरअसल एक धार्मिक समस्या है क्योंकि धर्म ने ही औरत को भोग्या, वस्तु, अपवित्र, आज्ञाकारिणी, पर्देवाली, कमज़ोर और दूसरे दर्जे का नागरिक बनाया है| कुछ धर्म तो साफ़ साफ़ उसे पीटने की भी वकालत करते हैं| समस्या की जड़ में जाओ, जरा सोचो कि औरत के प्रति इस प्रकार की धारणा का निर्माण धर्म ने ही किया है| फांसी की सज़ा से बलात्कार नहीं रुकने वाले, औरत के प्रति दृष्टिकोण को बदलना होगा| “जहाँ स्त्री होती है वहां देवताओं का वास होता है” इस तरह…

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Added by Nihal Singh on April 21, 2013 at 12:13pm — No Comments

जिदंगी की हैसियत एक मुट्ठी राख से ज्यादा कुछ भी नहीँ है।

जिन्दगी के केवल चार दिन हैँ

और वे चार दिन भी दो आरजू और दो इंतजार मेँ कट जाते हैँ।

इससे आगे बढ़ेँ तो इंसान की सिर्फ दो दिन की कुल जिन्दगी है

और…

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Added by Nihal Singh on April 21, 2013 at 11:28am — 2 Comments

परिन्दों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है...

नए कमरों में अब चीज़ें पुरानी कौन रखता है

परिन्दों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है



कंक्रीट के जंगल नुमा शहरों में मई-जून-जुलाई के तपते महीने ज़िन्दगी को जला डालते हैं। अंधा-धुंध शहरीकरण ने हरियाली के साथ-साथ पानी के स्रोतो को भी लील लिया है। इंसान तो फिर भी कोई न कोई उपाय करके भयावह गर्मी का मौसम बिता देता है -लेकिन नन्हीं चिड़ियों के लिए प्यास बुझाने हेतु पानी ढूंढना एक चुनौती से कम साबित नहीं…

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Added by Nihal Singh on April 21, 2013 at 11:17am — No Comments

पानी की सियाही और काग़ज़ की कलम से...........तुम्हारा नाम जो लिखा था एक बार....

दिल का रेगिस्तान आज भी गीला है,

पानी की सियाही और काग़ज़ की कलम से

तुम्हारा नाम जो लिखा था एक बार....

Added by Nihal Singh on April 21, 2013 at 11:12am — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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