Made in India
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
गुजरते वक्त की, हर मौज ठहर जायेगी
ये चाँद बीते जमानो का आईना होगा
भटकते अब्र में चेहरा कोई बना होगा
उदास राह कोई दास्ताँ सुनाएगी
बरसता भीगता मौसम धुवा धुवा होगा
पिघलती शम्मो पे दिल का मेरे गुमा…
Added by Sonya Shah on March 15, 2014 at 7:02pm — No Comments
ARTistocracy India is an initiative to promote budding artistic talent by acting as a platform for showcase.
Added by Sonya Shah on March 13, 2014 at 2:01pm — 1 Comment
जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया
उम्र भर दोहराऊँगा ऐसी कहानी दे गया
उससे मैं कुछ पा सकूँ ऐसी कहाँ उम्मीद थी
ग़म भी वो शायद बरा-ए-मेहरबानी दे गया
सब हवायें ले गया मेरे समंदर की कोई
और मुझ को एक कश्ती बादबानी दे…
Added by Sonya Shah on March 12, 2014 at 3:11pm — No Comments
Added by Sonya Shah on March 11, 2014 at 7:07pm — No Comments
એક મોજું એ રીતે અથડાય છે,
સ્વપ્નમાં સૌ વ્હાણ ડૂબી જાય છે.
આ દિવસ ક્યારેય પણ ઊગતો નથી,
રાતનો ખાલી કલર બદલાય છે.
આમ કરતાં આમ કર્યું હોત તો ?
એ બધું વીત્યા પછી સમજાય છે.
તોડવું કઈ રીતથી પેન્સિલ પણું ?
શ્વાસ જન્મે ને તરત બટકાય છે.
માત્ર હું દીવાસળી બોલું અને-
ચોતરફથી આગ લાગી જાય છે.
-અનિલ ચાવડા
Added by Sonya Shah on March 10, 2014 at 5:48pm — No Comments
अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया
जिसको गले लगा लिया वो दूर हो गया
कागज में दब के मर गए कीड़े किताब के
दीवाना बे पढ़े-लिखे मशहूर हो गया
महलों में हमने कितने सितारे सजा दिये
लेकिन ज़मीं से चाँद बहुत दूर हो गया
तन्हाइयों ने तोड़ दी हम दोनों की अना
आईना बात करने पे मज़बूर हो गया
सुब्हे-विसाल पूछ रही है अज़ब सवाल
वो पास आ गया कि बहुत दूर हो गया …
Added by Sonya Shah on March 10, 2014 at 10:16am — No Comments
मैं तुझे फिर मिलूँगी
कहाँ कैसे पता नहीं
शायद तेरे कल्पनाओं
की प्रेरणा बन
तेरे केनवास पर उतरुँगी
या तेरे केनवास पर
एक रहस्यमयी लकीर बन
ख़ामोश…
Added by Sonya Shah on March 8, 2014 at 2:40pm — No Comments
हर युद्ध के बाद
किसी न किसी ने चीज़ों को तरतीबवार लगाना होता है.
चीज़ें आख़िर
ख़ुद को उठा तो नहीं सकतीं.
किसी न किसी ने
मलबे को किनारे लगाना होता है
ताकि लाशों से भरी गाड़ियों के लिए
रास्ता बन सके.
किसी न किसी ने गुज़रना ही होगा
गंदगी और राख़,
सोफ़ों के स्प्रिंग,
कांच के टुकड़ों
और ख़ून सने चीथड़ों से हो कर.
किसी न किसी ने लादना होंगे खंभे
दीवार खड़ी करने के वास्ते
किसी ने साफ़ करना होगा…
Added by Sonya Shah on March 8, 2014 at 9:14am — No Comments
Added by Sonya Shah on March 7, 2014 at 9:46am — No Comments
Added by Sonya Shah on March 5, 2014 at 3:07pm — No Comments
कितनी सदियों से ढूँढ़ती होंगी
तुमको ये चाँदनी की आवज़ें
पूर्णमासी की रात जंगल में
नीले शीशम के पेड़ के नीचे
बैठकर तुम कभी सुनो जानम
भीगी-भीगी उदास आवाज़ें
नाम लेकर पुकारती है तुम्हें
पूर्णमासी की रात जंगल में...
पूर्णमासी की रात जंगल में
चाँद जब झील में उतरता है
गुनगुनाती हुई हवा जानम
पत्ते-पत्ते के कान में जाकर
नाम ले ले के पूछती है तुम्हें…
Added by Sonya Shah on March 4, 2014 at 4:44pm — No Comments
અચાનક સંબંધ છટક્યો
પડ્યો…
ને તૂટી ગયો
સમયની સાવરણી
ફેરવી ફેરવીને થાક્યા છતાં
હજીયે -
કરચોથી મારાં તળિયાં
લોહીલુહાણ કેમ થઈ જાય છે ?
તૂટેલા મંગળસૂત્રના દાણા
હજીયે મળી આવે છે અવારનવાર…
ચાદરમાંથી ગુલાબ-મોગરાની એ સુગંધ
હજીયે જતી નથી !
લોહીનાં ધાબાં જેવાં લાગે છે ગુલાબની
કચડાયેલી પાંદડીના ડાઘ !
ચોળી ચોળીને નાહ્યા છતાં
સતત વીં…
Added by Sonya Shah on March 3, 2014 at 6:51pm — No Comments
Added by Sonya Shah on March 3, 2014 at 12:24pm — 1 Comment
Added by Sonya Shah on March 1, 2014 at 6:14pm — No Comments
आज मैंने अपना फिर सौदा किया
और फिर मैं दूर से देखा किया
ज़िन्दगी भर मेरे काम आए असूल
एक एक करके मैं उन्हें बेचा किया
कुछ कमी अपनी वफ़ाओं में भी थी
तुम से क्या कहते कि तुमने क्या किया…
Added by Sonya Shah on March 1, 2014 at 10:41am — No Comments
मनो बुध्यहंकार चिता निनाहम,
न च श्रोत्र जिह्वे न च ग्राना नेत्रे,
न च व्योमा भूमि न तेजो न वायुह,
चिदानंद रूपह शिवोहम, शिवोहम (२)
न च प्राण संग्नो न वै पंच वायुह,
न वा सप्त धातु न व पंच कोशः,…
Added by Sonya Shah on February 27, 2014 at 2:18pm — No Comments
मैं चुप शान्त और अडोल खड़ी थी
सिर्फ पास बहते समुन्द्र में तूफान था……
फिर समुन्द्र को खुदा जाने
क्या ख्याल आया
उसने तूफान की एक पोटली सी बांधी
मेरे हाथों में थमाई
और हंस कर कुछ दूर हो गया
हैरान थी….
पर उसका चमत्कार ले लिया
पता था कि इस प्रकार की घटना
कभी सदियों में होती है…..
लाखों ख्याल आये
माथे में झिलमिलाये
पर खड़ी रह गयी कि उसको उठा कर
अब…
Added by Sonya Shah on February 26, 2014 at 2:58pm — No Comments
दुश्मन-दोस्त सभी कहते हैं, बदला नहीं हूँ मैं।
तुझसे बिछड़ के क्यों लगता है, तनहा नहीं हूँ मैं।
उम्र-सफश्र में कब सोचा था, मोड़ ये आयेगा।
दरिया पार खड़ा हूँ गरचे प्यासा नहीं हूँ मैं।
पहले बहुत नादिम था लेकिन आज बहुत खुश हूँ।
दुनिया-राय थी अब तक जैसी वैसा नहीं हूँ मैं।
तेरा लासानी होना तस्लीम किया जाए।
जिसको देखो ये…
Added by Sonya Shah on February 25, 2014 at 3:38pm — No Comments
औरत ने जनम दिया मर्दों को, मर्दों ने उसे बाज़ार दिया
जब जी चाहा कुचला मसला, जब जी चाहा दुत्कार दिया
तुलती है कहीं दीनारों में, बिकती है कहीं बाज़ारों में
नंगी नचवाई जाती है, ऐय्याशों के दरबारों में
ये वो बेइज़्ज़त चीज़ है जो, बंट जाती है इज़्ज़तदारों…
Added by Sonya Shah on February 19, 2014 at 4:38pm — No Comments
चलो इक बार फिर से, अजनबी बन जाएं हम दोनो
चलो इक बार फिर से ...
न मैं तुमसे कोई उम्मीद रखूँ दिलनवाज़ी की
न तुम मेरी तरफ़ देखो गलत अंदाज़ नज़रों से
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाये मेरी बातों से
न ज़ाहिर हो तुम्हारी कश्म-कश का राज़ नज़रों से
चलो इक बार फिर से ...
तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेशकदमी से
मुझे भी लोग कहते हैं कि…
Added by Sonya Shah on February 19, 2014 at 4:36pm — No Comments
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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