Juee Gor's Blog – November 2013 Archive (6)

કવિવર્ય રમેશ પારેખને એમના જન્મદિવસ નિમિત્તે સ્મૃતિવંદના..

મને ફૂલો ની જેમ ના સવાલ કર

મને ખુશ્બુની જેટલું તું વ્હાલ કર..!





સ્વર્ગ લટકાવ્યા કર્યું શ્વાસમાં

તે ખરી પડતું રહ્યું નિ:શ્વાસમાં



ચોક ની વચ્ચે પડ્યું'તું ડૂસકું બિનવારસી

આળ મારા પર સહુએ મારું હોવાનું મુક્યું







આંખ ખોલું કે મીંચી દઉં બધું જ સરખું છે

અમારા સ્વપ્ન પ્રદેશો ય હેમખેમ નથી

ું

તું ઘણા ખાબોચિયા ખભે લઇ ચાલ્યો, રમેશ

તો ય હોનારતપણું નદીઓનું ના ઓછું થયું





આજ હે વાદળ, તમે વરસ્ય કરો

ધૂળ પણ… Continue

Added by Juee Gor on November 27, 2013 at 3:55pm — No Comments

Beautiful lines by े - अली अब्बास उम्मीद...


तुम वोह दरिया जो चढ़े भी तो घडी भर के लिए
मैं वोह कतरा हूँ जो गिर के भी समंदर देख
बात हो सिर्फ हक़ीकत की तो सह ले लेकिन
अपने ख़्वाबों को बिखरते कोई क्यूँ कर देखे
हमसे मत पूछिये क्या नफ्स पे गुजरी उम्मीद
एक एक सांस से लड़लश्कर देखे.

Added by Juee Gor on November 26, 2013 at 11:51am — 4 Comments

पीठ पर लदी विरासत

पीठ पर सुईयां चलाकर

सिलती रहीं दिन को

सूरज की पेशेवर अभ्यस्त उंगुलियां

तय रेखाओं पर कैंची चलाकर

काटकर लिखा गया रोशनी का आकार

सिलकर पूरा हुआ...।

धूप और चमक

मेरे मुंह फेरते ही चमकी

मैं अंधेरे में बढ़ा जरुर

उजाला लेकर

पर मैं सूरज नहीं था

मुझमें नहीं हैं प्रकाश के वलय

सबूत ये कि...

मुझमें जो जलता है

वह सूरज में नहीं जलता.....।

विश्वास करो,

उजाला मेरी पीठ पर लदा है

जिसे ढोकर ले जाना भर होता है मुझे...

शहर और… Continue

Added by Juee Gor on November 21, 2013 at 9:25pm — No Comments

बचपन की चाह ( कविता )

चाह यही है मेरी मैँ भी

आसमान मेँ उड जाऊँ

बादल के संग होली खेलूँ

चिडियोँ संग बतियाऊँ

तितली जैसे पंख लगाकर

परियोँ जैसा इठलाऊँ

अलग अलग फूलोँ मेँ बैठूँ

और मकरन्द चुराऊँ

इन्द्रधनुष के सतरंगी

रंगो सी पतंग बनाऊँ

रेशम की डोरी से उसको

चंदा तक पहूँचाऊँ

रिमझिम रिमझिम

पानी मेँ भीगूँ

कागज की नाव चलाऊँ

रंगबिरंगी मछली संग

पानी मेँ कूद लगाऊँ

आसमान के तारोँ को

झोली मेँ भर कर लाऊँ

जुगनु जैसा चमकूँ मैँ

कण कण मेँ… Continue

Added by Juee Gor on November 17, 2013 at 11:24am — No Comments

રમીએ

સાવ અમસ્તું નાહક નાહક નિષ્ફળ નિષ્ફળ

રમીએ,

ચાલ મજાની આંબાવાડી! આવળબાવળ રમીએ.

બાળસહજ હોડી જેવું કંઈ કાગળ કાગળ રમીએ,

પાછળ વહેતું આવે જીવન, આગળ આગળ રમીએ.

માંદા મનને દઈએ મોટું માદળિયું પહેરાવી,

બાધાને પણ બાધ ન આવે, શ્રીફળ શ્રીફળ રમીએ.

તરસ ભલેને જાય તણાતી શ્રાવણની હેલીમાં,

છળના રણમાં છાનામાના મૃગજળ મૃગજળ રમીએ.

હોય હકીકત હતભાગી તો સંઘરીએ સ્વપ્નાંઓ,

પ્રારબ્ધી પથ્થરની સાથે પોકળ પોકળ

રમીએ.

ફરફર ઊડતું રાખી પવને પાન સરીખું પહેરણ,

મર્મર સરખા… Continue

Added by Juee Gor on November 12, 2013 at 9:42pm — 1 Comment

"સંબંધો"

કેટલાક સંબંધો હોય છે- મોરપિચ્છ જેવા

સુંવાળા ને આંખોને ગમે તેવા.

કેટલાક સંબંધો હોય છે- ચંદ્ર, તારા જેવા

દૂરથી જ જોવાના, સ્પર્શી શકાય નહિ તેવા.

કેટલાક સંબંધો હોય છે- અત્તર જેવા

દૂરથી જ મઘમઘતા હોય.

કેટલાક સંબંધો મનના ખૂણામાં સંતાડી રાખવાના,

બીજા કોઈ જોઈ ન જાય, જાણી ન જાય.

કેટલાક સંબંધો હોય છે- મણ મણના બોજ જેવા,

એને ટાળી શકાતા નથી.

કેટલાક સંબંધો બસ તોડી જ નાખવાના

ક્યારેય યાદ નહિ કરવાના,

પાટી પરના અક્ષરની જેમ-

કાયમના ભૂંસી… Continue

Added by Juee Gor on November 9, 2013 at 10:37pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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