Made in India
"When doubt arose in my mind,
soul startle its journey,
I wandered from town to town,
In search of peace and love.
I seeks for untold truth,
but can't believe the outer world,
since doubt arose in my mind.
When my heart was filled with pain,
and the world appeared unfair,
I turn inwards to heal my wound,
In search of peace and love,
I kept changing people I knew.
When i couldn't find the love,
my heart startle…
Added by Geeta Negi on September 10, 2020 at 12:30am — No Comments
"Defame"
" Misunderstood by the crowd,
stood firm on my ground
fighting for my believe,
Though i preserve the culprit
which you thought were so mean,
without any support,
I strive my best.
justice for accused & victim
Both must get fair chance.
You recognise me by my act,
never looked beyond that.…
Added by Geeta Negi on September 9, 2020 at 9:00am — No Comments
"Shall i believe u? "
" whatever u had spoken to me,
the words which hurt me
penetrated deep into my heart,
they still lie there as a mark..
every time when i came to u
i relied and trusted u
the words u spoke to me,
to shook me or calm me,
i believe u.
The words which never expressed ur true self,
the words which were fake,
hollow like ur fake emotions,
in a strive to hide ur true self.
when u spoke…
Added by Geeta Negi on September 6, 2020 at 12:30pm — No Comments
"अंदर का गुबार
अश्क बन छलक पड़ता है
दिल में दर्द बढ़ जाये तो
आँखों से बया होता है !
वो शक्श
जो रोया नहीं
टूट जाने पर भी ,
उसकी मुस्कराहट में भी
दर्द का एहसास होता है!"
@ Geeta Negi
Added by Geeta Negi on September 5, 2020 at 9:28pm — No Comments
"बे वक़्त ब्लेंक मैसेज देख
अक्सर दिल सोचता हैं
जाने शब्दो कि कमी हैं
या
एहसासो की
या शायद
कुछ ऐसा नहीं
जो जोड़े दो दीवारों को !"
Added by Geeta Negi on September 5, 2020 at 9:17pm — No Comments
"रूप विभस्त, तेज़ हैं वाणी,
मोहित नहीं, भयभित करू मैं !
समझ ना नाज़ुक, रुद्र रूप हैं!
शूशोभित शूल से, ये मेरा तन हैं !
पास न आना, पछतायेगा!
तेरे लिए, धारा रूप हैं !
शुर -वीर भी पास ना आये,
मेरे तन से वो घबराये!
बात बताऊ तुमको सच्ची,
मुझे भाती फूल पत्ती!
झटपट पेड़ पे चढ़ जाऊ!
लेकिन ज़मीन पे, मैं इतराऊं!
पास मेरे, जो कोई आये,
भय से ख़ुद ओझल हों जाये!
पर उसका भय सताये मुझको,
इतना तेज़ भगाये मुझको!
जैसे…
ContinueAdded by Geeta Negi on September 5, 2020 at 2:25pm — 3 Comments
उनके संग गुजरा वक़्त ,
समेट के चले
हम अपने संग उनके प्यार को
समेट के चले!
यु तो उनका एहसास
हमेशा साथ रहता है!
आज उनके प्यार की सौगात,
साथ लेकर चले!
ज़िन्दगी मुकम्मल सी ,
लगती है उनके संग !
अपनी चाहत पे उनकी भी
मोहर हम लेकर चले !
वक़्त अब सुकून से,
कट जौएगा उनके बिना भी,
दोबारा उनसे मिलने की हसरत,
दिल में लेकर चले!
प्यार से जो वक़्त गुजरा
अपने संग समेट के चले ,
कुछ इस तरह खुशनुमा,
अलविदा किया उनको ,…
Added by Geeta Negi on September 3, 2020 at 11:23pm — No Comments
हलक़ में गाँठ सी मेहसूस होती है ,
शायद कोई बात आ फास्सी हैं!
कई दिनों से खुद संग यु मशरूफ़ रहें,
भरी महफ़िल में भी तन्हाई मेहसूस होती है !
नज़र नहीं आता कोई शक़्श ,
जिन संग मन हल्का किआ जाये ;
कुछ अपनी कहे कुछ उनकी सुनी जाए;
यु तो बहोत लोग है
मोबाइल की कांटेक्ट लिस्ट में,
पर वैसे नहीं जिन्हे,
दिल का हाल…
Added by Geeta Negi on September 3, 2020 at 4:30pm — No Comments
कड़कड़ाती ठण्ड के
कौहरे में जाती हूँ मैं !
अपनी धुंन ,
तेरे खयालो में मस्त,
यु गुजरती जाती हूँ मैं,
कभी जो ठोंकर लगे यूँ
की खुदको संभाल ना सकू मैं !
सोचती हूँ,
कौन बताएगा तुम्हे?
ठोंकर से घायल
मेरे बारे में!
कोहरेका साया जब
बढ़ता जाता हैं ,
नज़रो के सामने
अंधेरा छा जाते हैं !
खो जाती हु,
कहीं उस धुंध के साये में!
जो कभी भटक जाऊ,
तो सोचती हूँ,
कौन बताएगा तुम्हे,
के अब वो…
Added by Geeta Negi on September 2, 2020 at 3:00pm — No Comments
"रामायण के किरदारो का,
कुछ अंश जो मुझमें आ जाये,
प्रेम, त्याग, सद्भाव जो उनके,
मेरे मन में यूँ बस जाये!
कठनाई के बादल,
पलक झपकते झट जाये !
भावनाओ और उपेक्षा का,
सागर जो मन में उठता हैं !
भव-सागर को पार करने,
संयम और श्रम से,
एक अनोखी नैया बन जाये !!! "
-Geeta…
Added by Geeta Negi on September 1, 2020 at 9:30pm — 2 Comments
तो उसे तोड़ा नहीं करते,
सच्चे प्यार में किसी को
कैद, किआ नहीं करते!
प्यार तो वो हैं जिसमे
प्रेमी ख़ुद बंध जाता हैं
जबरन किसी को
कैद किआ नहीं करते !
मजबूरियां रही होंगी उनकी,
दूर जाने की,
मोहब्बत को अपनी रुसवा,
कभी किया नहीं करते !
सच्चा प्यार वो नहीं
जो…
Added by Geeta Negi on September 1, 2020 at 8:00pm — No Comments
कुछ अनजाने चेहरे है
बेमतलब बेहद करीबी रिश्तो से ;
ख़ामोशी हैं चारो और ,
शोर सा मन में उठता है !
देख तुझे परेशां मन क्यों बेचैन होता है ,
ऊपर से ख़ामोशी है ,
अंदर ही अंदर कोई सिसकता हैं
तकलीफ किसी एक को होती है
तो दर्द दूजे को होता है !
दुनिया जहाँ के शब्द जहाँ बेमतलब से लगते है
मन ही मन जाने भतेरो बातें हम करते है ,
खयालो और हकीकत में जहाँ
ज़मी आसमान का अंतर है,
कुछ ऐसे ही किस्से है
जो खयालो में दम तोडा…
Added by Geeta Negi on September 1, 2020 at 6:16am — No Comments
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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