Geeta Negi's Blog – August 2020 Archive (29)

"दो घड़ी का साथ !"

‍‍‍‍तुमसे दूर जाऊ भी तो कैसे ?

नाराज़गी अपनी दिखाऊ भी तो कैसे?

दो घड़ी का साथ मिलता है तुम्हारा

उससे भी व्यर्थ  गवाउ  भी तो कैसे?

बिन तेरे जो वक़्त गुजर  गया,

जाने कितना कुछ सीखा गया!

हर एक छोटी -छोटी बाते ,

दो पल में तुझे बताऊ  कैसे?

तुमसे दूर जाऊ भी तो कैसे ?

नाराज़गी तेरी मिटाऊ भी तो कैसे ?

दो घड़ी का साथ मिलता है तुम्हारा,

उससे व्यर्थ  गवाउ  भी तो कैसे?

दोस्ती का रिश्ता जितना प्यारा  पाया,

किसी और नाम से तुझे  बुलाऊ  कैसे ?

तुम कहते…

Continue

Added by Geeta Negi on August 31, 2020 at 1:46pm — 1 Comment

‍‍‍‍‍प्रेशर और डेड लाइन में, काम करने का, अपना मज़ा है !

‍‍‍‍‍प्रेशर और डेड लाइन में
काम करने का,
अपना मज़ा है !
सब कुछ भुला कर,
मंज़िले हासिल करने का,
अपना मज़ा है!!
जब दिल और दिमाग  कही और हो!
हर पल मन मार  कर,
कुछ किया तो क्या किया?

वक़्त का पता भी न चले
और सर पे सवार जूनून हो,
कुछ इस तरह देर रात जागके,
मन चाहा काम करने का
अपना मज़ा है !
@Geeta Negi

Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 11:25pm — No Comments

‍‍फुर्सत में हम  खुदको, कुछ इस तरह मशरूफ  रखते है!

‍‍फुर्सत में हम  खुदको

कुछ इस तरह मशरूफ  रखते है

दर्द में ख़ुशी को और

ख़ुशी में गम को ढूंढ लिए  करते है !

मिलजाये अगर कोई वजह दर्द की तो

दर्द में ख़ुशी ,ख़ुशी में गम छुपा लेते है ,

बेवजह आज भी यूही मुस्कुरा लेते है ,

फुर्सत में उससे जब भी याद कर लेते है!

साथ बिताये पल याद आ जाये अगर

तो उन्हें याद कर मुस्कुरा लेते हैं…

Continue

Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 7:18pm — No Comments

ज़िन्दगी या मौत? जाने कौन ज्यादा सुन्दर लगता हैं?

‍ज़िन्दगी को सुन्दर मानते  थे हम,

उसके हर एक पल को जीना  चाहते थे हम ,

जिंदगी की चाहत में जाने कितने अपनों से रुठ गए

जाने कितने दूर हो गए,

पर ज़िंदगी के आखरी पलो में ,

कितना कुछ कहने का मन करता है !

जिनसे जान बूझकर रूठ गए थे

उन्हें मानाने ,अनकही बाते सुनाने  का मन करता है !

जिन्हे इंतज़ार करवाते रहने का एहसास तक न था

आज उन संग दो घड़ी बिताने  का मन करता है !

इन आखरी पलों में एहसास हुआ जैसे

जिंदगी से सुन्दर तो मौत है ,

जब भी वो सामने आती है…

Continue

Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 1:05am — 1 Comment

वो सूरज और चाँद हैं मेरा, देखो कैसे सताता हैं !

"वो सूरज है दिन के उजाले में

और चाँद है मेरी रातो  का!

झुलसती हु  तपिश में जिसकी ,

सूरज बन वो, दिन रोशन कर जाता है !

वक़्त गुजरते, शाम ढले जब,

घनघोर  अँधेरा छाता हैं,

रूप बदल वो, सावर्या

चाँद, मेरा बन जाता है!

रात डूबा कर, चांदनी में,

मुझे शीतल कर जाता है !

वो सूरज और चाँद है  मेरा,

देखो कैसे बेहलाता है?

वो सूरज और चाँद  हैं मेरा 

कुछ ऐसे मुझे सताता  है! "  

@Geeta Negi…

Continue

Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 12:47am — No Comments

‍‍शौर  में चीख, सुनाई नहीं देती!

‍‍शौर  में चीख,

सुनाई नहीं देती!

किसी के अंदर की आवाज़,

बाहर नहीं आती,

कोई  देख के चीज़े,

अंदेखा करता है !

तो कोई बिन आँखों के,

सब देख लेता हैं!

कुछ हादसे,

यु घट जाते है,

भीतर से हमे,

हिल्ला  जाते है !

मन केहता है,

कैसे अनदेखा कर दू इसे?

और धीमे  हलक से

आवाज़ बहार आती है !

बाहर  के शौर में,

वो दबी रह जाती है  !

अंतर  मन में ,

द्वंध मचा कर जाती है !

अजब - गजब  की ये दुनिया है,

कोई…

Continue

Added by Geeta Negi on August 30, 2020 at 12:00am — No Comments

वो मज़्ज़ा अकेले खाने में कहाँ, जो मिठाई बाँट के खाने में है! मिठास बढ़ जाती उस की, गर उससे तुम शेयर कर के खाते  !!

‍‍मिठाई खाने का मज़्ज़ा

बचपन में कुछ यु आता था

माँ देती थी पूरा लड्डू 

जो टुकटो  में  खाया जाता था !

थोड़ा खा के ,

थोड़ा बचा के रखते थे

सब का ख़त्म हो जाने पे

जिससे निकल हम  खाते थे !

वो थोड़ा थोड़ा टूकडा  उस वक़्त

बेहद मीठा  हो जाता था

जब खाते वक़्त उसको

चुपके से  कोई खा जाता था !

अब वो मज़ा  नहीं रहा खाने में

अब  नहीं रही बात चुरा  के खाने में

जो मज़ा आता था बाँट के खाने में

नहीं मिलता पुरा लड्डू खाने में…

Continue

Added by Geeta Negi on August 29, 2020 at 2:07pm — 1 Comment

परिंदे !

जिन्हे इश्क़ है आज़ादी  से,

अक्सर लम्बी उड़ान  भरते है ;

सारा जहाँ जिसका हो,

वो परिंदो  सा उड़ा करते है!

ना  ख़्वाहिशे ज़ंजीरें बनती है  ,

ना कदम डगमगाते  हैं

ज़िंदगी में कोई भी मुश्किल आये

वो पल में हल कर जाते है !

जिन्हे इश्क़ है आज़ादी  से,

वो कहाँ बंधन में बांधते हैं?

नील गगन पुकारे जिनको

ज़मी पे कहाँ रह पाते हैं?

@Geeta Negi…

Continue

Added by Geeta Negi on August 28, 2020 at 10:57pm — No Comments

कच्ची उम्र के साथी !

‍‍‍कच्ची उम्र के साथी,

याद रेह जाते है!

छुप-छुप कर, वो बातें करना ,

एक-दूजे घर, मिलने जाना ,

बुक्स  की अदला-बदलि करना,

वो देर तक दरवाज़े पे, बातें करना ,

याद रेह जाता है !

दोस्तों संग ठिठोली  करना ,

फिर एक दूज़े संग, झगड़ा करना,

सबको मानाना  ,खुद रूठ जाना !

वो छुट्टियों में प्लानिंग  करना,

वो मॉर्निंग की जोग्गिंग, वो  संडे की मीटिंग,  

बर्थडे के प्लान्स  , वो गिफ्ट  की शॉपिंग  ,

वो शाम की चाय संग आंटी  के नुस्खे,

क्रिकेट का  मैच…

Continue

Added by Geeta Negi on August 25, 2020 at 6:41pm — 1 Comment

"साजिशें"

‍‍‍साज़िशे  वक़्त ने

कुछ इस तरह की,

उसमे मेरा

अक्स दिखने लगा है!

मासूमियत भरा बचपन

जाने कहा खोने लगा!

साजिशे वक़्त ने

कुछ इस तरह की,

ना हम रुक  सके

ना आगे बढ़ सके ;

जो कभी आँखों का तारा  था,

उसे ही दूर से देखते रहे!

घबराहट होती है

जमाने का चलन  देख के ,

कही कोई साज़िशे 

न कर ले उससे लेके,

फिर भी

शम्भु भरो से

रखा  है उससे,

फिर कोई शाजिश  हो

और वो मुझे से आ मिले !

@Geeta Negi…

Continue

Added by Geeta Negi on August 24, 2020 at 3:29pm — 1 Comment

मुझसा वो!

"अंजाना वो लगता है,  

खुदमें खोया रहता है! 

‍‍अनसुलझी पहेली  सा वो,  

खुदमे उलझा  सा रहता है! 

जाने क्या  तलाशे  सब में?  

खुदको ढूंढा  वो करता है! 

ढेरो सवालो  के जवाब  खोज़ता, 

खुद सवाल  बन वो फिरता है !

औरो की मन की वो जाने,  

खुद  कि बात ज़ुबाँ से कहाँ बोलता  है ?

पल-पल में वो  रूप बदलता, 

कोई बेह रूपिया लगता हैं !…

Continue

Added by Geeta Negi on August 24, 2020 at 1:05am — No Comments

"गोली "

‍‍गोली देते है किसी को ,
खुद भी गोली खाते है !
Iodex  लगा के घुटनो पे ,
काम पे चले जाते है!

खुशबू कहे या बदबू  उसकी
जो सब ही को पता चल जाती है !
हाल  ठीक नहीं हमारा
सब को खबर हो जाती है!

पर कुछ लोग यु भी आते है
जो मरहम लगाने से कतराते है
खुले ज़ख्म लिए वो फिरते  हैं
जाने क्यों सब से कतराते है!
उफ़! तक न निकले दर्द होने पर
इस कदर खुदको वो आज़माते है !
गोली देते है औरो को ,
खुदके ज़ख्म सेहलाते है!
@Geeta Negi

Added by Geeta Negi on August 24, 2020 at 1:00am — No Comments

बेचारा आशिक !!

"‍‍‍बे-इन्तेहा  मोहब्बत के बदले,

इंतज़ार हासिल होता है !

इज़हार के बदले,

वो थाम के बैठते है

जो उनका  दिल,

अक्सर उन्हें

सिर्फ

बेक़रार दिल हासिल होता है !

उड़ा कर ले जाता है, कोई और ,

उसके मेहबूब को,

और

आशिक़   बेचारा,

शराफत से,

चाँद का इंतज़ार करता रह जाता है !"

@Geeta Negi…

Continue

Added by Geeta Negi on August 22, 2020 at 11:38pm — No Comments

"नादान दिल कहाँ समझता हैं !"

‍‍तू इंकार करता है,

दिल इकरार  समझता  है !

कानो के बदले,

शब्दों को तेरे ,

अपने दिल से सुनती  हूँ!

वो कहता है , छोड़ जाने को ,

ज़ेहन, साथ रहने को केहता है !

तेरा हर शब्द जो तुझसे,

मुझको दूर करता है!

कांनो से होकर, कही लुप्त हो जाता है !

सुनाई नहीं देते अलफ़ाज़,

कानो को बहरापन  आ जाता है!

बड़ा ज़िद्दी …

Continue

Added by Geeta Negi on August 22, 2020 at 11:30pm — No Comments

कैमरा !

‍‍‍‍लम्हों को,  कैद कर लेते है हम!

बेवजह खुदको, निहार  लेते है हम!

वक़्त बीत  जाता है, कुछ यादे दे कर!

उन यादों को,  कमरे  में कैद कर लेते है हम !



वो नज़र,  जो कमरे के उस पार से,   

देखती थी कभी, 

वो जो परफेक्ट क्लिक 

सही वक़्त पे, लिए करती थी !

उस केमरे के,…

Continue

Added by Geeta Negi on August 22, 2020 at 11:00pm — No Comments

"वो साथ होते, तो कुछ और बात होती !"

‍‍‍‍‍‍‍‍‍वो साथ होते, तो कुछ और बात होती ,

नयी-नयी सी, हर मुलाकात  होती !

देर तक सोते, बाहो  में उनकी ,

अलसायी सी सुबह, और मीठी  होती !

वो पास में होते, तो कुछ और बात होती!

चेहरे से उनके, नज़र नहीं हटती ,

उन्हें और सुन्नते रहने की  इच्छा रहती ,

उनके साथ बैठते , जाने कब शाम होती ,

वो साथ होते , तो कुछ और बात होती !

चाय संग करते ढेरो बातें ,

कह देते उन्हें मन की सारी बाते,

यूही रहते  पास हम,

यही इक ख्वाहिश होती !…

Continue

Added by Geeta Negi on August 19, 2020 at 5:00pm — No Comments

"मुझे, मुझमें ही मिला !"

‍‍जहाँ देखा, कुछ अनचाहा दिखा,

मन में द बा हुआ था जो,

अक्सर मुझे, वो दुनिया में दिखा !

जिस शक्श को भी देखा,

परेशां सा दिखा!

खुदमें खोया हुआ ,

किसी और को समझाता दिखा!

तलाशता रहा मन

जिसे, किसी दूसरे में,

वो  भाग मेरा अपना ,

मुझे, मुझे  ही मिला!

@Geeta…

Continue

Added by Geeta Negi on August 19, 2020 at 12:00pm — No Comments

"रूह जो कभी अमर हों जाएगी "

‍"जिस्म  के बिच रूह कही खो सी  जाएगी,

बदलते रहेंगे जिस्मो को, कपड़ो  कि तरह,

रूह जो कभी अमर हो जाएगी!

किस-किस में तलाश करेंगे?

अपनों की रूह को ,

हर चेहरे में अपना-सा कोई नज़र आएगा,

कभी जिस्म जाना पहचाना होगा,

कभी अनजाने जिस्म में,

किसी अपने कि रूह नज़र आएगी !

बहुत खौफ नाक हो जाएगी ज़िन्दगी,

जब किसी पे भरोसा करना मुश्किल हो जायेगा!

ना मौत का खौफ रहेगा,

ना ज़िन्दगी से प्यार,

कपड़ो सा जिस्म बदलेगा इंसान,

रूह जो कभी अमर हो…

Continue

Added by Geeta Negi on August 18, 2020 at 11:30pm — No Comments

बेहिसाब वक़्त और रिश्तो का एहसास !

"वक़्त कम सा लगता हैं,

अपनों संग बिताने  को!

मज़बूरी कि दूरियों में

सारा उम्र कटता हैं !

गुज़रता जाता पल,

आखरी वक़्त याद दिलाता हैं,

बहुत कम समय रह जाए तो,

अपनों कि याद दिलाता हैं!

बेहिसाब वक़्त मिल जाये तो,

एहसास ख़त्म हो  जाता है !"

-Geeta Negi…

Continue

Added by Geeta Negi on August 18, 2020 at 9:25pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

© 2024   Created by Facestorys.com Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Privacy Policy  |  Terms of Service