Nishit Joshi's Blog – June 2015 Archive (9)

समंदर पे भी कभी किसीका पहरा होगा

समंदर पे भी कभी किसीका पहरा होगा,

इसलिये आँखों में ही आंसू ठहरा होगा,

काहे बात पुछता है वह मेरे उल्फत की,

मेरा दावा है वह भी उससे गुजरा होगा,

दिखती है ख्वाबो में भी तस्वीर धुंधली,

लगता है उनके नजदीक ही सहरा होगा,

हो गया हो उनका दिल बेचैन मेरे लिए,

इसीलिए वह मेरा बेसब्र चश्मबरा होगा, 

घेरा हो सकता है हिज्र के ग़म ने उसे,

इसीलिए वह यहाँ हुआ ग़ज़लसरा होगा !!

नीशीत…

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Added by Nishit Joshi on June 26, 2015 at 10:32pm — 1 Comment

गवारा नहीं मुझे

तेरा बेरहम यूं हो जाना, गवारा नहीं मुझे,

वादा तोड़कर ना आना, गवारा नहीं मुझे,

ज़ालिम कहकर तंज कसते है लोग तुझ पे,

ऐसे कोई मारे तुझे ताना, गवारा नहीं मुझे,

चर्चा है तेरे मेरे इश्क़ का हर जगह शहर में,

अफवाह तुमने उसे माना, गवारा नहीं मुझे,

ना हो गर मुहब्बत तो कह देना तुम पहले,

फिर धोखा बाद में खाना, गवारा नहीं मुझे,

आकर तसल्ली दे जाओ के प्यार है मुझसे,

सिर्फ तसव्वुर में ही पाना, गवारा नहीं मुझे…

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Added by Nishit Joshi on June 26, 2015 at 10:30pm — No Comments

પોતાની કમાઇએ....

પોતાની કમાઇએ, પ્રેમમાં જીવાડવાની મજા ઓર છે,

પોતાની કમાઇએ, જાતને સુધારવાની મજા ઓર છે,

મકાન હો કે ફ્લેટ, તેમાં રહેવુ તો ગમે છે હર કોઇને,

પોતાની કમાઇએ, મકાન ચણાવવાની મજા ઓર છે,

ગાડી તો હોય છે, ને ચલાવતા પણ હોય છે ઘણા બધા,

પોતાની લીઘેલી એ ગાડી, હંકારવાની મજા ઓર છે,

શાને કરીએ ફિકર, બીજાના બાળકોના નીશાળની,

પોતાની કમાઇએ, છે તેમા ભણાવવાની મજા ઓર છે,

જોઇ બીજાના ઘરની સજાવટ, કરીયે ઇર્ષા શા માટે,

પોતાની કમાઇએ, ઘરને સજાવવાની મજા ઓર…

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Added by Nishit Joshi on June 26, 2015 at 10:29pm — No Comments

साहिल पे भी मर सकता हूँ मैं

घाव को, बेइलाज भर सकता हूँ मैं,

ग़र्क़ होकर भी, उभर सकता हूं मैं,

फिक्र नहीं, वो आइना तूट जाने की,

उन टुकड़ो में भी, संवर सकता हूँ मैं,

डर लगता नहीं, अंधेरो से अब मुझे,

जुगनूओ की, रोशनी कर सकता हूँ मैं,

आने का वादा तो करे, मेरा मुहिब्ब,

ताउम्र, उनके लिए ठहर सकता हूँ मैं,

जरूरत नहीं, समंदर में मझधार जाएँ,

कहे तो, साहिल पे भी मर सकता हूँ मैं !!!!

नीशीत जोशी  

Added by Nishit Joshi on June 26, 2015 at 10:27pm — No Comments

ઓસ ભીના ફૂલો

ઓસ ભીના ફૂલો, અમે માળામાં પરોવ્યા છે,
સુગંધે તેની, ભમરાઓને ઘણા ભરમાવ્યા છે,

આંખોની ચંચળતાને, હોઠ સુઘી ના લાવ્યા,
મૌનને, સબળ લીપીમાં ટાંકવામાં ફાવ્યા છે,

કિનારે ઉભા છતાં, દરિયા તરસ મીટાવે ક્યાં?
અમે પ્રેમને, ભરતી ઓટ સાથે સરખાવ્યા છે,

ક્યારેય દાઝ્યા નહોતા, પ્રેમદંડી પર ચાલતા,
એટલું અમારી યાદોમાં આવી સળગાવ્યા છે,

રાત-દિ નું પસાર થવું, લાગતું હોય છે ભારી,
તેમના જ સ્મરણે ઉજાગરાને અજમાવ્યા છે.

નીશીત જોશી   

Added by Nishit Joshi on June 26, 2015 at 10:26pm — No Comments

પ્રેમથી હું છલકાઉ છું

ટૂટે છે આકાશથી તારો, 'ને હું હરખાઉ છું,

માની માનીને માનતાઓ, હું મૂંઝાઉ છું,

કોને કાજે આ હ્રદય, થાય છે બેબાકળુ,

ઉલ્લેખ આવ્યે નામ તેેનુ, હું શરમાઉ છું,

હસે છે સામે મળ્યેથી, એકવાર તે જરૂર,

પ્રેમ છે, કે કરવો છે?જાણવા હું ભરમાઉ છું,

વરસો થયા, છતાં ચાલુ છું અજાણ્યા પથે,

આજે પણ પુછતા ઠેકાણુ, હું મલકાઉ છું,

જોઇ આંખોમાં દરિયો, લોકો માને છે બીજુ,

કોને સમજાવુ કે આ પ્રેમથી હું છલકાઉ છું.

નીશીત…

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Added by Nishit Joshi on June 26, 2015 at 10:24pm — No Comments

આ મોબાઇલે તો...........

પાસે હોવા છતા પણ ઘણા દુર કરી દીધા,

આ મોબાઇલે તો એવા મસગુલ કરી દીધા,

વોટ્સએપ ફેસબુકે ઘાલ્યા છે હલાડા એવા,

તેનામા મનોમન જાણે મશહુર કરી દીઘા,

ન જાણ્યા પ્રભાતના પ્રભાતીયાઓ ક્યારેય,

પણ એ સંદેશા પાઠવવા મજબુર કરી દીઘા,

સુવે છે બાજુ બાજુમાં એક પથારી પર,પણ,

મૌન રૂપી આ નશાએ તો ચકચુર કરી દીઘા,

દાટ વાળ્યો છે નાના બાળકોનો પણ એવો,

ભણતર ભુલવી હોશીયારને અબુઘ કરી દીઘા.

નીશીત જોશી    

Added by Nishit Joshi on June 26, 2015 at 10:22pm — No Comments

दिल मेरा मचल गया

बेमिसाल हुस्न उनका, दिल को मेरे छल गया,

अशआर लिखना मेरा, और कुछ संभल गया !!

दिखा दिया कुदरत ने भी, अपना यूँह असर,

वोह मुश्कुराये, और मौसम यहाँ बदल गया !!

देखा था अक्स में, और चाहने लगे थे तब से,

देखा उसने, और इम्तिहाँ मेरा सफल गया !!

बच तो गया था यूँ तो, आग के ताब से मगर,

जुगनुओं के हुजूम से, ये दिल मेरा जल गया !!

आएगी तुर्बत में, फिर ऐसी हसीँ फ़िज़ा कहाँ,

सोच के तेरे हुस्न की बाते, दिल मेरा मचल गया…

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Added by Nishit Joshi on June 26, 2015 at 10:18pm — No Comments

પણ તું નથી

શરાબ છે બરફ છે પણ તું નથી,

ગલાસ છે તરસ છે પણ તું નથી,

યાદ પણ થઇ જાય છે બેબાકળી,

રાત છે ગમ્મત છે પણ તું નથી,

ફૂલ કરમાયું પણ એ બોલે છે ઘણું,

ગુલાબ છે સુગંધ છે પણ તું નથી,

થોભવા કહ્યું વાટ જોવ છું ત્યાં જ,

પ્રવાસ છે કદમ છે પણ તું નથી,

સારવાર ઝખ્મોની થશે કેમ હવે,

ઘાવ છે મલમ છે પણ તું નથી.

નીશીત જોશી  

Added by Nishit Joshi on June 26, 2015 at 10:16pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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