Made in India
ऐसे तो सहज ही रहती हूँ
बड़ी सहजता से
बड़ी से बड़ी तकलीफ के क्षणों को
शब्दों में बाँध देती हूँ
लेकिन समानान्तर
प्रलाप करते मस्तिष्क के कोनों से
रेगिस्तानी आँखों से
शून्य में अटके वक़्त से
करती हूँ सवाल
क्या सचमुच
इतना ही सहज था सबकुछ ?
मासूम भयभीत आँखें
ममता के थरथराते पाँव
और गंदगी के ढेर पर
कोने में सिमटी उस लड़की की विवशता
जो मैंने देखी…
Added by Rashmi Prabha on March 15, 2017 at 10:26pm — No Comments
बित्ते भर की थी सच की जमीन ...
पर झूठ की ईमारत बड़ी ऊँची बनी !
एक एक कमरा शातिर
और रहनेवाले लोग धुएं के छल्लों से
जो होकर भी गुम हैं !
कहते हैं बुद्धिजीवी की शक्ल में सभी
कि बिना आग के धुंआ नहीं
एक हाथ से ताली नहीं ...
बित्ते भर की शक्ल में आम लोगों से पूछो
कि किस तरह बिना आग के वे बुरी तरह झुलस गए
किस तरह रेकॉर्डेड तालियाँ गूंजती रहीं
और वे ...............
न खुद पर बर्फ़ रख सके
न कुछ बोल सके
एक ही प्रश्न एक लगातार होते रहे…
Added by Rashmi Prabha on March 13, 2017 at 1:06am — 1 Comment
गलतफहमियां होती हैं
पर स्व विश्लेषण करने पर
दृष्टि मस्तिष्क समय अनुभव ...
ये सब ज्ञान का स्रोत बनते हैं !
एक ही व्यक्ति
सबके लिए
- एक सा नहीं होता
एक सा व्यवहार जब सब नहीं करते
तो एक सा व्यक्ति कैसे मिलेगा !
पर प्रतिस्पर्द्धा लिए
उसके निजत्व को उछालना
अपनी विकृत मंशाओं की अग्नि को शांत करना
क्या सही है ! ...
.....
पाप और पुण्य -…
Added by Rashmi Prabha on March 12, 2017 at 12:11am — No Comments
तुम्हें क्या पता
कितना चली हूँ मैं !
एक ही समय
तपती बर्फीली पहाड़ियों में
चहकते शहरों में
कभी सर सहलाया है
कभी तोतली ज़ुबान बोली हूँ
माँ नानी दादी ...
थककर भी - नहीं थकती है :)
छुट्टियों के कार्यक्रम
कल्पनाओं में रूप लेते रहते हैं
यहाँ घूमेंगे
एक दिन वो करेंगे
वो जो छोटी सी दूकान है न
वहाँ भी चलेंगे ...
खाने के लिए ये,
वो
... छुट्टियाँ हिरण सी कुलांचे भरती…
ContinueAdded by Rashmi Prabha on March 10, 2017 at 11:32pm — No Comments
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments 0 Likes
Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments 1 Like
Posted by Jasmine Singh on July 15, 2021 at 6:25pm 0 Comments 1 Like
Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment 2 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments 3 Likes
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
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