Rashmi Prabha's Blog – March 2017 Archive (4)

इतना सहज था सबकुछ ?

ऐसे तो सहज ही रहती हूँ

बड़ी सहजता से 

बड़ी से बड़ी तकलीफ के क्षणों को 

शब्दों में बाँध देती हूँ 

लेकिन समानान्तर 

प्रलाप करते मस्तिष्क के कोनों से 

रेगिस्तानी आँखों से 

शून्य में अटके वक़्त से 

करती हूँ सवाल 

क्या सचमुच 

इतना ही सहज था सबकुछ ?

मासूम भयभीत आँखें 

ममता के थरथराते पाँव 

और गंदगी के ढेर पर 

कोने में सिमटी उस लड़की की विवशता 

जो मैंने देखी…

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Added by Rashmi Prabha on March 15, 2017 at 10:26pm — No Comments

बित्ते भर की थी सच की जमीन

बित्ते भर की थी सच की जमीन ...

पर झूठ की ईमारत बड़ी ऊँची बनी !

एक एक कमरा शातिर

और रहनेवाले लोग धुएं के छल्लों से

जो होकर भी गुम हैं !

कहते हैं बुद्धिजीवी की शक्ल में सभी

कि बिना आग के धुंआ नहीं

एक हाथ से ताली नहीं ...

बित्ते भर की शक्ल में आम लोगों से पूछो

कि किस तरह बिना आग के वे बुरी तरह झुलस गए

किस तरह रेकॉर्डेड तालियाँ गूंजती रहीं

और वे ...............

न खुद पर बर्फ़ रख सके

न कुछ बोल सके

एक ही प्रश्न एक लगातार होते रहे…

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Added by Rashmi Prabha on March 13, 2017 at 1:06am — 1 Comment

हमेशा .....





गलतफहमियां होती हैं

पर स्व विश्लेषण करने पर

दृष्टि मस्तिष्क समय अनुभव ...

ये सब ज्ञान का स्रोत बनते हैं !

एक ही व्यक्ति 

सबके लिए 

- एक सा नहीं होता

एक सा व्यवहार जब सब नहीं करते

तो एक सा व्यक्ति कैसे मिलेगा !

पर प्रतिस्पर्द्धा लिए

उसके निजत्व को उछालना

अपनी विकृत मंशाओं की अग्नि को शांत करना

क्या सही है ! ...

.....

पाप और पुण्य -…

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Added by Rashmi Prabha on March 12, 2017 at 12:11am — No Comments

मैं आज भी इसी मन्त्रोच्चार में लीन हूँ

तुम्हें क्या पता

कितना चली हूँ मैं !

एक ही समय

तपती बर्फीली पहाड़ियों में

चहकते शहरों में

कभी सर सहलाया है

कभी तोतली ज़ुबान बोली हूँ

माँ नानी दादी ...

थककर भी - नहीं थकती है :)

छुट्टियों के कार्यक्रम

कल्पनाओं में रूप लेते रहते हैं

यहाँ घूमेंगे

एक दिन वो करेंगे

वो जो छोटी सी दूकान है न

वहाँ भी चलेंगे ...

खाने के लिए ये,

वो

... छुट्टियाँ हिरण सी कुलांचे भरती…

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Added by Rashmi Prabha on March 10, 2017 at 11:32pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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