Featured Blog Posts – March 2014 Archive (11)

बेदखल / पूनम तुषामड़

मां सिखाती थी अक्सर एक ही बात लड़कियों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं मैं जब भी हंसती उन्मुक्त! वे आंखें दिखाती। मैं जब भी चाहती खेलना पड़ौस में वे सहम जाती धीरे से डांट कर मुझे अंदर ले जाती। वे अनपढ़ थी पर मुझे अक्सर पढ़ने को कहती। जब भी मैंक हना चाहती कुछ खुलकर वे मुझे खामोश कर देतीं। जब मेरी शादी की बात आती मैं यकायक पराया धन हो जाती भाई क्यूं नहीं है पराया ....? वे कहीं खो जाती आह भरते हुए सिर्फ इतना कहती - वही तो है हमारे बुढ़ापे की लाठी। इन आंखों का तारा उनकी बातें मुझे अंदर तक लील…

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Added by Juee Gor on March 31, 2014 at 10:03pm — No Comments

સુખ અને દુખ નુ કારણ સરળ રીતે સમજાવતી આજ ની વાત

એક ગામમાં કોઇ એક બેંકની મોટરકાર આવી. અંતરિયાળ ગામ હોવાથી ગામમાં ભાગ્યે જ મોટરકાર જોવા મળતી આથી ઘણા લોકો ગાડી આવતા જ ભેગા થવા લાગ્યા. મોટરકારમાંથી 4 અધિકારીઓ નીચે ઉતર્યા અને ગામલોકોને છગનભાઇ અને મગનભાઇનું સરનામું પુછ્યુ. લોકોએ બંનેના ઘર બતાવ્યા એટલે બે અધિકારીઓ છગનભાઇને ત્યાં ગયા અને બે અધિકારીઓ મગનભાઇને ત્યાં ગયા.

છગનભાઇને ત્યાં ગયેલા અધિકારીઓએ છગનભાઇને કહ્યુ , " ભાઇ…

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Added by Dolly on March 31, 2014 at 3:03pm — 1 Comment

BOYCOTT IPL... WASTAGE OF POWER TIME ENERGY...

Srinivasan is a monster must be ban permanently as BCCI president... He spoiled system and Indian cricket from gentleman game to money power game... Shocking Dhony defends culprit and bookie Mayappan... Dhony if found guilty should be sacked immediately as Indian captain...
BOYCOTT IPL, its national wastage of time, energy, prestigious power. It only helps to make rich cricketers/industrialists richer at the cost of lower/middle class of India...

Added by Bipin Trivedi on March 28, 2014 at 10:57am — No Comments

ને પછી નિ:શબ્દતા. / ઉર્વીશ વસાવડા

એક કંકર, કૈંક સ્પંદન, ને પછી નિ:શબ્દતા,
સ્પર્શ પહેલો, સ્હેજ કંપન, ને પછી નિ:શબ્દતા.

યાદ છે એનું પ્રથમ એ આગમન આજે હજી ,
સ્હેજ ખનક્યું એક કંગન, ને પછી નિ:શબ્દતા.

શબ્દ ધરબાયેલ ઊંડે હોય, એને પામવા,
કેટલી રાતોનું મંથન, ને પછી નિ:શબ્દતા.

કાળની સૂક્કી ધરા પર કેટલું ચાલ્યા છતાં ,
એક બે પગલાંનું અંકન, ને પછી નિ:શબ્દતા.

જન્મ સાથે દેહમાં કેદી થયેલા શ્વાસનું,
એક પળમાં મુક્ત બંધન , ને પછી નિ:શબ્દતા.

Added by Rina Badiani Manek on March 27, 2014 at 4:41pm — No Comments

- कॉलेजचं कोलाज लाइफ -

- कॉलेजचं कोलाज लाइफ -

कॉलेजच्या पोरांचं लाइफ हाय फाय

दिमतीला असतो यांच्या नेहमीच वाय फाय ,

कॉलेजची लेक्चर्स बंक मारायची असतात

कॅन्टीन मधे वाट पाहत जंक फूड असतात ,

यशाची गुरुकिल्ली असते यांच्या हाती

वायवा अन परीक्षेची नसते यांना भीती

पुस्तकात वाचून कागदावर काय लिहायचं

गुगल वर सर्च करून जगाला दाखवायचं

२१ व्या शतकातली शिक्षण पद्धती भारी

लेक्चररचीच असते इथे परीक्षा सारी

शिक्षण पद्धती बदलावायचा व्हायला हवा…

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Added by PRADNYA PRASHANT DARBHE on March 26, 2014 at 4:33pm — 1 Comment

OWSUM... SWAMI VIVEKANAND...

In 1902, a professor asked his student whether it was God who created everything that exists in the universe?

Student replied: Yes

He again asked: what about evil ? Has God created evil also?

The student got silent. Then other student requested may he ask a question for him? 

Professor allowed him to do so.

He asked: Does cold exist?

Professor said : yes

Student said: I'm sorry but you are wrong sir. Cold is a…

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Added by Bipin Trivedi on March 25, 2014 at 10:00pm — No Comments

મોકલી દીધા/રીના

બે તરફ બે છોર દઈને મોકલી દીધા,
વાંસડો ને દોર દઈને મોકલી દીધા.

આંખને આપી તો આ કાનોની પાંપણ ક્યાં?
ચોતરફ આ શોર દઈને મોકલી દીધા!!

દીધું છે તસવીરમાં વરસાદ જેવું સુખ,
સાથે આ મનમોર દઈને મોકલી દીધા.

ડોર કઠપુતળીની તારા હાથમાં રાખી,
ને પછી આ તોર દઈને મોકલી દીધા.

દૂર દેખાડીને કોઈ રામની મૂરત
છાબડીમાં બોર દઈને મોકલી દીધા.

રીના

Added by Rina Badiani Manek on March 21, 2014 at 1:02pm — 1 Comment

क़दम उसी मोड़ पर जमे हैं / गुलज़ार

क़दम उसी मोड़ पर जमे हैं
नज़र समेटे हुए खड़ा हूँ
जुनूँ ये मजबूर कर रहा है पलट के देखूँ
ख़ुदी ये कहती है मोड़ मुड़ जा
अगरचे एहसास कह रहा है
खुले दरीचे के पीछे दो आँखें झाँकती हैं
अभी मेरे इंतज़ार में वो भी जागती है
कहीं तो उस के गोशा-ए-दिल में दर्द होगा
उसे ये ज़िद है कि मैं पुकारूँ
मुझे तक़ाज़ा है वो बुला ले
क़दम उसी मोड़ पर जमे हैं
नज़र समेटे हुए खड़ा हूँ

Added by Rina Badiani Manek on March 18, 2014 at 3:16am — 1 Comment

તાજમહેલ...

અહો! તાજમહેલ તો એક નો એક જ હોઈ શકે,

આવું વિચારનાર બંદો પણ નેક જ હોઈ શકે ,



ફરી એ શાહજહાંની ડાગળી ના ચસકે માટે જ..

મુમતાઝ-એ –આજ સુપર સ્માર્ટ જ હોઈ શકે,



શાને વર્લ્ડની વાહ લેવી છ ફૂટ અંદર રહી...

જો ખુદ-એ- ખિદમત પૂરી સલ્તનત હોઈ શકે,



સામે રહીને ખર્ચી બતાવ તું એ તાજ-એ-બચત,

ગયાં પછી મકબરો ય ના બને એવું હોઈ શકે,



સબક-એ-તાજ મહેલ ઓ બીવીઓ શીખી લો આજ...

સફર- એ- આખરી પ્લાન સજોડે જ…

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Added by Dhruti Sanjiv on March 13, 2014 at 7:30pm — 3 Comments

उड़ान हूँ मैं / अरुणा राय

हर बात के मानी नहीं होते

चीज़ें होती हैं

अपनी सम्पूर्णता में बोलती हुई

हर बार उनका कोई अर्थ नहीं होता

उन्हें सीमित करता हुआ



जैसे अपने अनंत रश्मि बिन्दुओं से बोलती

सुबहें होती हैं

जैसे फैलाती है तुम्हारी निगाह

छोर अछोर को समेटती ...



जीवन बढ़ता है

तमाम अर्थो को व्यर्थ करता

हमेशा

एक नए आकाश की ओर



उसका हिस्सा बनो

तनो मत

बल्कि खोलो खुद को

जैसे अन्धकार के गर्भ गृह से खुलती हैं

सुबहें



एक… Continue

Added by Rina Badiani Manek on March 13, 2014 at 4:55pm — No Comments

Blog Posts

परिक्षा

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:19pm 0 Comments

होती है आज के युग मे भी परिक्षा !



अग्नि ना सही

अंदेशे कर देते है आज की सीता को भस्मीभूत !



रिश्तों की प्रत्यंचा पर सदा संधान लिए रहेता है वह तीर जो स्त्री को उसकी मुस्कुराहट, चूलबलेपन ओर सबसे हिलमिल रहेने की काबिलियत पर गडा जाता है सीने मे !



परीक्षा महज एक निमित थी

सीता की घर वापसी की !



धरती की गोद सदैव तत्पर थी सीताके दुलार करने को!

अब की कुछ सीता तरसती है माँ की गोद !

मायके की अपनी ख्वाहिशो पर खरी उतरते भूल जाती है, देर-सवेर उस… Continue

ग़ज़ल

Posted by Hemshila maheshwari on March 10, 2024 at 5:18pm 0 Comments

इसी बहाने मेरे आसपास रहने लगे मैं चाहता हूं कि तू भी उदास रहने लगे

कभी कभी की उदासी भली लगी ऐसी कि हम दीवाने मुसलसल उदास रहने लगे

अज़ीम लोग थे टूटे तो इक वक़ार के साथ किसी से कुछ न कहा बस उदास रहने लगे

तुझे हमारा तबस्सुम उदास करता था तेरी ख़ुशी के लिए हम उदास रहने लगे

उदासी एक इबादत है इश्क़ मज़हब की वो कामयाब हुए जो उदास रहने लगे

Evergreen love

Posted by Hemshila maheshwari on September 12, 2023 at 10:31am 0 Comments

*પ્રેમમય આકાંક્ષા*



અધૂરા રહી ગયેલા અરમાન

આજે પણ

આંટાફેરા મારતા હોય છે ,

જાડા ચશ્મા ને પાકેલા મોતિયાના

ભેજ વચ્ચે....



યથાવત હોય છે

જીવનનો લલચામણો સ્વાદ ,

બોખા દાંત ને લપલપતી

જીભ વચ્ચે



વીતી ગયો જે સમય

આવશે જરુર પાછો.

આશ્વાસનના વળાંકે

મીટ માંડી રાખે છે,

ઉંમરલાયક નાદાન મન



વળેલી કેડ ને કપાળે સળ

છતાંય

વધે ઘટે છે હૈયાની ધડક

એના આવવાના અણસારે.....



આંગણે અવસરનો માહોલ રચી

મૌન… Continue

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

Posted by Pooja Yadav shawak on July 31, 2021 at 10:01am 0 Comments

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो

यूँ तो जलती है माचिस कि तीलियाँ भी

बात तो तब है जब धहकती मशाल बनो



रोक लो तूफानों को यूँ बांहो में भींचकर

जला दो गम का लम्हा दिलों से खींचकर

कदम दर कदम और भी ऊँची उड़ान भरो

जिन्दा हों तो जिंदगी कि मिसाल बनो

झूठ का साथी नहीं सच का सवाल बनो



यूँ तो अक्सर बातें तुझ पर बनती रहेंगी

तोहमते तो फूल बनकर बरसा ही करेंगी

एक एक तंज पिरोकर जीत का हार करो

जिन्दा हों तो जिंदगी… Continue

No more pink

Posted by Pooja Yadav shawak on July 6, 2021 at 12:15pm 1 Comment

नो मोर पिंक

क्या रंग किसी का व्यक्तित्व परिभाषित कर सकता है नीला है तो लड़का गुलाबी है तो लड़की का रंग सुनने में कुछ अलग सा लगता है हमारे कानो को लड़कियों के सम्बोधन में अक्सर सुनने की आदत है.लम्बे बालों वाली लड़की साड़ी वाली लड़की तीख़े नयन वाली लड़की कोमल सी लड़की गोरी इत्यादि इत्यादि

कियों जन्म के बाद जब जीवन एक कोरे कागज़ की तरह होता हो चाहे बालक हो बालिका हो उनको खिलौनो तक में श्रेणी में बाँट दिया जता है लड़का है तो कार से गन से खेलेगा लड़की है तो गुड़िया ला दो बड़ी हुई तो डांस सिखा दो जैसे… Continue

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी

Posted by Pooja Yadav shawak on June 25, 2021 at 10:04pm 0 Comments

यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
न रुलाती तू मुझे अगर दर्द मे डुबो डुबो कर
फिर खुशियों की मेरे आगे क्या औकात थी
तूने थपकियों से नहीं थपेड़ो से सहलाया है
खींचकर आसमान मुझे ज़मीन से मिलाया है
मेरी चादर से लम्बे तूने मुझे पैर तो दें डाले
चादर को पैरों तक पहुंचाया ये बड़ी बात की
यूँ ही मिल जाती जिंदगी तो क्या बात थी
मुश्किलों ने तुझे पाने के काबिल बना दिया
Pooja yadav shawak

Let me kiss you !

Posted by Jasmine Singh on April 17, 2021 at 2:07am 0 Comments

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है खुद के दर्द पर खामोश रहते है जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है वो जो हँसते…

Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 1 Comment

वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है

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