Made in India
Posted on August 31, 2020 at 6:37am 0 Comments 4 Likes
उस दिन गहरी नींद से जागा था
इक स्वप्न टूटा था मानो मेरा
उन चार महीनों का जब तुमने हिसाब माँगा था
निशब्द और स्तब्ध सा होकर रह गया था
शब्द मस्तिष्क के किसी भंवर में कैद थे
जो मुख तक आकर वापस लौट रहे थे
हिसाब से ज्यादा तो ये समीकरण था मेरे लिए …
ContinuePosted on August 30, 2020 at 8:03pm 3 Comments 5 Likes
लम्हों की इक दुकान लगी थी
कुछ पल खरीदने मैं भी निकल पड़ा
लंबी कतार और वक़्त भी कम
पीछे के दरवाजे से जाकर मैं
हम दोनों के लिए कुछ पल चुरा लाया
उन्हीं कुछ पलों मे साथ बैठना हमारा
इधर उधर की अंतरंगी सी बातें तुम्हारी
उन बातों पर प्रतिक्रिया के नाम पर चुप रहना मेरा
ऐसा नहीं की बातें तुम्हारी दिलचस्प नहीं
बातों में तुम्हारी इक खामोशी सी है
चुप रह कर जिसे सुनता है मन मेरा
कभी खामोशी तुम्हारी शोर मचाती है…
Posted by Pooja Yadav shawak on March 24, 2021 at 1:54pm 0 Comments 1 Like
वो जो हँसते हुए दिखते है न लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
पराये अहसासों को लफ़्ज देतें है
खुद के दर्द पर खामोश रहते है
जो पोछतें दूसरे के आँसू अक्सर
खुद अँधेरे में तकिये को भिगोते है
वो जो हँसते हुए दिखते है लोग
अक्सर वो कुछ तन्हा से होते है
Posted by Sakshi garg on February 16, 2021 at 11:18pm 0 Comments 2 Likes
जब मुझे पता चला कि तुम पानी हो
तो मै भीग गया सिर से पांव तक ।
जब मुझे पता चला कि तुम हवा की सुगंध हो
तो मैंने एक श्वास में समेट लिया तुम्हे अपने भीतर।
जब मुझे पता चला कि तुम मिट्टी हो
तो मै जड़ें बनकर समा गया तुम्हारी आर्द्र गहराइयों में।
जब मुझे मालूम हुआ कि तुम आकाश हो
तो मै फैल गया शून्य बनकर।
अब मुझे बताया जा रहा है कि तुम आग भी हो•••
तो मैंने खूद को बचा कर रख है तुम्हारे लिए।
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