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Started by Pustak Sadan May 1, 2013. 0 Replies 1 Like
Checkout our blog at Blog@FavReads Indiaअगर आप साहित्यिक लेखन में रुची रखते है और अपने तरफ से साहित्य के प्रचार-प्रसार में सक्रिय योगदान देना…Continue
Tags: Samiksha, Jiwani, Work, Literature, OPPORTUNITIES
Started by Pustak Sadan Mar 17, 2013. 0 Replies 0 Likes
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Posted by Sakshi garg on February 16, 2021 at 11:18pm 0 Comments 1 Like
जब मुझे पता चला कि तुम पानी हो
तो मै भीग गया सिर से पांव तक ।
जब मुझे पता चला कि तुम हवा की सुगंध हो
तो मैंने एक श्वास में समेट लिया तुम्हे अपने भीतर।
जब मुझे पता चला कि तुम मिट्टी हो
तो मै जड़ें बनकर समा गया तुम्हारी आर्द्र गहराइयों में।
जब मुझे मालूम हुआ कि तुम आकाश हो
तो मै फैल गया शून्य बनकर।
अब मुझे बताया जा रहा है कि तुम आग भी हो•••
तो मैंने खूद को बचा कर रख है तुम्हारे लिए।
Posted by Monica Sharma on January 24, 2021 at 11:02pm 0 Comments 2 Likes
रूठ जाने को दिल चाहता है
पर मनाओगे या नही
इस बात से डर लगता है
आंखों से बहते है झरने से आंसू
तुम हंसाओगे या नही
इस बात से डर लगता है
कहते हो मुझ में खूबी बहुत है
गले से लगाओगे या नही
इस बात से डर लगता है
इंतज़ार पर तेरे तो हक़ है मेरा
पर इस राह से आओगे या नही
इस बात से डर लगता है
ज़ख़्म इतने है के दिखा ना सके
मरहम लगाओगे या नही
इस बात से डर लगता है
तेरे लिए मौत को भी गले लगा ले
आखिरी पल देखने आओगे या नही
इस…
Posted by Jasmine Singh on January 12, 2021 at 9:06am 0 Comments 0 Likes
Posted by Monica Sharma on January 7, 2021 at 6:50pm 0 Comments 2 Likes
शानदार रिश्ते चाहिए
तो उन्हें गहराई से निभाएं
भूल होती है सभी से
पर अपनों के ज़ख्मों पर मरहम लगाए
तेरी मीठी सी मुस्कान
दवा सा असर दिखाती है
कंधे पर रख कर सिर
जब तू मुझे समझाती है
ग़म की गहरी काली रात भी
खुशनुमा सुबहों में बदल जाती है
मैं साथ हूं तेरे ये बात जब तू दोहराती है
मिस्री सी जैसे मेरे कानों में घुल जाती है
सुनो। कह कर जब बहाने से तू मुझे बुलाती है
मेरे" जी" कहने पर फिर आंखों से शर्माती है
बिन कहे तू जब इतना प्यार…
Posted by Monica Sharma on January 7, 2021 at 6:30pm 0 Comments 1 Like
जवाब दे सको शायद
ये तेरे लिए मुमकिन ही नही
मगर इंतजार पर आपके
बस हक़ है मेरा
बिन कहे तेरी आंखों को पढ़
ले जिस दिन
समझो इश्क़ मुकमिल हुआ मेरा उस दिन
हसरत है तेरी ज़रूरत नहीं ख्वाहिश बन जाएं
जिद है मेरी हर सांस पे तेरा नाम आए
जिस दिन देख मेरी आंखों की नमी
तुझे महसूस हो जाएं कहीं मेरी कमी
मेरे सवाल तुमसे जुड़ने का बहाना है
वरना हमें भीड़ में भी नही ठिकाना है
जीते है तुझे खुश करने को हम
तेरे आंगन में खुशियों के रंग भरने को…
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