Hindi Literature

For the lovers of Hindi Literature...

  • "Khamoshi"

    Thodi sone si dhoop hai...Thodi chandi si chandni....Thoda gam tumhe bhi hai...Thoda mujhe bhi...Thodi bebasi hai...Aankhe teri bhi nam hai....Meri bhi...Chal aaj fir ithlate hai....Muskurate hai....Aaj dil se puchha aakhir tu kyun khamosh hai...Hontho pe jo baat kabhi aa na saki...Aankho me woh…

    By Utsav Patel

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  • || क्या यह ब्रह्माण्ड मैत्रीपूर्ण है! ||

    बहन वृंदाने मुझसे एक सत्यघटना सुनकर  लिखी हुयी एक कथा.============================================पापा, What is your answer to the question "Is the universe a friendly place?" एलिसने पितासे पूछा. पिता मुस्कुराये, कहा, की बेटा, वह तो निर्भर है हम पर, हम सभीका अपना एक ब्रह्माण्ड है, हम जैसा बनायें,…

    By Prahlad Joshi

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  • || मतवाले मंगलको सलाम ||

    एक बार मैं अपने कम्प्युटरसे बज रहे एक गानेके साथ बड़े आनंद और प्रेमसे साथ साथ गा रहा था, तब मेरे एक मेहमान, मेरे मित्र, श्री रतिलाल जोषी, गुमसुन्न हो गए. यह एक अचरजकी बात थी, क्योंकि एक संगीत रसिक होने के कारण जब भी हम साथ कोई गीत सुनते, तो गीतके राग, ताल, संगीतकार, वाद्यवृन्दमें बज रहे वाद्योंके…

    By Prahlad Joshi

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  • तो कलम चलती है….

    लब्ज़ोको मुह में दबाकर,जब मौन के कोड़े मारता है कोई -तो कलम चलती है….वख्तको बोतलमे बंध करके,खोमोशीयो के विराने मे छोड़ आता है कोई -तो कलम चलती है…..दुनिया जिसने देखी भी नहीं, ऐसे गर्भको दफ़ना दिया जाता है -तो कलम चलती है…जो फुला-फला भी नहीं,ऐसे पौधेको ज़मीनसे उखाड़ दिया जाता है -तो कलम चलती…

    By radhika patel

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